नई दिल्ली: कोरोना की गंभीर होती स्थिति में संक्रमण रोकने का एक ही हथियार है और वो है लॉकडाउन. वैसे तो लॉकडाउन का असर तो सभी वर्गों में पर पड़ता है, लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किल होती है हर दिन कमाने और खाने वालों को. ऑटो ड्राइवर्स पर भी लगतार दूसरे साल इस लॉकडाउन की मार पड़ी है.
पूरा-पूरा दिन निकल जाने के बाद भी ऑटो वालों को एक या दो सवारियां ही मिल पाती हैं और इस से कई बार सीएनजी के खर्चे भी नहीं निकल पाते. ऑटो चालकों का कहना है कि एक तरफ की सवारी मिल भी जाए तो दूसरी तरफ से खाली लौटना पड़ता है. इन ऑटो ड्राइवरों ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया की पूरा दिन गुजर जाने के बाद जब सौ-दो सौ रुपये ही कमा पाते हैं तो मायूसी होती है.
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