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वकीलों की हुई ऐसी बहस की जज को करवाना पड़ा बीच-बचाव, ड्रग्स मामले में हो रही थी सुनवाई

ड्रग्स मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस एबी चौधरी की स्पेशल बेंच पर सुनवाई के दौरान एसटीएफ की रिपोर्ट को लेकर जब कोर्ट ने पंजाब एजी से पूछा कि एसटीएफ रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई, तो उन्होने बताया कि सरकार रिपोर्ट पर अपना जवाब सील्ड कवर में दे चुकी है.

हाई कोर्ट, चंडीगढ़ (फाइल फोटो)
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Published : Feb 23, 2019, 1:15 PM IST

Updated : Feb 23, 2019, 4:42 PM IST

चंडीगढ़: ड्रग्स मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस ए बी चौधरी की स्पेशल बेंच पर सुनवाई के दौरान एस टी एफ की रिपोर्ट को लेकर जब कोर्ट ने पंजाब ए जी से पूछा कि एस टी एफ रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई, तो उन्होने बताया कि सरकार रिपोर्ट पर अपना जवाब सील्ड कवर में दे चुकी है. इस बीच ए जी के एक सवाल ने वकीलों के बीच जोरदार बहस का रूप ले लिया, जिसके चलते चीफ जस्टिस ने सुनवाई को टालते हुए कहा कि सीनियर एडवोकेट अगर ऐसा बर्ताव करेंगें तो युवा वकील क्या सीखेंगें.

दरअसल पंजाब ए जी अतुल नंदा के मुताबिक यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर किस पक्ष की तरफ से कौन से वकील अपीयर हो रहे हैं, क्योंकि मामला मुख्य मुद्दे से भटक गया है और एक के बाद एक एप्लीकेशन कोर्ट में फाइल की जा रही हैं, जिसको लेकर कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने कहा की यह बार मेंबर्स का अपमान है. इसे लेकर अनुपम गुप्ता और केंद्र सरकार के वकील चेतन मित्तल के बीच जोरदार बहस हो गई. यहां तक कि दोनों वरिष्ठ वकीलों ने पारिवारिक टिप्पणिया तक कर डाली. हालात खराब होते देख चीफ जस्टिस ने ये कहकर सुनवाई को टाल दिया कि अगर सीनियर वकील इस तरह का बर्ताव दिखाएंगे, तो युवा वकील क्या सीखेंगे?

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आपको बता दें कि कोर्ट में आज केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने चीफ जस्टिस के बेंच को बताया कि केंद्र सरकार ने एक एस टी एफ का गठन दिल्ली में किया है. ये जानने के लिए कि आखिर ड्रग्स से जुडे मामलों का कोई टेरर लिंक्स तो नहीं.

गौरतलब है कि पंजाब में ड्रग्स से जुडे़ 9 हजार 800 केस दर्ज हैं, जिनमें से बडे़ मामलों टेरर लिंकस की संभावना है. मिली जानकारी के मुताबिक इसका लिंक राज्स्थान और कश्मीर से भी हो सकता है, इसलिए इंटेलिजेंस और अन्य एंजेसियां साथ में मिलकर ऐसे मामलों की जांच करेंगें. उल्लेखनीय है कि ईडी की तरफ से कोर्ट में इससे जुडा एफिडेविड भी फाइल किया गया है

चंडीगढ़: ड्रग्स मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस ए बी चौधरी की स्पेशल बेंच पर सुनवाई के दौरान एस टी एफ की रिपोर्ट को लेकर जब कोर्ट ने पंजाब ए जी से पूछा कि एस टी एफ रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई, तो उन्होने बताया कि सरकार रिपोर्ट पर अपना जवाब सील्ड कवर में दे चुकी है. इस बीच ए जी के एक सवाल ने वकीलों के बीच जोरदार बहस का रूप ले लिया, जिसके चलते चीफ जस्टिस ने सुनवाई को टालते हुए कहा कि सीनियर एडवोकेट अगर ऐसा बर्ताव करेंगें तो युवा वकील क्या सीखेंगें.

दरअसल पंजाब ए जी अतुल नंदा के मुताबिक यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर किस पक्ष की तरफ से कौन से वकील अपीयर हो रहे हैं, क्योंकि मामला मुख्य मुद्दे से भटक गया है और एक के बाद एक एप्लीकेशन कोर्ट में फाइल की जा रही हैं, जिसको लेकर कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने कहा की यह बार मेंबर्स का अपमान है. इसे लेकर अनुपम गुप्ता और केंद्र सरकार के वकील चेतन मित्तल के बीच जोरदार बहस हो गई. यहां तक कि दोनों वरिष्ठ वकीलों ने पारिवारिक टिप्पणिया तक कर डाली. हालात खराब होते देख चीफ जस्टिस ने ये कहकर सुनवाई को टाल दिया कि अगर सीनियर वकील इस तरह का बर्ताव दिखाएंगे, तो युवा वकील क्या सीखेंगे?

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आपको बता दें कि कोर्ट में आज केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने चीफ जस्टिस के बेंच को बताया कि केंद्र सरकार ने एक एस टी एफ का गठन दिल्ली में किया है. ये जानने के लिए कि आखिर ड्रग्स से जुडे मामलों का कोई टेरर लिंक्स तो नहीं.

गौरतलब है कि पंजाब में ड्रग्स से जुडे़ 9 हजार 800 केस दर्ज हैं, जिनमें से बडे़ मामलों टेरर लिंकस की संभावना है. मिली जानकारी के मुताबिक इसका लिंक राज्स्थान और कश्मीर से भी हो सकता है, इसलिए इंटेलिजेंस और अन्य एंजेसियां साथ में मिलकर ऐसे मामलों की जांच करेंगें. उल्लेखनीय है कि ईडी की तरफ से कोर्ट में इससे जुडा एफिडेविड भी फाइल किया गया है

Intro:ड्रग्स मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस ए बी चौधरी की स्पेशल बेंच पर सुनवाई के दौरान एस टी एफ की रिपोर्ट को लेकर जब कोर्ट ने पंजाब ए जी से पूछा कि एस टी एफ रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही की तो उन्होने बताया कि सरकार रिपोर्ट पर अपना जबाब सील्ड कवर में दे चुकी है लेकिन ए जी के एक सवाल ने वकीलों के बीच ज़ोरदार बहस का रूप ले लिया जिसके कारण चीफ जस्टिस ने सुनवाई को टालते हुए कहा कि सीनियर एडवोकेट अगर ऐसे बर्ताव करेंगें तो युवा वकील क्या सीखेंगें...


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ड्रग्स मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस ए बी चौधरी की स्पेशल बेंच पर सुनवाई के दौरान एस टी एफ की रिपोर्ट को लेकर जब कोर्ट ने पंजाब ए जी से पूछा कि एस टी एफ रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही की तो उन्होने बताया कि सरकार रिपोर्ट पर अपना जबाब सील्ड कवर में दे चुकी है लेकिन ए जी के एक सवाल ने वकीलों के बीच ज़ोरदार बहस का रूप ले लिया जिसके कारण चीफ जस्टिस ने सुनवाई को टालते हुए कहा कि सीनियर एडवोकेट अगर ऐसे बर्ताव करेंगें तो युवा वकील क्या सीखेंगें...



ड्रग्स मामले को लेकर आज सबकी निगाहें हाईकोर्ट की तरफ टिकी हुई थी क्योकिं स्पेशल बेंच को पिछली सुनवाई में मुख्य बिंदुओं के बारें में जानकारी दे दी गई थी..लेकिन इससे पहले की एस टी एफ रिपोर्ट पर विस्तार से कोर्ट में चर्चा होती उससे पहले ही ए जी पंजाब अतुल नंदा के एक सवाल ने ज़ोरदार बहस का रूप ले लिया..दरअसल पंजाब ए जी अतुल नंदा ने कहा यह जानना बहुत जरूरी है कि आखिर किस पक्ष की तरफ से कौन से वकील अपीयर हो रहे हैं क्योंकि मामला मुख्य मुद्दे से भटक गया है और एक के बाद एक एप्लीकेशन कोर्ट में फाइल की जा रही है। जिसको लेकर कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने कहा की यह बार मेंबर्स का अपमान है। जिसको लेकर अनुपम गुप्ता और केंद्र सरकार के वकील चेतन मित्तल के बीच हुई ज़ोरदार बहस। यहां तक कि दोनो वरिष्ठ वकीलों ने पारिवारिक टिप्पणिया तक की..चीफ जस्टिस ने ये कहकर सुनवाई को टाल दिया कि अगर सीनियर वकील इस तरह का बर्ताव दिखाएंगे तो युवा वकील क्या सीखेगे। अनुपम गुप्ता ने कोर्ट में कहा रिपोर्ट में एक बडी परसनेलिटी का नाम है इसलिए रिपोर्ट खोलने नहीं दी रही और न ही कारवाई करने दी जा रही है,,


हालांकि आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ई डी को निर्देश दिए है कि वो मामले से जुडे निचली अदालतों में चल रहे ट्रायलस को लेकर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें..कोर्ट ने जनहित याचिका से जुडे जितने भी आरोपीयों के ट्रायल निचली अदालत में चल रहें है उसे जल्द से जल्द पुरा करने के निर्देश दिए थे..और अब ई डी से स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है...


बाइट - चेतन मित्तल, भारत सरकार के वकील, स्पेकस वाले


कोर्ट में आज केन्द्र सरकार की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने चीफ जस्टिस के बैंच को बताया कि केन्द्र सरकार ने एक एस टी एफ का गठन दिल्ली में किया है ये जानने के लिए कि आखिर ड्रग्स से जुडे मामलों का कोई टेरर लिंकस तो नहीं..पंजाब में ड्रग्स से जुडे दर्ज 9800 केस है जिनमें से बडे मामलों और जिन मामलों में टेरर लिंकस की संम्भावना है उसी की जांच एस टी एफ करेगी जबकि बाकी मामलें यहां चल रहें है वहीं उसकी जांच जारी रहेगी..पंजाब क्योकिं बोर्डर स्टेट है और मिली जानकारी के मुताबिक इसका लिंक राज्स्थान और कश्मीर से हो सकता है इसलिए इंटेलेजिजेंस औऱ अन्य अंजेसिस साथ में मिलकर ऐसे मामलों की जांच करेगें.. ई डी की तरफ से कोर्ट में इससे जुडा एफिडेविड भी फाइल किया गया है


बाइट - मनिंदर सिंह, सरदार जी वाइट टरबन 


ए जी पंजाब ने कहा कि ड्रगस मामले में सुनवाई का सिलसिला 16 मार्च 2013 को शूरू हुआ..ड्रग्स इशू है औऱ इस समस्या को खत्म करने के लिए समाधान ढुढने की बजाये, अब इतनी सारी एप्लीकेशन के कारण मामला मुख्य मुद्दे से भटक गया है.।उन्होने पंजाब सरकार चाहती है जल्द से जल्द मामलों का निपटारा हो,,,आज सुनवाई के दौरान कोर्ट में ईडी अफसर निरंजन सिंह, डीजीपी सिदार्थ चट्टोपाध्याय के साथ साथ मोगा के पूर्व एसएसपी राजजीत कोर्ट में मौजूद रहे


बाइट - ए जी पंजाब अतुल नंदा


चीफ जस्टिस ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वकीलों के बीच हुई बहस के कारण इस माहौल में इस गंभीर मुद्दे सुनवाई नहीं की जा सकती..



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बाइट

मनिंदर सिंह एडवोकेट ,ई डी

चेतन मित्तल, असिस्टेन्ट सोलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया

अतुल नन्दा, एडवोकेट जनरल, पंजाब


Conclusion:
Last Updated : Feb 23, 2019, 4:42 PM IST
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