झज्जर: पंचायती राज मंत्रालय में स्वामित्व योजना के पायलेट फेज के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को 6 राज्यों के 763 गांवों में प्रोपट्री कार्ड के वितरण का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करेंगे. इस योजना के तहत झज्जर जिले के भी 11 गांवों में योजना को क्रियान्वित करते हुए लाभार्थी कार्ड धारकों से संवाद कार्यक्रम आयोजित होगा.
डीडीपीओ ललिता वर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने और उनको आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से स्वामित्व योजना एक सार्थक कदम है. उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झज्जर जिले के 11 गांवों को लालडोरा मुक्त करते हुए गांव के हर घर की रजिस्ट्री की जाएगी और उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा.
डीडीपीओ ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत ड्रोन के द्वारा 11 गांवों में भूमि मैपिंग कर ली गई है. भूमि की सत्यापन प्रक्रिया में तेजी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ये योजना कारगर साबित होगी. योजना के अनुसार गांव के किसानों को लोन लेने के लिए भी इस योजना में सुविधाएं हैं.
ये गांव इस योजना में शामिल
डीडीपीओ ललिता वर्मा के मुताबिक झज्जर जिले के 11 गांवों को इस योजना के प्रथम चरण में जोड़ा गया है. जिनमें जोन्धी, खेड़ी खुमार, गुड्डा गिरवारड़, मातनहेल, झामरी, खेतावास, सेलहंगा, सालावास, कुंजिया, बंबुलिया, अंबोली और कॉन्द्रावली शामिल है.
ग्रामीणों को मिलेगा प्रॉपर्टी कार्ड
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को उनके इलाके की संपत्तियों से जुड़े कागजात सौंपेंगे. इसके माध्यम से किसान अपनी भूमि की जानकारी ऑनलाइन देख सकेंगे. इस योजना की शुरुआत 24 अप्रैल को की गई थी. साल 2024 तक इसे सभी 6.62 लाख गांवों में लागू किया जाएगा. योजना पीएम डिजिटल इंडिया मिशन का एक हिस्सा है. जमीनों की मैपिंग ड्रोन के द्वारा की जाएगी. छह राज्यों में इसकी शुरुआत हो चुकी है.
इन राज्यों में सौंपे जाएंगे कागजात
हरियाणा के 221, उत्तर प्रदेश के 346, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांवों के नागरिकों को कागज सौंपे जाएंगे.