भिवानी: धरती का सीना चीरकर अनाज उगाने वाला अन्नदाता कभी सरकार के फैसलों से तो कभी मौसम के बिगड़ते मिजाज के कारण परेशानियां झेलने को मजबूर रहता है. करीबन एक सप्ताह से बार-बार हो रही बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया है. शुक्रवार को तेज हवा के साथ हुई बारिश व ओलावृष्टि के कारण किसानों की गेहूं की फसल गिर गई तो वही सरसों की कटी फसल भी भीग गई.
अब फसलों के खराब हो जाने का खतरा और अधिक बढ़ गया है, जिसके कारण किसानों को अपने परिवार के भरण-पोषण व अगली फसल की बुवाई की चिंता सताने लगी है. ग्राम स्वराज्य किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष जोगेंद्र तालु ने शनिवार को भिवानी में बारिश से खराब हुई फसल का निरीक्षण करने के बाद यह बात कही. जोगेंद्र जिले के गांव तालु, धनाना, बागनवाला, बीरण, दिनोद, सांगवान, भुंगला, बड़दू आदि गांवों के खेतों का निरीक्षण करने पहुंचे.
इस दौरान ग्राम स्वराज्य किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने सरकार से बर्बाद फसलों की ऐवज में किसानों को 50 हजार रूपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिए जाने की मांग की. जोगेंद्र तालु ने कहा कि चार-पांच दिन पहले हुई हल्की बारिश का गेहूं, सरसों व चने की फसल पर खासा असर पड़ा था. किसान अभी तक उस स्थिति से उभर भी नहीं पाए थे कि शुक्रवार को एक बार फिर तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने उनकी गेहूं की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया.
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वहीं कटी हुई सरसों की फसल भी भीग गई, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो तुरंत प्रभाव से बर्बाद फसलों की गिरदावरी करवाकर किसानों के लिए 50 हजार रुपए प्रति एकड़ आर्थिक राहत की घोषणा करे, जिससे किसान अपनी अगली फसल की तैयारी करने के साथ ही अपने परिवार का पेट भी पाल सकें.
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