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HCS अधिकारी बनने पर लगी रोक को हटने के बाद आज से प्रत्याशियों के इंटरव्यू

हाईकोर्ट ने मामले में अंतरिम राहत देते हुए तहसीलदार से HCS के पद पर मनोनयन में नायब तहसीलदार के पद के अनुभव पर भी सरकार को विचार करने को कहा है.

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Published : Aug 23, 2019, 8:39 AM IST

Updated : Aug 23, 2019, 9:04 AM IST

चंडीगढ़: नायब तहसीलदार से HCS अधिकारी बनने पर लगी रोक को चंडीगढ़ हाईकोर्ट की ओर से हटाने के बाद 23 अगस्त यानी आज से प्रत्याशियों के इंटरव्यू लिये जाएंगे. इंटरव्यू पंचकूला में स्थित हरियाणा लोक सेवा आयोग के मुख्यालय शुरू होंगे.

हाईकोर्ट ने सरकार को विचार करने को कहा

हाईकोर्ट ने मामले में अंतरिम राहत देते हुए तहसीलदार से एचसीएस के पद पर मनोनयन में नायब तहसीलदार के पद के अनुभव पर भी सरकार को विचार करने को कहा है.

HCS के लिए इंटरव्यू पर लगी थी रोक

इससे पहले सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मनोनयन पर रोक के आदेश जारी कर दिए थे. दायर याचिका में बताया था कि रजिस्ट्रर 1 में सिर्फ जिला राजस्व अधिकारी और तहसीलदार कोटे से उन अधिकारियों को ही HCS पद पर मनोनित किया जा सकता है, जिनको इन पदों पर आठ वर्ष का अनुभव हो. लेकिन सरकार ने नीति में संशोधन कर अब नायब तहसीलदार के पद पर किए गए अनुभव को भी इसमें जोड़ दिया है जो तय प्रावधानों का उलंघन है.

12 अप्रैल को जारी लिस्ट पर रोक लगाने की मांग

दायर याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया है कि, नायब तहसीलदार, जिला राजस्व अधिकारी और तहसीलदार से छोटा होता है और उनके अधीन काम करता है. इसलिए सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है वो सही नहीं है. इसी के साथ ही सरकार द्वारा 12 अप्रैल को जारी उस लिस्ट पर भी रोक लगाने की मांग की गई थी जिसके तहत सरकार ने 9 अधिकारियों को HCS के पद पर मनोनित कर दिया.

नहीं है अंतिम फैसला

इसी के साथ हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को साफ कर दिया कि यह सिर्फ अंतरिम आदेश है, तहसीलदार से HCS में मनोनयन की सूची इस मामले में हाईकोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर है.

चंडीगढ़: नायब तहसीलदार से HCS अधिकारी बनने पर लगी रोक को चंडीगढ़ हाईकोर्ट की ओर से हटाने के बाद 23 अगस्त यानी आज से प्रत्याशियों के इंटरव्यू लिये जाएंगे. इंटरव्यू पंचकूला में स्थित हरियाणा लोक सेवा आयोग के मुख्यालय शुरू होंगे.

हाईकोर्ट ने सरकार को विचार करने को कहा

हाईकोर्ट ने मामले में अंतरिम राहत देते हुए तहसीलदार से एचसीएस के पद पर मनोनयन में नायब तहसीलदार के पद के अनुभव पर भी सरकार को विचार करने को कहा है.

HCS के लिए इंटरव्यू पर लगी थी रोक

इससे पहले सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मनोनयन पर रोक के आदेश जारी कर दिए थे. दायर याचिका में बताया था कि रजिस्ट्रर 1 में सिर्फ जिला राजस्व अधिकारी और तहसीलदार कोटे से उन अधिकारियों को ही HCS पद पर मनोनित किया जा सकता है, जिनको इन पदों पर आठ वर्ष का अनुभव हो. लेकिन सरकार ने नीति में संशोधन कर अब नायब तहसीलदार के पद पर किए गए अनुभव को भी इसमें जोड़ दिया है जो तय प्रावधानों का उलंघन है.

12 अप्रैल को जारी लिस्ट पर रोक लगाने की मांग

दायर याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया है कि, नायब तहसीलदार, जिला राजस्व अधिकारी और तहसीलदार से छोटा होता है और उनके अधीन काम करता है. इसलिए सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है वो सही नहीं है. इसी के साथ ही सरकार द्वारा 12 अप्रैल को जारी उस लिस्ट पर भी रोक लगाने की मांग की गई थी जिसके तहत सरकार ने 9 अधिकारियों को HCS के पद पर मनोनित कर दिया.

नहीं है अंतिम फैसला

इसी के साथ हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को साफ कर दिया कि यह सिर्फ अंतरिम आदेश है, तहसीलदार से HCS में मनोनयन की सूची इस मामले में हाईकोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर है.

Intro:चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के नायब तहसीलदार से एचसीएस अधिकारी बनने पर लगी रोक हटाने के बाद कल 23 अगस्त से प्रत्याशियों के इंटरव्यू शुरू हो जाएंगे। इंटरव्यू पंचकूला में हरियाणा लोक सेवा आयोग के मुख्यालय पर दोपहर बाद शुरू होंगे। हाईकोर्ट ने मामले में अंतरिम राहत देते हुए तहसीलदार से एचसीएस के पद पर मनोनयन में नायब तहसीलदार के पद के अनुभव पर भी सरकार को विचार करने को कहा है। हाई कोर्ट ने यह आदेश उस याचिका को लेकर दिए हैं जिसमें नायब तहसीलदार को एस के पद पर पदोन्नति देने के सरकार की फैसले को चुनौती दी गई है।

Body:याचिका में  हरियाणा सरकार कि ओर से  16 फरवरी को जारी उस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की है, जिसके तहत जिला राजस्व अधिकारी और तहसीलदार कोटे से एचसीएस मनोनित करने के लिए आठ साल के अनुभव को तय करने के लिए नायब तहसीलदार के पद पर किए गए काम को भी अनुभव में शामिल किए जाने की स्वीकृति दी गई हैं। इससे पहले सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मनोनयन पर रोक के आदेश जारी कर दिए थे। 

इस मामले को लेकर दायर  याचिकाकर्ता ने दायर याचिका में बताया है कि रजिस्ट्रर 1 में सिर्फ जिला राजस्व अधिकारी और तहसीलदार कोटे से उन अधिकारियों को ही एचसीएस पद पर मनोनित किया जा सकता है जिनको इन पदों पर आठ वर्ष का अनुभव हो। लेकिन सरकार ने नीति में संशोधन कर अब नायब तहसीलदार के पद पर किए गए अनुभव को भी इसमें जोड़ दिया है तय प्रावधानों का उलंघन है। 

दायर याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया है कि, नायब तहसीलदार जिला राजस्व अधिकारी और तहसीलदार से छोटा होता है और उनके अधीन काम करता हैं। इसलिए सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है वो सही नहीं हैं। इसी के साथ ही सरकार द्वारा 12 अप्रैल को जारी उस लिस्ट पर भी रोक लगाने की मांग की गई थी जिसके तहत सरकार ने 9 अधिकारियों को एचसीएस के पद पर मनोनित कर दिया । इसी के साथ हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को साफ कर दिया कि यह सिर्फ अंतरिम आदेश है, तहसीलदार से एचसीएस में मनोनयन की सूची इस मामले में हाईकोर्ट के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी।Conclusion:
Last Updated : Aug 23, 2019, 9:04 AM IST
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