चंडीगढ़: ड्रग्स मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस ए बी चौधरी की स्पेशल बेंच पर सुनवाई के दौरान एस टी एफ की रिपोर्ट को लेकर जब कोर्ट ने पंजाब ए जी से पूछा कि एस टी एफ रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई, तो उन्होने बताया कि सरकार रिपोर्ट पर अपना जवाब सील्ड कवर में दे चुकी है. इस बीच ए जी के एक सवाल ने वकीलों के बीच जोरदार बहस का रूप ले लिया, जिसके चलते चीफ जस्टिस ने सुनवाई को टालते हुए कहा कि सीनियर एडवोकेट अगर ऐसा बर्ताव करेंगें तो युवा वकील क्या सीखेंगें.
दरअसल पंजाब ए जी अतुल नंदा के मुताबिक यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर किस पक्ष की तरफ से कौन से वकील अपीयर हो रहे हैं, क्योंकि मामला मुख्य मुद्दे से भटक गया है और एक के बाद एक एप्लीकेशन कोर्ट में फाइल की जा रही हैं, जिसको लेकर कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने कहा की यह बार मेंबर्स का अपमान है. इसे लेकर अनुपम गुप्ता और केंद्र सरकार के वकील चेतन मित्तल के बीच जोरदार बहस हो गई. यहां तक कि दोनों वरिष्ठ वकीलों ने पारिवारिक टिप्पणिया तक कर डाली. हालात खराब होते देख चीफ जस्टिस ने ये कहकर सुनवाई को टाल दिया कि अगर सीनियर वकील इस तरह का बर्ताव दिखाएंगे, तो युवा वकील क्या सीखेंगे?
आपको बता दें कि कोर्ट में आज केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने चीफ जस्टिस के बेंच को बताया कि केंद्र सरकार ने एक एस टी एफ का गठन दिल्ली में किया है. ये जानने के लिए कि आखिर ड्रग्स से जुडे मामलों का कोई टेरर लिंक्स तो नहीं.
गौरतलब है कि पंजाब में ड्रग्स से जुडे़ 9 हजार 800 केस दर्ज हैं, जिनमें से बडे़ मामलों टेरर लिंकस की संभावना है. मिली जानकारी के मुताबिक इसका लिंक राज्स्थान और कश्मीर से भी हो सकता है, इसलिए इंटेलिजेंस और अन्य एंजेसियां साथ में मिलकर ऐसे मामलों की जांच करेंगें. उल्लेखनीय है कि ईडी की तरफ से कोर्ट में इससे जुडा एफिडेविड भी फाइल किया गया है