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हिसार के लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज, ये उपलब्धि की नाम - Hisar Devdutt Sharma hindi news

हरियाणा में हिसार के लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Limca Book of World Records) में दर्ज हुआ है. दरअसल देवदत्त दुनिया के पहले ऐसे वर्दी धारक सैनिक बन गए हैं जिन्होंने 45 दिन में 45 मैराथन पूरी की और इनमें सेना कि 35 मैराथन रही.

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Published : Dec 14, 2022, 9:37 PM IST

हिसार: हरियाणा में हिसार के लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Limca Book of World Records) में दर्ज हुआ है. दरअसल देवदत्त दुनिया के पहले ऐसे वर्दी धारक सैनिक बन गए हैं. जिन्होंने 45 दिन में 45 मैराथन पूरी की और इनमें सेना कि 35 मैराथन रही. इस टीम का नेतृत्व कर चुके लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा ने लगातार मैराथन की दौड़ लगाने के बावजूद 70 से ज्यादा स्कूलों तथा कॉलेज में बच्चों को जागरुक और प्रेरित किया.

कब शुरू हुई मैराथन?: पूरा हिंदुस्तान आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. उसी के अंतर्गत प्रदेश भर के सभी जिलों में भारतीय नौसेना की 30 अक्टूबर से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक दिल्ली से शुरू हुई. 1500 किलोमीटर (35 मैराथन 35 दिन) की दौड़ 03 दिसंबर को दिल्ली में समाप्त हुई थी. लगातार 35 मैराथन 35 दिन 35 शहरों में एक टीम द्वारा दौडने का वर्ल्ड रिकॉर्ड इनके नाम दर्ज हो चुका है. कमांडर देवदत्त शर्मा ने ठाना है कि 100 मैराथन 100 दिन में पूरी की जाए.

वर्तमान में किसी पुरुष द्वारा लगातार 62 मैराथन की जा चुकी हैं. पिछले 09 दिन से (05 दिसंबर से 13 दिसंबर) वे हिसार के इर्द गिर्द की हर रोज 42.2 किमी की दौड़ पूरी कर रहे हैं. 13 दिसंबर को उन्होंने 45 मैराथन पूरी कर ली हैं. अब तक 45 दिन में 45 मैराथन पूरी करने वाले वे दुनिया के इकलौते वर्दीधारी सैनिक हो चुके हैं.

9 साल में पिता को खोया: गांव खरबला से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर चुके लेफ्टिनेंट कमांडर ने बताया कि उनका जीवन संघर्षों से कूट-कूट कर भरा हुआ था. महज 9 साल में पिता का साया सिर से उठ गया. उनकी पढ़ाई तथा खेल में शुरू से ही रुचि रही है. 12वीं की कक्षा विश्वास सीनियर सेकेंडरी स्कूल हिसार (Vishwas Senior Secondary School Hisar) से की. गांव में हिंदी माध्यम होने की वजह से वे 12वीं में महज 70 प्रतिशत अंक ही ले सके. एनडीए का एग्जाम 5 बार में भी नहीं क्लियर कर पाए.

बीआरसीएम कॉलेज बहल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा (Lieutenant Commander Devdutt Sharma of Hisar) (Devdutt Sharma of Hisar) ने अपने कॉलेज समय में बहुत मेहनत की और हर रोज 6 घंटे अंग्रेजी का अखबार पढ़ने में लगाते थे. ताकि अंग्रेजी में कुछ सुधार हो सके. कॉलेज में विभिन्न तरह की गतिविधियों में भाग लेते रहे. अनुशासन का अच्छे से पालन करते करते 2016 में भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन लिया.

आयरनमैन लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा एडवेंचर को भरपूर तरीके से करते हैं. वे एक आयरन मैन भी हैं (3.8 किमी तैराकी, 180 किमी साइकिलिंग, 42.2 किमी दौड़), युद्धिय गोताखोर, अल्ट्रा रनर (50 किमी से ज्यादा की दौड़), पर्वतारोही, योग प्रशिक्षक, कवि तथा मोटिवेशनल स्पीकर हैं.

ये भी पढ़ें: रोहतक पीजीआई में हंगामा, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कमेटी के साथ सिक्योरिटी ऑफिसर और नवीन जयहिंद की मारपीट

क्या है मैराथन का उद्देश्य?: 100 मैराथन 100 दिन का उद्देश्य युवाओं को सेहत के लिए जागरूक करना और सोशल मीडिया में अपना कीमती समय व्यर्थ न करने के प्रति युवाओं को बताना. आमजन को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना उनका लक्ष्य है. साथ ही मैराथन का एक उद्देश्य यह भी है कि आमजन व विद्यार्थियों को अपनी दैनिक दिनचर्या में कम से कम आधा घंटा शारीरिक व्यायाम करना चाहिए, ताकि शरीर को तंदुरुस्त रखा जा सके. उनका यह अभियान 06 फरवरी को पूरा हो जाएगा. उनका कहना है कि अगर शरीर ने साथ दिया तो उनका लक्ष्य 125 मैराथन पूरी करना है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में ग्रुप सी की भर्ती: सभी विभागों को 15 दिसंबर तक रिपोर्ट भेजने के निर्देश

हिसार: हरियाणा में हिसार के लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Limca Book of World Records) में दर्ज हुआ है. दरअसल देवदत्त दुनिया के पहले ऐसे वर्दी धारक सैनिक बन गए हैं. जिन्होंने 45 दिन में 45 मैराथन पूरी की और इनमें सेना कि 35 मैराथन रही. इस टीम का नेतृत्व कर चुके लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा ने लगातार मैराथन की दौड़ लगाने के बावजूद 70 से ज्यादा स्कूलों तथा कॉलेज में बच्चों को जागरुक और प्रेरित किया.

कब शुरू हुई मैराथन?: पूरा हिंदुस्तान आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. उसी के अंतर्गत प्रदेश भर के सभी जिलों में भारतीय नौसेना की 30 अक्टूबर से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक दिल्ली से शुरू हुई. 1500 किलोमीटर (35 मैराथन 35 दिन) की दौड़ 03 दिसंबर को दिल्ली में समाप्त हुई थी. लगातार 35 मैराथन 35 दिन 35 शहरों में एक टीम द्वारा दौडने का वर्ल्ड रिकॉर्ड इनके नाम दर्ज हो चुका है. कमांडर देवदत्त शर्मा ने ठाना है कि 100 मैराथन 100 दिन में पूरी की जाए.

वर्तमान में किसी पुरुष द्वारा लगातार 62 मैराथन की जा चुकी हैं. पिछले 09 दिन से (05 दिसंबर से 13 दिसंबर) वे हिसार के इर्द गिर्द की हर रोज 42.2 किमी की दौड़ पूरी कर रहे हैं. 13 दिसंबर को उन्होंने 45 मैराथन पूरी कर ली हैं. अब तक 45 दिन में 45 मैराथन पूरी करने वाले वे दुनिया के इकलौते वर्दीधारी सैनिक हो चुके हैं.

9 साल में पिता को खोया: गांव खरबला से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर चुके लेफ्टिनेंट कमांडर ने बताया कि उनका जीवन संघर्षों से कूट-कूट कर भरा हुआ था. महज 9 साल में पिता का साया सिर से उठ गया. उनकी पढ़ाई तथा खेल में शुरू से ही रुचि रही है. 12वीं की कक्षा विश्वास सीनियर सेकेंडरी स्कूल हिसार (Vishwas Senior Secondary School Hisar) से की. गांव में हिंदी माध्यम होने की वजह से वे 12वीं में महज 70 प्रतिशत अंक ही ले सके. एनडीए का एग्जाम 5 बार में भी नहीं क्लियर कर पाए.

बीआरसीएम कॉलेज बहल से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा (Lieutenant Commander Devdutt Sharma of Hisar) (Devdutt Sharma of Hisar) ने अपने कॉलेज समय में बहुत मेहनत की और हर रोज 6 घंटे अंग्रेजी का अखबार पढ़ने में लगाते थे. ताकि अंग्रेजी में कुछ सुधार हो सके. कॉलेज में विभिन्न तरह की गतिविधियों में भाग लेते रहे. अनुशासन का अच्छे से पालन करते करते 2016 में भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन लिया.

आयरनमैन लेफ्टिनेंट कमांडर देवदत्त शर्मा एडवेंचर को भरपूर तरीके से करते हैं. वे एक आयरन मैन भी हैं (3.8 किमी तैराकी, 180 किमी साइकिलिंग, 42.2 किमी दौड़), युद्धिय गोताखोर, अल्ट्रा रनर (50 किमी से ज्यादा की दौड़), पर्वतारोही, योग प्रशिक्षक, कवि तथा मोटिवेशनल स्पीकर हैं.

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क्या है मैराथन का उद्देश्य?: 100 मैराथन 100 दिन का उद्देश्य युवाओं को सेहत के लिए जागरूक करना और सोशल मीडिया में अपना कीमती समय व्यर्थ न करने के प्रति युवाओं को बताना. आमजन को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना उनका लक्ष्य है. साथ ही मैराथन का एक उद्देश्य यह भी है कि आमजन व विद्यार्थियों को अपनी दैनिक दिनचर्या में कम से कम आधा घंटा शारीरिक व्यायाम करना चाहिए, ताकि शरीर को तंदुरुस्त रखा जा सके. उनका यह अभियान 06 फरवरी को पूरा हो जाएगा. उनका कहना है कि अगर शरीर ने साथ दिया तो उनका लक्ष्य 125 मैराथन पूरी करना है.

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