रोहतक: लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूर लगातार पैदल ही अपने घरों की तरफ पलायन कर रहे हैं और इस दौरान प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार ने उन्हें घर भेजने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया है. उनके पास ना पैसे हैं और ना ही खाना, ऐसे में यहां नहीं रह सकते तो इसलिए पैदल ही घर जा रहे हैं.
डीसी ने मजदूरों से की रुकने की अपील
वहीं इस मामले को लेकर रोहतक एडीसी आरएस वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर पैदल जा रहे इन प्रवासी मजदूरों से आग्रह करते हुए कहा कि वे पैदल ना जाए और यहीं शेल्टर होम में रुके, जहां पर उनके लिए खाने-पीने के तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं, लेकिन प्रवासी मजदूर यहां रुकने को तैयार नहीं है और लगातर पलायन कर रहे हैं.
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वहीं दूसरी ओर घर जाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके प्रवासी मजदूरों के लगातार बढ़ते दबाव पर बयान देते हुए डीसी ने कहा कि कई हजार प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं और ऐसे में प्रशासन बस और ट्रेन के माध्यम से उन्हें घर भेज रहा है इसलिए प्रवासी मजदूरों से आग्रह है कि वह धैर्य का परिचय दें क्योंकि व्यवस्था है इतनी जल्दी नहीं हुआ करती.
रोहतक उपायुक्त ने कहा है कि रोहतक में लॉकडाउन के दौरान 1200 यूनिट शुरू की गई हैं जिसमें 33 हजार के करीब मजदूरों ने काम करना शुरू कर दिया हैं. वहीं कोरोना की बात करें तो अब तक रोहतक में 11 कोरोना के केस पाए गए हैं जिसमें से चार मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं बाकी स्थिति कंट्रोल में है.
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