चंडीगढ़: कृषि बिल के खिलाफ देशभर में किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसानों के साथ हरियाणा सरकार के खिलाफ विपक्ष भी लामबंद है और बिल को वापस लेने की मांग पर अड़ा है. हालांकि केंद्र सरकार बिल को वापस लेने के मूड में नहीं दिख रही है.
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बातचीत में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि तीनों अध्यादेश जारी रहेंगे. इसका किसानों को नुकसान नहीं बल्कि फायदा मिलेगा. मंडिया भी चलती रहेंगी, आढ़त भी चलती रहेगी और एमएसपी के दाम भी किसानों के हित में बढ़ते रहेंगे.
कृषि अध्यादेशों पर सियासत जारी
ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि इन बिलों पर विपक्ष सिर्फ सियासत कर रही है. पहले तो खुद कांग्रेस और उसके नेता इन अध्यादेशों का समर्थन कर रहे थे. उन्होंने अपनी पार्टी के घोषणा पत्र में इसके बारे में लिखा. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कांग्रेस सरकार के समय में इसका समर्थन किया, अब पता नहीं क्यों वो इस बिल के खिलाफ हो गए. ओपी धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस किसानों पर राजनीति कर रही है.
ओपी धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस के पास मुद्दों का दिवालियापन हो गया है. कांग्रेस अपने ही बयानों पर खड़ी नहीं रहती. उन्होंने कांग्रेस से कई सवाल पूछे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पहले तो कांग्रेस सरकार में वो इन बिलों का समर्थन कर रही थी. अब इसका विरोध कर रही है. ऐसे में कांग्रेस ये बताए कि कांग्रेस पहले गलत थी या अब गलत है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जान बूझकर इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है.
पहले और अब में कितना फर्क?
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पहले किसानों को अपनी फसलों को सिर्फ मंडी में ही बेचना पड़ता था. ऐसा ना करने पर मंडी के अधिकारी किसानों को मार्केट फीस चोरी करने का आरोप लगा कर परेशान करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब किसान जहां चाहे वहां अपनी फसल बेच सकता है. उसे कोई अधिकारी भी परेशान नहीं कर सकता. बीजेपी अध्यक्ष ने साफ किया कि ना मंडियां बंद हो रही ना ही आढ़त खत्म हो रही और ना ही एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) जैसे पहले चलता था सब कुछ वैसा ही चलता रहा. बस अंतर ये होगा कि किसानों के पास अब एक विकल्प मौजूद होगा.
किसानों को लेकर क्या कदम उठाएगी बीजेपी?
ओपी धनखड़ ने कहा कि किसानों को समझाने के लिए हमने मार्केट कमेटी के अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी है. पार्टी के नेताओं की ड्यूटी भी जल्द लगाई जाएगी. जिससे सब मंडियों में खरीद अच्छी हो सकेगी. हम सभी मिलकर काम कर रहे हैं ताकि किसानों की फसल की खरीद अच्छे से हो सके.
क्या किसानों की जमीन हड़प लेगी निजी कंपनियां?
कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने कहा कि किसानों के पास अब विक्लप मौजूद हैं. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का कॉन्ट्रैक्ट अधिकतम 5 साल का होगा और उसके लिए ई-रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. जिससे किसानों को डरने की जरूरत नहीं है.अध्यादेश में किसानों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है. कॉन्ट्रैक्ट में साफ लिखा गया है कि अगर किसानों की फसल को नुकासन होता है और वो व्यापारी की डिमांड को पूरा नहीं कर पाया. तो व्यापारी ना तो किसान की जमीन पर कब्जा कर सकता है और ना ही उसे परेशान कर सकता है. इसलिए किसानों को इससे डरने की जरूरत नहीं है.
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उन्होंने कहा कि किसानों को अगर फसलों के दाम ज्यादा मिलेंगे तो इसका फायदा किसानों को मिलेगा, लेकिन अगर इससे महंगाई में इजाफा होता है तो इसकी चिंता कंजूमर से जुड़ी संस्थाओं को करनी चाहिए, ना कि किसान नेताओं को. जो तरह-तरह के भ्रम फैला रहे हैं. इन बिलों में सरकार ने ग्राहकों का भी ध्यान रखा है कि उन्हें सामान उचित दामों पर मिले. दामों पर सरकार का पूरा नियंत्रण रहेगा.