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राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ बजट सत्र, 27 फरवरी तक चलेगा सदन

अभिभाषण में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने सरकार के कार्यकाल के बारे में विस्तार से बताया और अब तक की सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया.

राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ बजट सत्र
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Published : Feb 20, 2019, 8:34 PM IST

चंडीगढ़: राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के अभिभाषण के साथ हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को दोपहर दो बजे शुरू हुआ. यह बजट सत्र 27 फरवरी तक चलेगा. अभिभाषण में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने सरकार के कार्यकाल के बारे में विस्तार से बताया और अब तक की सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया.

सदन में राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने पर्ची सिफारिश मुक्त तरीके से 56 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं. 17 हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. साक्षात्कार खत्म करने तथा विधवाओं व जिन परिवारों में कोई सदस्य नौकरी पर नहीं है, उन्हें 10 प्रतिशत अंकों के विशेष प्रावधान से 10 दशकों से हताशा निराशा से ग्रस्त मेधावी युवकों और वंचित दोनों वर्गों में एक नई आशा का संचार हुआ है.

नौकरियों में 10% आर्थिक आरक्षण
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के उम्मीदवारों को नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला सराहनीय है‌. राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी है.

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उन्होंने कहा कि गत वर्ष हरियाणा ने देश में पहली बार केवल किसानों के हितों को समर्पित ‘किसान कल्याण प्राधिकरण’ का गठन किया, मण्डियों में लाये गये बाजरे के हर दाने की 1950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सीधे किसानों के खातों में अदायगी की और गन्ने का सर्वाधिक 340 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चार बागवानी फसलों के लिए भावांतर भरपाई योजना के तहत यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि बाजार भाव अत्याधिक गिरने की स्थिति में किसान को कम से कम उसकी उत्पादन लागत अवश्य मिले. इस वर्ष भावांतर भरपाई योजना के तहत अब तक 21,573 किसानों का पंजीकरण किया और 2.58 करोड़ रुपये भाव में अन्तर के रूप में दिये गये.

नवम्बर 2018 तक अंडों का उत्पादन 40,408 लाख रहा, जबकि गत वर्ष इसी अवधि के दौरान अंडों का उत्पादन 37,309 लाख था. इस प्रकार अंडों के उत्पादन में 8.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. चालू वर्ष में 108 लाख टन दूध का तथा 59,765 लाख अंडों का उत्पादन करने का लक्ष्य है.

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समाज के वंचित वर्गों को अपनी आजीविका के लिए पशुपालन करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु अनुसूचित जाति के परिवारों को डेयरी, सुअर, भेड़ और बकरी पालन की इकाइयों की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत सबसिडी का विशेष प्रावधान किया गया है. अन्य जातियों के लोगों को सुअर, भेड़ और बकरी पालन की इकाइयों की स्थापना के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है.

27 तक चलेगा बजट सत्र
हरियाणा विधान सभा का बजट सत्र 27 फरवरी तक चलेगा. बुधवार को सदन प्रारम्भ होने के पहले विधान सभा में बिजनेश एडवाएजरी कमेटी की बैठक हुई, जिसमें बजट सत्र को 27 फरवरी तक चलाने का निर्णय लिया गया.

हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु द्वारा 25 फरवरी सदन में बजट प्रस्तुत किया जायेगा. इसकेे बाद 27 फरवरी तक बजट पर चर्चा की जायेगी. इसमें खास बात यह है कि 23 व 24 फरवरी को शनिवार और रविवार होने के कारण सदन में अवकाश रहेगा.

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चंडीगढ़: राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के अभिभाषण के साथ हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र बुधवार को दोपहर दो बजे शुरू हुआ. यह बजट सत्र 27 फरवरी तक चलेगा. अभिभाषण में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने सरकार के कार्यकाल के बारे में विस्तार से बताया और अब तक की सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया.

सदन में राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने पर्ची सिफारिश मुक्त तरीके से 56 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं. 17 हजार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. साक्षात्कार खत्म करने तथा विधवाओं व जिन परिवारों में कोई सदस्य नौकरी पर नहीं है, उन्हें 10 प्रतिशत अंकों के विशेष प्रावधान से 10 दशकों से हताशा निराशा से ग्रस्त मेधावी युवकों और वंचित दोनों वर्गों में एक नई आशा का संचार हुआ है.

नौकरियों में 10% आर्थिक आरक्षण
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के उम्मीदवारों को नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला सराहनीय है‌. राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी है.

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उन्होंने कहा कि गत वर्ष हरियाणा ने देश में पहली बार केवल किसानों के हितों को समर्पित ‘किसान कल्याण प्राधिकरण’ का गठन किया, मण्डियों में लाये गये बाजरे के हर दाने की 1950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सीधे किसानों के खातों में अदायगी की और गन्ने का सर्वाधिक 340 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चार बागवानी फसलों के लिए भावांतर भरपाई योजना के तहत यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि बाजार भाव अत्याधिक गिरने की स्थिति में किसान को कम से कम उसकी उत्पादन लागत अवश्य मिले. इस वर्ष भावांतर भरपाई योजना के तहत अब तक 21,573 किसानों का पंजीकरण किया और 2.58 करोड़ रुपये भाव में अन्तर के रूप में दिये गये.

नवम्बर 2018 तक अंडों का उत्पादन 40,408 लाख रहा, जबकि गत वर्ष इसी अवधि के दौरान अंडों का उत्पादन 37,309 लाख था. इस प्रकार अंडों के उत्पादन में 8.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. चालू वर्ष में 108 लाख टन दूध का तथा 59,765 लाख अंडों का उत्पादन करने का लक्ष्य है.

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समाज के वंचित वर्गों को अपनी आजीविका के लिए पशुपालन करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु अनुसूचित जाति के परिवारों को डेयरी, सुअर, भेड़ और बकरी पालन की इकाइयों की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत सबसिडी का विशेष प्रावधान किया गया है. अन्य जातियों के लोगों को सुअर, भेड़ और बकरी पालन की इकाइयों की स्थापना के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है.

27 तक चलेगा बजट सत्र
हरियाणा विधान सभा का बजट सत्र 27 फरवरी तक चलेगा. बुधवार को सदन प्रारम्भ होने के पहले विधान सभा में बिजनेश एडवाएजरी कमेटी की बैठक हुई, जिसमें बजट सत्र को 27 फरवरी तक चलाने का निर्णय लिया गया.

हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु द्वारा 25 फरवरी सदन में बजट प्रस्तुत किया जायेगा. इसकेे बाद 27 फरवरी तक बजट पर चर्चा की जायेगी. इसमें खास बात यह है कि 23 व 24 फरवरी को शनिवार और रविवार होने के कारण सदन में अवकाश रहेगा.

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चण्डीगढ़, हरियाणा के राज्यपाल  सत्यदेव नारायण आर्य ने आज कहा है कि हरियाणा शीघ्र ही, ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के अंतर्गत प्रदेश के साढ़े 10 लाख से अधिक लघु और सीमांत किसानों के हर परिवार को 2,000 रुपये की पहली त्रैमासिक किश्त का वितरण सुनिश्चित करने वाला देश में सबसे पहला राज्य बनने जा रहा है तथा सरकार प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के विजन को आगे बढ़ा रही है।
राज्यपाल आज यहां आरंभ हुए हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन में अपना अभिभाषण देते रहे थे।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष हरियाणा ने देश में पहली बार केवल किसानों के हितों को समर्पित ‘किसान कल्याण प्राधिकरण’ का गठन किया, मण्डियों में लाये गये बाजरे के हर दाने की 1950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सीधे किसानों के खातों में अदायगी की और गन्ने का सर्वाधिक 340 रुपये प्रति क्विंटल का भाव दिया। साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीद की गई अधिकांश फसलों को ई-खरीद पोर्टल (मेरी फसल मेरा ब्यौरा) के अंतर्गत किसानों के पूर्व पंजीकरण के माध्यम से खरीदने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष सरसों की 2.70 लाख टन तथा बाजरे की 1.80 लाख टन की रिकार्ड खरीद की गई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चार बागवानी फसलों के लिए भावांतर भरपाई योजना के तहत यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि बाजार भाव अत्याधिक गिरने की स्थिति में किसान को कम से कम उसकी उत्पादन लागत अवश्य मिले। इस वर्ष भावांतर भरपाई योजना के तहत अब तक 21,573 किसानों का पंजीकरण किया और 2.58 करोड़ रुपये भाव में अन्तर के रूप में दिये गये ।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा नई विशेष मण्डियां स्थापित की जा रही हैं। पिंजौर की अति आधुनिक समेकित सेब मण्डी का शिलान्यास किया जा चुका है। गन्नौर में अंतर्राष्ट्रीय थोक मण्डी के निर्माण और संचालन के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल बनाया गया है। आगामी वर्ष में शेरसा, कुण्डली में मसालों की और गुरुग्राम में फू लों की थोक मण्डियां स्थापित की जाएंगी। प्रदेश की 54 मंडियों को ई-नाम से जोडऩे में हरियाणा एक अग्रणी राज्य है। इससे किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर मूल्य मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए फ सल अवशेषों के प्रबंधन हेतु नई कृषि पद्धतियां अपनाकर और मशीनरी उपलब्ध करवाकर खरीफ  2018 में एक व्यापक अभियान चलाया। 80 प्रतिशत की सबसिडी के साथ 1,194 कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं। 3,666 व्यक्तिगत किसानों को 17.83 करोड़ रुपये के बजट से 50 प्रतिशत अनुदान पर मशीनरी दी गई। हमारे राज्य में किसानों के सक्रिय सहयोग से फ सल अवशेष जलाने की घटनाओं में काफ ी कमी आई है।
उन्होंने कहा कि एकीकृत बागवानी विकास के लिए होडल में एक नया एकीकृत उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया है। चालू वर्र्ष के दौरान हरियाणा भाण्डागार निगम द्वारा 45,020 मीट्रिक टन क्षमता के गोदामों का निर्माण किया जा रहा है। अगले वर्ष इसमें 27,112 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता जोड़ी जाएगी। निगम ने पीपीपी मोड पर 6.0 लाख मीट्रिक टन क्षमता की स्टील की बुखारियां बनाने का काम हाथ में लिया है। भारत सरकार ने राज्य में तीन चरणों में     9.50 लाख मीट्रिक टन की क्षमता की स्टील की बुखारियों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है।
उन्होंने कहा कि चालू वर्ष के दौरान नवम्बर 2018 तक कुल दुग्ध उत्पादन  68.48 लाख टन तक पहुंच गया है, जोकि 9.44 प्रतिशत की वृद्धि दर्र्शाता है। हमारे राज्य में प्रति व्यक्ति प्रति दिन दूध की उपलब्धता राष्ट्रीय औसत 375 ग्राम की तुलना में 1100 ग्राम तक पहुंचने की आशा है। हमारा राज्य देश में दुग्ध उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। नवम्बर 2018 तक अंडों का उत्पादन 40,408 लाख रहा, जबकि गत वर्ष इसी अवधि के दौरान अंडों का उत्पादन 37,309 लाख था। इस प्रकार अंडों के उत्पादन में 8.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चालू वर्ष में 108 लाख टन दूध का तथा 59,765 लाख अंडों का उत्पादन करने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि राज्य में पशु पालकों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए चालू वर्ष के दौरान प्रदेश में ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुु बीमा’ योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत पशु पालक प्रत्येक पशु के बीमे के लिए 100 रुपये का भुगतान करके एक वर्ष के लिए अपने पांच बड़े पशुओं का बीमा करवा सकता है अथवा वह प्रत्येक पशु के लिए 25 रुपये का भुगतान करके एक वर्ष के लिए 50 छोटे पशुुओं का बीमा करवा सकता है। बड़े पशुओं के लिए बीमा कवरेज 1,25,000 रुपये तक तथा छोटे जुगाली करने वाले पशुुओं (भेड़ एवं बकरियों) और सुअरों के लिए 5,000 रुपये है।
समाज के वंचित वर्गों को अपनी आजीविका के लिए पशुपालन करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु अनुसूचित जाति के परिवारों को डेयरी, सुअर, भेड़ और बकरी पालन की इकाइयों की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत सबसिडी का विशेष प्रावधान किया गया है। अन्य जातियों के लोगों को सुअर, भेड़ और बकरी पालन की इकाइयों की स्थापना के लिए 25 प्रतिशत सबसिडी दी जाती है।
राज्य में पशुपालकों को दूरभाष से घर-द्वार पर पशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए जींद, मेवात और यमुनानगर जिलों में पायलट आधार पर ‘पशु संजीवनी सेवा’ शुुरू करने के प्रस्ताव को सरकार ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। राज्य प्रति हैक्टेयर मत्स्य उत्पादकता में देश में दूसरे स्थान पर है और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा हमारे राज्य को ‘मत्स्य रोग मुक्त राज्य’ घोषित किया गया है। सघन मत्स्य पालन के तहत लगभग 20,000 हैक्टेयर जल स्रोत हैं और राज्य में प्रतिवर्ष लगभग 2.28 लाख मीट्रिक टन मत्स्य का उत्पादन होता है। सरकार प्रति हैक्टेयर 11,000 किलो ग्राम मत्स्य उत्पादन के मौजूदा स्तर को बढ़ाने के लिए बेहतर संसाधन प्रबंधन और आधुनिक प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग सुनिश्चित करेगी। सरकार ने खारे पानी में बड़े पैमाने पर मत्स्य पालन के लिए जल क्षेत्र में वृद्धि करने की योजना बनाई है। मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि करने के लिए आगामी वर्ष के दौरान जिला झज्जर, जींद और चरखी-दादरी के जल भराव क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा। मोती की खेती की दो इकाइयां स्थापित की जाएंगी और हरियाणा के 15 सरकारी मत्स्य बीज फार्मों पर 935.00 लाख फिश फिंगरलिंग्स का उत्पादन किया जाएगा।

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