हैदराबाद : वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे 8 सितंबर को मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को फिजियोथेरेपी के प्रति जागरूक करना है. फिजियोथेरेपी कई समस्याओं से राहत दिलाती है और इसके लिए दवा की भी जरूरत नहीं पड़ती.
फिजियोथेरेपी दिवस का इतिहास
इस दिन की स्थापना 8 सितंबर 1951 को हुई थी. लेकिन आधिकारिक तौर पर इसे 8 सितंबर 1996 को मनाए जाने की घोषणा की गई. इसके बाद हर साल यह दिन 8 सितंबर को मनाया जाता है.
विश्व फिजियोथेरेपी दिवस का महत्व: फिजियोथेरेपी का उपयोग शारीरिक समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है. यह थेरेपी घुटने के दर्द, अल्जाइमर रोग, पीठ दर्द, पार्किंसंस रोग, मांसपेशियों में तनाव, अस्थमा और कई अन्य समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक है. फिजियोथेरेपी न केवल दर्द से राहत दिलाती है बल्कि तनाव से भी राहत दिलाने में मदद करती है.
फिजियो थेरेपिस्ट का कार्य: फिजियोथेरेपी में साधारण व्यायाम शामिल नहीं होते हैं. ऐसा करने के लिए आपको विशेषज्ञ की मदद की जरूरत है. इस काम के लिए हमेशा ट्रेंड फिजियो थेरेपिस्ट से सुझाव या थेरेपी लेनी चाहिए. कमर दर्द, गर्दन दर्द, पैर दर्द आदि को ठीक करने के लिए फिजियो थेरेपिस्ट की जरूरत होती है.
फिजियोथेरेपी के लाभ:
- फिजियोथेरेपी दर्द को कम करने में मदद करती है.
- चोट से राहत मिलेगी.
- यह स्वस्थ रहने में मदद करता है.
- शारीरिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करता है.
- शरीर को ऊर्जा मिलती है.
- दिल और दिमाग स्वस्थ रहते हैं.
फिजियोथेरेपी कैसे की जाती है?
फिजियोथेरेपी करने के कुछ नियम होते हैं. मरीज की उम्र और दर्द के अनुसार फिजियोथेरेपी की जाती है. कठोरता से राहत पाने के लिए मूवमेंट फिजियोथेरेपी का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा कुछ मशीनों का उपयोग फिजियोथेरेपी में भी किया जाता है. फिजियोथेरेपी से मरीज काफी राहत महसूस करते हैं.