चंडीगढ़: एक्स शोरूम कीमत पर हरियाणा सरकार की ओर से की जा रही रोड टैक्स वसूली को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. याची ने कहा कि एक्स शोरूम प्राइस में अन्य टैक्स शामिल होते हैं और ऐसे में केवल गाड़ी की कीमत पर रोड टैक्स वसूला जा सकता है न कि इस पर लगे टैक्स पर.
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से हरियाणा सरकार की उस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की है जिसके तहत हरियाणा सरकार ने 28 मार्च 2017 को एक्स शोरूम प्राइस पर रोड टैक्स वसूलने के आदेश दिए थे. याचिका के अनुसार यह अधिसूचना नियमों के खिलाफ है. क्योंकि इससे वाहन चालक को दोहरा टैक्स देना पड़ रहा है. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से मांग की है कि वो सरकार द्वारा जारी अधिसूचना रद्द करे और सरकार ने जो वसूली की है वो वाहन मालिकों को वापिस दी जाए.
कोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व परिवहन आयुक्त को 25 सितम्बर तक नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता जींद निवासी पुष्पेंद्र ने अपनी याचिका में कहा है कि हरियाणा सरकार ने वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस के आधार पर ही रोड टैक्स वसूलने संबंधी अधिसूचना जारी की है.
सरकार ने जारी की थी अधिसूचना
इस अधिसूचना के तहत प्रदेश सरकार ने पंजाब मोटर व्हीकल टैक्सेशन रूल 1925 में रूल 3-ए शामिल करते हुए कहा है कि वाहनों की कीमत सभी करों सहित एक्स-शोरूम कीमत के रूप में आंकी जाएगी और उसी के हिसाब से रोड टैक्स लिया जाएगा. अधिसूचना में वाहनों की विभिन्न कीमतों के लिए टैक्स के विभिन्न स्लैब बनाए गए हैं.
क्या कह रहा है याचिकाकर्ता ?
याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार के इस फैसले के कारण पूरे हरियाणा में रोड टैक्स का निर्धारण वाहन की उस कीमत के हिसाब से लिया जा रहा है, जिसमें कई तरह के कर भी शामिल हैं. याचिका में कहा गया है कि रोड टैक्स का निर्धारण उस खरीद बिल के हिसाब से किया जा रहा है, जिसमें सभी खर्च और टैक्स जोड़े गए हैं. याचिकाकर्ता की ओर से हरियाणा परिवहन विभाग के आयुक्त को भी इस बारे में रिप्रेजेंटेशन दी गई. लेकिन सरकार की ओर से अपने फैसले में कोई बदलाव नहीं किया गया है.