भिवानी: जिले में एक बार फिर गौरक्षा दल का गुस्सा फूटा. गौरक्षकों ने गाय के शव को लेकर प्रशासन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया.
ये पूरा मामला
उनका कहना था कि गौ संरक्षण का दावा करने वाली सरकार गाय को ईलाज तक की सुविधा मुहैया करवाने में नाकाम रही है. उन्होंने बताया कि जोहड़ पर एक गौवंश को तड़पता देख उपायुक्त कार्यालय पर फोन किया तो वहां से सीधा जवाब आया.
इस बारे में जब एसडीओ राजेंद्र वत्स से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि डीसी ऑफिस से ही संपर्क करें. इसी बीच उपचार न मिलने पर गाय ने दम तोड़ दिया था.
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प्रशासन की लापरवाही सामने आर्ई
कुछ देर बाद सैंकड़ों गौरक्षा दल के सदस्यों ने गाय का शव गाड़ी में लेकर शहर में प्रदर्शन किया और घंटाघर चौक पर डॉ. राजेंद्र वत्स का पुतला फूंका. गौरक्षा दल के संयोजक संजय परमार ने कहा कि शुक्रवार से मंगलवार तक उन्होंने तीन गौवंश के बीमार होने की सूचना प्रशासन को दी और तीनों ही मामलों में डॉ. राजेंद्र वत्स की ड्यूटी लगाई गई.
गौरक्षक दल का फूटा गुस्सा
लेकिन उन्होंने गौवंश के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखाई, बल्कि ईलाज करने से स्पष्ट मना कर दिया. वे शुक्रवार से डॉ. वत्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर थे. लेकिन मंगलवार को एक गाय ने डॉक्टर की लापरवाही के चलते दम तोड़ा तो गौरक्ष दलों का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया.
डॉ. वत्स का पुतला फूंका
उन्होंने डॉ. वत्स का पुतला फूंका. उन्होंने कहा कि डॉ. वत्स के खिलाफ गोवंश की उपेक्षा करने पर अपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की. संजय परमार ने डॉ. वत्स पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना का आरोप लगाया है.