गुरुग्राम: साइबर सिटी में होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के बाद अब गुरुग्राम जिला प्रशासन ने इसी कड़ी में होम आइसोलेशन के पड़ोसी को जागरूक करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि वह सावधानियां बरतते हुए अपने परिवार और अन्य परिचितों को कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव रखने के बारे में सचेत कर सके.
कोरोना संक्रमित मरीज के पड़ोसी घबराएं नहीं
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हवाले से उपायुक्त ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति की बिल्डिंग में या पड़ोस में किसी को कोरोना संक्रमण हो जाता है और उसे होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है, ऐसे में उस मरीज के पड़ोसियों को घबराने या भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है बल्कि कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोरोना एक बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है, इसलिए बचाव के उपाय अपनाते हुए अपने बीमार पड़ोसी को भी हौंसला दें ताकि वह जल्दी रिकवर हो सके.
उन्होंने कहा कि यदि बिल्डिंग में कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज है तो बिल्डिंग के काॅमन एरियाज जैसे लिफ्ट या सीढ़ियां प्रतिदिन दो बार एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट सोल्यूशन से सैनिटाइज की जानी चाहिए. अक्सर छुए जाने वाली (टच प्वाइंट) जगह जैसे सीढ़ियों की रेलिंग या लिफ्ट के बटन इत्यादि पर खास ध्यान दें और उन्हें सीधे छूने की बजाय रूमाल या नेपकिन, टिश्यू पेपर इत्यादि का उपयोग करें. जब तक मरीज ठीक ना हो तब तक उसकी मदद करें और उसकी जरूरत का सामान जैसे- दवाइयां, राशन, सब्जी इत्यादि उसके घर के दरवाजे के बाहर रख दें. पैसे का लेन-देन डिजिटल पेमेंट द्वारा या मरीज के ठीक होने के बाद ही करें.
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उन्होंने कहा कि पड़ोस में कोई होम आइसोलेशन में है तो समय-समय पर उससे फोन पर बात करते रहें और उसका मनोबल बढ़ाते रहें. साथ ही, मरीज के परिवार की हर संभव सहायता करें. हर समय मरीज से उचित दूरी बना कर रखें, खासतौर पर बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को दूर रखें. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई बीमारी से है, बीमार से नहीं. मरीज या उसके परिवार को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना पहुचाएं. किसी भी तरह की सहायता के लिए जिला प्रशासन की कोरोना हेल्पलाइन सेवा-1950 पर काॅल करें.