फरीदाबाद: 31 मार्च 2006 को कोर्ट परिसर में कैंटीन और पार्किंग पर कब्जा करने को लेकर वकीलों के एक गुट ने कुछ वकीलों पर हमला किया था. इसमें छह वकील घायल हुए थे. इस गोलीकांड में राकेश भड़ाना को गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
इस मामले में 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था लेकिन आरोप साबित ना होने के कारण 20 लोगों को बरी कर दिया गया. 4 वकीलों को जिला एवं सत्र न्यायालय में अडिशनल सेशन जज राजेश गर्ग ने दोषी करार दिया.
दोषी वकीलों में बार एसोसिएशन के दो पूर्व बार अध्यक्ष ओपी शर्मा, एलएन पाराशर, गौरव शर्मा और कैलाश शामिल हैं. अदालत ने दोषी वकीलों को सजा सुनाने के लिए 12 मार्च की तारीख तय की थी. 12 मार्च को दोषी वकीलों को अदालत में पेश किया गया लेकिन अज्ञात कारणों के चलते अदालत ने दोषीयों को सजा सुनाने के फैसले को स्थागित कर दिया है.
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अब दोषियों को अदालत के द्वारा 13 मार्च को सजा सुनाई जायेगी. वहीं दोषी वकील ओपी शर्मा ने बयान देते हुए कहा कि एक साजिश के तहत उनको फंसाया गया है. उन्होंने कहा कि उनको गुंडागर्दी रोकने की सजा दी जा रही है. उन्होंने कोर्ट में बढती गुंडागर्दी को रोकने की कोशिस की थी लेकिन साजिश करके उनको ही फंसाया गया है.
13 मार्च को दोषी वकीलों को सजा सुनाई जाएगी जिसको लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहेगा और आज जब दोषी वकीलों को अदालत में पेश किया गया तब भी पुलिस प्रशासन की मौजूदगी भारी संख्या में रही.
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