रोहतकः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में जहां एक ओर कार्यकर्ताओं में जोश भरा जा रहा था वहीं दूसरी ओर पंडाल में बहुत सारी कुर्सियां खाली पड़ी थीं. जिसे लेकर विपक्ष कई तरीके के सवाल उठा सकता है. सिर्फ कुर्सियां ही नहीं बल्कि पूरे के पूरे ब्लॉक खाली पड़े दिखाई दिए.
रैली में लगी थी इतनी कुर्सियां
प्रधानमंत्री की रैली में 1 लाख कुर्सियां लगाई गई थीं. 22 एकड़ के रैली स्थल में से 12 एकड़ को पंडाल से कवर किया गया था. और पानी पीने के लिए लगभग 4 हजार मटके लगाए गए थे. जो 1 लाख कुर्सियां पंडाल के अंदर लगाई गई थीं उनमें से काफी कुर्सियां खाली रह गई.
पीएम मोदी की मौजूदगी में खाली रही कुर्सियां
ये कुर्सियां उस वक्त खाली पड़ी थीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर मौजूद थे और मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाषण दे रहे थे. उसी वक्त में ये तस्वीरें ली गई हैं.
बीजेपी कहती है सीएम लोकप्रियता बढ़ी है
प्रदेश बीजेपी के नेता कई मौकों पर कहते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ है. और इस वक्त में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का तो राजनीति में शायद ही कोई सानी हो. लेकिन अगर ऐसे वक्त में भी कुर्सियां खाली रह जाएं तो विपक्ष जरूर सवाल उठाएगा.
हुड्डा का गढ़ माना जाता है रोहतक
दरअसल रोहतक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राजनीतिक गढ़ माना जाता है. 2014 के विधानसभा चुनाव में रोहतक में कांग्रेस अच्छे वोट मिले थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट भले ही भूपेंद्र हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र हुड्डा हार गए हों लेकिन इस लोकसभा में आने वाली 9 विधानसभाओं में से 5 पर दीपेंद्र हुड्डा ने बढ़त बनाई थी और कांटे की टक्कर में अरविंद शर्मा ने जीत दर्ज की थी. अगर अरविंद शर्मा को कोसली से इतनी बढ़त न मिलती तो शायद नतीजा कुछ और होता. इसीलिए बीजेपी रोहतक पर पूरी ताकत झोंकने को तैयार है क्योंकि वो हुड्डा को वापसी का कोई भी मौका नहीं देना चाहती है. लेकिन हुड्डा का किला ढहाने की योजनाएं बना रही बीजेपी के लिए ये खबर पेशानी पर बल डालने वाली है.