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31 जुलाई को हरियाणा में चक्का जाम करेगा संयुक्त किसान मोर्चा, केंद्र की MSP कमेटी को किया खारिज

संयुक्त किसान मोर्चा एमएसपी को लेकर गठित केंद्र सरकार की कमेटी (modi government msp committee) में शामिल नहीं होगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ कहा कि सरकार ने इस कमेटी में उन लोगों को रखा है जो पहले से किसान आंदोलन के विरोधी रहे हैं. बुधवार को हरियाणा के करनाल में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई. बैठक में फैसला लिया गया कि 31 जुलाई को चार घंटे का चक्का जाम किया जायेगा.

samyukt kisan morch rejects msp committee
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Published : Jul 20, 2022, 10:43 PM IST

Updated : Jul 20, 2022, 11:03 PM IST

करनाल: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर केंद्र सरकार की बनाई कमेटी को संयुक्त किसान मोर्चा ने खारिज (samyukt kisan morch rejects msp committee) कर दिया है. हरियाणा के करनाल में बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि 19 नवंबर को जब केंद्र सरकार ने तीन कानून वापस लेने का ऐलान किया तो कहा था कि हम एक कमेटी बना रहे हैं एमएसपी पर. हमने पहले दिन से इस कमेटी के बारे में संदेह जाहिर किया था. हमने पूछा था कि क्या एमएसपी पर कानून बनाने का एजेंडा इस कमेटी के दायरे में है या नहीं. जब सरकार ने कमेटी बनाने का फैसला किया तो हमारे सभी संदेह सच साबित हुए.

सरकार की कमेटी में एमएसपी पर कानून बनाने का एजेंडा ही नहीं है. इस कमेटी के एजेंडे में एक स्पेशल आयटम डाला गया है. जिसके जरिए सरकार तीन कानूनों को वापस लाने की कोशिश करेगी. इसलिए ऐसी कमेटी में जाना और इसके सहयोग करने का कोई मतलब नहीं है. हम इस कमेटी को पूरी तरह खारिज करते हैं. हम इस कमेटी में नहीं जायेंगे बल्कि इसका भंडाफोड़ करेंगे. योगेंद्र यादव, सदस्य, संयुक्त किसान मोर्चा.

31 जुलाई को हरियाणा में चक्का जाम करेगा संयुक्त किसान मोर्ची, केंद्र की MSP पर गठित कमेटी को किया खारिज

योगेंद्र यादव ने कहा कि तीन जुलाई को संयुक्त किसान मोर्ची ने जो राष्ट्रीय फैसला लिया था, उसे हरियाणा में लागू करवाने की योजना बनी है. इसी के तहत 31 जुलाई को हरियाणा में 4 घंटे के लिए चक्का जाम किया जायेगा. ये चक्काजाम 11 बसे 3 बजे तक होगा. जिसमे रेल, सड़कें सब जाम की जायेंगी. अग्निपथ के मुद्दे पर 7 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक जय जवान जय किसान सम्मेलन करेंगे. इस सम्मेलन में पूर्व सैनिक और बेरोजगारी से जुड़े संगठन भी शामिल होंगे. के नाम से आंदोलन होगा. इसके अलावा 5 अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा में जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपते हुए एक अभियान का आरंभ किया जायेगा. इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो किसान फिर से आंदोलन करेंगे.

संयुक्त किसान मोर्ची की बैठक बुधवार को करनाल में हुई. इस बैठक में किसानों के मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में हरियाणा और पंजाब के किसान शामिल हुए. किसान नेता योगेंद्र यादव, रतन मान, जोगिंदर ओग्राहा, इंदरजीत सिंह के साथ कई अन्य नेता शामिल रहे. बैठक में लखीमपुर खीरी मामले में कार्रवाई और एमएसपी को लेकर बनाई गई केंद्र सरकार की कमेटी पर विशेष रूप से चर्चा हुई.

samyukt kisan morch rejects msp committee
करनाल में संयुक्त किसान मोर्ची की बैठक.

केंद्र सरकार ने 18 जुलाई को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) और किसानों की अन्‍य मांगों को लेकर एक कमेटी का गठन (modi government msp committee) किया था. केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को अधिक प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने, जीरो बजट आधारित खेती को बढ़ावा देने तथा देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर फसल चक्र में सुधार जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सुझाव देने के लिए पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक वृहद समिति का गठन किया, समिति में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, किसान, कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री शामिल किए गए हैं. इस समिति में तीन कृषि कानूनों का विरोध का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के तीन सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान किया गया था. संयुक्त किसान मोर्ची ने कमेटी में शामिल होने से इनकार कर दिया है.

ये भी पढ़ें- एमएसपी के लिए कमेटी बनाने का फैसला किसानों की आय बढ़ाने वाला साबित होगा- जेपी दलाल

करनाल: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर केंद्र सरकार की बनाई कमेटी को संयुक्त किसान मोर्चा ने खारिज (samyukt kisan morch rejects msp committee) कर दिया है. हरियाणा के करनाल में बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने कहा कि 19 नवंबर को जब केंद्र सरकार ने तीन कानून वापस लेने का ऐलान किया तो कहा था कि हम एक कमेटी बना रहे हैं एमएसपी पर. हमने पहले दिन से इस कमेटी के बारे में संदेह जाहिर किया था. हमने पूछा था कि क्या एमएसपी पर कानून बनाने का एजेंडा इस कमेटी के दायरे में है या नहीं. जब सरकार ने कमेटी बनाने का फैसला किया तो हमारे सभी संदेह सच साबित हुए.

सरकार की कमेटी में एमएसपी पर कानून बनाने का एजेंडा ही नहीं है. इस कमेटी के एजेंडे में एक स्पेशल आयटम डाला गया है. जिसके जरिए सरकार तीन कानूनों को वापस लाने की कोशिश करेगी. इसलिए ऐसी कमेटी में जाना और इसके सहयोग करने का कोई मतलब नहीं है. हम इस कमेटी को पूरी तरह खारिज करते हैं. हम इस कमेटी में नहीं जायेंगे बल्कि इसका भंडाफोड़ करेंगे. योगेंद्र यादव, सदस्य, संयुक्त किसान मोर्चा.

31 जुलाई को हरियाणा में चक्का जाम करेगा संयुक्त किसान मोर्ची, केंद्र की MSP पर गठित कमेटी को किया खारिज

योगेंद्र यादव ने कहा कि तीन जुलाई को संयुक्त किसान मोर्ची ने जो राष्ट्रीय फैसला लिया था, उसे हरियाणा में लागू करवाने की योजना बनी है. इसी के तहत 31 जुलाई को हरियाणा में 4 घंटे के लिए चक्का जाम किया जायेगा. ये चक्काजाम 11 बसे 3 बजे तक होगा. जिसमे रेल, सड़कें सब जाम की जायेंगी. अग्निपथ के मुद्दे पर 7 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक जय जवान जय किसान सम्मेलन करेंगे. इस सम्मेलन में पूर्व सैनिक और बेरोजगारी से जुड़े संगठन भी शामिल होंगे. के नाम से आंदोलन होगा. इसके अलावा 5 अगस्त को संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा में जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपते हुए एक अभियान का आरंभ किया जायेगा. इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो किसान फिर से आंदोलन करेंगे.

संयुक्त किसान मोर्ची की बैठक बुधवार को करनाल में हुई. इस बैठक में किसानों के मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में हरियाणा और पंजाब के किसान शामिल हुए. किसान नेता योगेंद्र यादव, रतन मान, जोगिंदर ओग्राहा, इंदरजीत सिंह के साथ कई अन्य नेता शामिल रहे. बैठक में लखीमपुर खीरी मामले में कार्रवाई और एमएसपी को लेकर बनाई गई केंद्र सरकार की कमेटी पर विशेष रूप से चर्चा हुई.

samyukt kisan morch rejects msp committee
करनाल में संयुक्त किसान मोर्ची की बैठक.

केंद्र सरकार ने 18 जुलाई को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) और किसानों की अन्‍य मांगों को लेकर एक कमेटी का गठन (modi government msp committee) किया था. केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को अधिक प्रभावी तथा पारदर्शी बनाने, जीरो बजट आधारित खेती को बढ़ावा देने तथा देश की बदलती आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर फसल चक्र में सुधार जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सुझाव देने के लिए पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में एक वृहद समिति का गठन किया, समिति में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के प्रतिनिधि, किसान, कृषि वैज्ञानिक और कृषि अर्थशास्त्री शामिल किए गए हैं. इस समिति में तीन कृषि कानूनों का विरोध का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के तीन सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान किया गया था. संयुक्त किसान मोर्ची ने कमेटी में शामिल होने से इनकार कर दिया है.

ये भी पढ़ें- एमएसपी के लिए कमेटी बनाने का फैसला किसानों की आय बढ़ाने वाला साबित होगा- जेपी दलाल

Last Updated : Jul 20, 2022, 11:03 PM IST
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