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फिर दातौली गांव ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान, ग्रामीण बोले-पानी नहीं तो वोट नहीं

दातौली गांव के लोग पिछले कई दशकों से पानी की समस्या से जूझ रहे है. लोकसभा चुनाव में भी ग्रामीणों ने मतदान नहीं करने का फैसला लिया था, लेकिन जब अब भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो उन्होंने एक बार फिर चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है.

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Published : Sep 14, 2019, 12:00 PM IST

चरखी दादरी: तीन दशक से पेयजल संकट की समस्या से जुझ रहे दातौली गांव के लोगों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. ये फैसला गांव में पंचायत कर लिया गया.

दातौली गांव ने फिर किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार के फैसले को लेकर प्रशासन को पत्र सौंपा. ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार के जरिए सीएम के नाम पत्र लिख कर अपने फैसले के बारे में बताया. पत्र में लिखा गया कि अगर आचार संहिता लागू होने से पहले उनके गांव में पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वो लोग लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे.

फिर दातौली गांव ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान

पहले भी कर चुके हैं चुनाव बहिष्कार का ऐलान
बता दें कि दातौली गांव सालों से पेयजल की समस्या से जूझ रहा है. इससे पहले लोकसभा चुनाव का भी दातौली गांव ने बहिष्कार किया था. तब सीएम के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने वोट डाला था, लेकिन अब जब पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीणों मे पंचायत कर सबकी सहमति से विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया.

ये भी पढ़िए: 15 सितंबर के बाद उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करेगी कांग्रेस, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिए बड़े संकेत

दातौली गांव के लिए पेयजल परियोजना मंजूर-विधायक
वहीं जब इस बाके में बाढड़ा विधायक सुखविंद्र मांढी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की पेयजल समस्या को लेकर प्रदेश सरकार काफी गंभीर है. मुख्यमंत्री ने खुद ग्रामीणों को आश्वासन दिया था. जिसके बाद सरकार ने गांव की पेयजल परियोजना के लिए 5 करोड़ 75 लाख की राशि मंजूर कर दी है. जल्द ही टेंडर होने पर काम शुरू कर दिया जाएगा. इसके अलावा क्षेत्र में करीब 200 करोड़ की पेयजल परियोजनाएं भी सरकार की ओर से मंजूर की गई है.

चरखी दादरी: तीन दशक से पेयजल संकट की समस्या से जुझ रहे दातौली गांव के लोगों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. ये फैसला गांव में पंचायत कर लिया गया.

दातौली गांव ने फिर किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान
ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार के फैसले को लेकर प्रशासन को पत्र सौंपा. ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार के जरिए सीएम के नाम पत्र लिख कर अपने फैसले के बारे में बताया. पत्र में लिखा गया कि अगर आचार संहिता लागू होने से पहले उनके गांव में पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वो लोग लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे.

फिर दातौली गांव ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान

पहले भी कर चुके हैं चुनाव बहिष्कार का ऐलान
बता दें कि दातौली गांव सालों से पेयजल की समस्या से जूझ रहा है. इससे पहले लोकसभा चुनाव का भी दातौली गांव ने बहिष्कार किया था. तब सीएम के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने वोट डाला था, लेकिन अब जब पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो ग्रामीणों मे पंचायत कर सबकी सहमति से विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का फैसला लिया.

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दातौली गांव के लिए पेयजल परियोजना मंजूर-विधायक
वहीं जब इस बाके में बाढड़ा विधायक सुखविंद्र मांढी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की पेयजल समस्या को लेकर प्रदेश सरकार काफी गंभीर है. मुख्यमंत्री ने खुद ग्रामीणों को आश्वासन दिया था. जिसके बाद सरकार ने गांव की पेयजल परियोजना के लिए 5 करोड़ 75 लाख की राशि मंजूर कर दी है. जल्द ही टेंडर होने पर काम शुरू कर दिया जाएगा. इसके अलावा क्षेत्र में करीब 200 करोड़ की पेयजल परियोजनाएं भी सरकार की ओर से मंजूर की गई है.

Intro:गांव दातौली की पंचायत द्वारा मतदान बहिष्कार फैसले का मामला:-
ग्रामीणों ने प्रशासन को सौंपा पत्र, आचार संहिता लागू होने तक करेंगे इंतजार
: आचार संहिता लागू होने से पूर्व समाधान नहीं तो पंचायत का फैसला जारी रहेगा
चरखी दादरी, 14 सितम्बर (निस) : जिले के गांव दातौली में करीब तीन दशक से पेयजल संकट से जुझ रहे ग्रामीणों ने पंचायत में लिए लिए विधानसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार के फैसले को लेकर प्रशासन को अवगत कर पत्र सौंपा है। बार प्रधान ऋषिपाल पहल की अगुवाई में ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार के माध्यम से सीएम के नाम लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि आचार संहिता लागू होने से पूर्व उनके गांव की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में कोई भी ग्रामीण मतदान नहीं करेगा।Body:बता दें कि गांव दातौली की पंचायत द्वारा 10 सितम्बर को सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए फैसला लिया था कि गांव में काफी समय से पेयजल संकट बना हुआ है। इसलिए इसका स्थाई समाधान नहीं होने पर विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया जाएगा। पंचायत द्वारा लिए फैसले की प्रति ग्राम पंचायत द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी गई। ग्रामीणों द्वारा लोकसभा चुनाव में भी इस मुद्दे को उठाते हुए मतदान का बहिष्कार किया था। हालांकि उस समय प्रशासनिक अधिकारियों ने पेयजल संकट जल्द दूर करने का आश्वासन दिया था। ग्रामीणों का आरोप है कि सीएम के आश्वासन के बाद भी उनके गांव की समस्या का समाधान नहीं हो पाया।
बार प्रधान ऋषिपाल पहल की अगुवाई में ग्रामीणों ने सीएम के नाम सौंपे पंचायती पत्र में बताया गया है कि चांगरोड माइनर से जोडऩे पर गांव में पर्याप्त मात्रा में पेयजल आपूर्ति नहीं हो सकेगी। गांव दातौली के समीपवर्ती गांव दूधवा में भी सीधे सतनाली फीडर से लाइन जोडकऱ पेयजल आपूर्ति की जाती है। उसी की तर्ज पर गांव दातौली में भी सतनाली फीडर से ही लाइन को जोड़ा जाए। यदि सरकार व प्रशासन द्वारा उनकी इस मांग को नहीं माना जाता है तो वे निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी मतदान का भी बहिष्कार करेंगे।
बाक्स:-
5 करोड़ 75 लाख की परियोजना मंजूर, शीघ्र कार्य शुरू होगा
बाढड़ा विधायक सुखविंद्र मांढी ने बताया कि ग्रामीणों की पेयजल समस्या को लेकर हरियाणा सरकार काफी गंभीर है। मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीणों को आश्वासन दिया था, उसी अनुसार सरकार ने गांव की पेयजल परियोजना के लिए 5 करोड़ 75 लाख की राशि मंजूर कर दी है। जल्द ही टेंडर होने पर कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। इसके अलावा क्षेत्र में करीब 200 करोड़ की पेयजल परियोजनाएं भी सरकार द्वारा मंजूर की हैं।
विजवल:- 1
लघु सचिवालय, मांग पत्र देने पहुंचे ग्रामीण, जानकारी देते व मांग पत्र सौंपते हुए ग्रामीणों के कट शाटस
बाईट:- 2
ऋषिपाल पहल, ग्रामीण व बार प्रधान
बाईट:- 3
सुखविंद्र मांढी, विधायक बाढड़ाConclusion:
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