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लिंगानुपात में करनाल दूसरे स्थान से लुढ़क कर 20वें स्थान पर पहुंचा

2019 में करनाल की स्थिति काफी चिंताजनक है. करनाल का लिंगानुपात दूसरे स्थान से लुढ़क कर 20वें स्थान पर पहुंचा गया है. करनाल का 1 साल में 26 अंक घटकर 908 लिंग अनुपात पर रह गया है.

Karnal's sex ratio 20th position
करनाल का लिंगानुपात
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Published : Jan 13, 2020, 4:13 PM IST

करनाल: लिंग अनुपात में करनाल दूसरे स्थान से लुढ़क कर 20वें स्थान पर आ गया है. वहीं सातवें स्थान से छलांग लगाकर पंचकूला पहले पायदान पर पहुंच गया है.

लिंगानुपात में 20वें स्थान पर पहुंचा करनाल

बता दें कि 2018 में करनाल का लिंगानुपात 934 था जो पहले स्थान से 1 अंक पीछे रह गया था. वहीं पंचकूला 922 लिंग अनुपात के साथ सातवें स्थान पर था. अब 2019 में पंचकूला 963 लिंगानुपात के साथ पहले स्थान पर है. तो वहीं करनाल 1 साल में 26 अंक घटकर 908 लिंग अनुपात पर रह गया है.

लिंगानुपात में करनाल दूसरे स्थान से लुढ़क कर 20वें स्थान पर पहुंचा

चिंताजनक स्थिति

2019 में करनाल की स्थिति काफी चिंताजनक है. वहीं पूरे प्रदेश की बात करें 2014 से 2019 तक 52 अंकों की वृद्धि हुई है. 2014 में प्रदेश में 1000 लड़कों के पीछे 871 लड़कियां थी जो अब बढ़कर 2019 में 923 लड़कियां हो गई हैं.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करनाल जिले में 2013 से अभी तक पीएनडीटी एक्ट के तहत 24 मामले दर्ज हो चुके हैं. तो वहीं एमटीपी एक्ट के तहत सारा मामले दर्ज हो चुके हैं.

करनाल का पिछले 10 साल का लिंग अनुपात
2010 में 834, 2011 में 849, 2012 में 847, 2013 में 880, 2014 में 886, 2015 में 892, 2016 में 909, 2017 में 922, 2018 में 934 और 2019 में 908

डिप्टी सीएमओ डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि इस बार करनाल जिले का लिंग अनुपात 908 है जो चिंता का विषय है. विभाग की ओर से पूरा प्रयास भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किया जा रहा है. सूचना मिलने पर रेड मारी जाती है. फिलहाल पीएनडीटी और एमटीपी एक्ट के तहत 41 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.

ये भी पढ़ें- यमुनानगर में महिला सुरक्षा का रियलिटी चेक, छात्राएं बोलीं- सेफ महसूस नहीं करते

करनाल: लिंग अनुपात में करनाल दूसरे स्थान से लुढ़क कर 20वें स्थान पर आ गया है. वहीं सातवें स्थान से छलांग लगाकर पंचकूला पहले पायदान पर पहुंच गया है.

लिंगानुपात में 20वें स्थान पर पहुंचा करनाल

बता दें कि 2018 में करनाल का लिंगानुपात 934 था जो पहले स्थान से 1 अंक पीछे रह गया था. वहीं पंचकूला 922 लिंग अनुपात के साथ सातवें स्थान पर था. अब 2019 में पंचकूला 963 लिंगानुपात के साथ पहले स्थान पर है. तो वहीं करनाल 1 साल में 26 अंक घटकर 908 लिंग अनुपात पर रह गया है.

लिंगानुपात में करनाल दूसरे स्थान से लुढ़क कर 20वें स्थान पर पहुंचा

चिंताजनक स्थिति

2019 में करनाल की स्थिति काफी चिंताजनक है. वहीं पूरे प्रदेश की बात करें 2014 से 2019 तक 52 अंकों की वृद्धि हुई है. 2014 में प्रदेश में 1000 लड़कों के पीछे 871 लड़कियां थी जो अब बढ़कर 2019 में 923 लड़कियां हो गई हैं.

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करनाल जिले में 2013 से अभी तक पीएनडीटी एक्ट के तहत 24 मामले दर्ज हो चुके हैं. तो वहीं एमटीपी एक्ट के तहत सारा मामले दर्ज हो चुके हैं.

करनाल का पिछले 10 साल का लिंग अनुपात
2010 में 834, 2011 में 849, 2012 में 847, 2013 में 880, 2014 में 886, 2015 में 892, 2016 में 909, 2017 में 922, 2018 में 934 और 2019 में 908

डिप्टी सीएमओ डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि इस बार करनाल जिले का लिंग अनुपात 908 है जो चिंता का विषय है. विभाग की ओर से पूरा प्रयास भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किया जा रहा है. सूचना मिलने पर रेड मारी जाती है. फिलहाल पीएनडीटी और एमटीपी एक्ट के तहत 41 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.

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Intro:लिंग अनुपात में करनाल दूसरे स्थान से लोड कर पीस में स्थान पर पहुंचा वहीं सातवें स्थान से छलांग लगाकर पंचकूला आया पहले स्थान पर करनाल जिले में 2013 से पीएनडीटी और एमटीपी एक्ट के तहत दर्ज हुई मात्र 41 f.i.r., वही करनाल के उप सिविल सर्जन राजेंद्र कुमार ने जताई चिंता कहां भ्रूण हत्या को रोकने के लिए विभाग द्वारा किया जा रहा है पूरा प्रयास


Body:लिंग अनुपात में करनाल दूसरे स्थान से लुढ़क कर 20वें स्थान पर आ गया है वहीं सातवें स्थान से छलांग लगाकर पंचकूला पहले पायदान पर आ गया है । बता दें कि 2018 में करनाल का लिंगानुपात 934 था जो पहले स्थान से 1 अंक पीछे रह गया था वहीं पंचकूला 922 लिंग अनुपात के साथ सातवें स्थान पर था । अब 2019 में पंचकूला 963 लिंगानुपात के साथ पहले स्थान पर है तो वहीं करनाल 1 साल में 26 अंक घटकर 908 लिंग अनुपात पर रह गया है । 2019 में करनाल की स्थिति काफी चिंताजनक है । वहीं पूरे प्रदेश की बात करें 2014 से 2019 तक 52 अंकों की वृद्धि हुई है । 2014 में प्रदेश में 1000 लड़कों के पीछे 871 लड़कियां थी जो अब बढ़कर 2019 में 923 लड़कियां हो गई है ।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार करनाल जिले में 2013 से अभी तक पीएनडीटी एक्ट के तहत 24 मामले दर्ज हो चुके हैं तो वही एमटीपी एक्ट के तहत सारा मामले दर्ज हो चुके हैं ।
वहीं जिले में दलाल सक्रिय हैं जो कार में ही लिंग जांच करते हैं । इस जांच के लिए 20 से ₹30 हजार लेते हैं हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम सूचना मिलते ही मौके पर जाकर आरोपी को पकड़ती है लेकिन इन आरोपियों में अभी तक डर नहीं बना ।इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर गांव बाहरी में आरोपी ने हमला भी कर दिया था जिसमें डिप्टी सीएमओ राजेंद्र कुमार घायल भी हो गए थे ।


Conclusion:10 साल में यह थे करनाल में लिंग अनुपात के हालात वर्ष लिंग अनुपात

2010 में 834, 2011 में 849, 2012 में 847, 2013 में 880, 2014 में 886, 2015 में 892, 2016 में 909, 2017 में 922, 2018 में 934 और 2019 में 908

डिप्टी सीएमओ डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि इस बार करनाल जिले का लिंग अनुपात 908 है जो चिंता का विषय है । विभाग की ओर से पूरा प्रयास भ्रूण हत्या को रोकने के लिए किया जा रहा है । सूचना मिलने पर रेड बीमारी जाती है । फिलहाल पीएनडीटी और एमटीपी एक्ट के तहत 41 मामले दर्ज किए जा चुके हैं ।

बाईट - डिप्टी सीएमओ डॉ राजेंद्र कुमार
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