नई दिल्ली: जेएनयू में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. वहीं बुधवार को आयोजित हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में बढ़ी हुई फीस और हॉस्टल मैन्युअल के कई नियम काफी हद तक वापस लिए गए हैं.
इस बात की जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव ने ट्वीट करके दी. बता दें कि जेएनयू परिसर में होने वाली एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक छात्रों के विरोध प्रदर्शन के चलते जेएनयू से बाहर आयोजित की गई.
2 हफ्ते से कर रहे हैं प्रदर्शन
जेएनयू में दो सप्ताह से छात्र हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं इसी बीच बुधवार को कार्यकारी परिषद की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें लिए गए सभी निर्णयों की जानकारी एमएचआरडी के सचिव आर सुब्रमण्यम ने ट्वीट करके दी-
जेएनयू छात्रावास और कई अन्य नियमों को काफी हद तक वापस लेने का फैसला किया है. साथ ही बीपीएल श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए आर्थिक सहायता की भी योजना प्रस्तावित की गई है... अब क्लास में लौटने का वक्त आ गया है.
जेएनयू प्रशासन द्वारा जारी किए गए बयान के तहत बीपीएल श्रेणी ( जेआरएफ, एसआरएफ अन्य कोई फैलोशिप या स्कॉलरशिप प्राप्त करने वालों को छोड़कर) विद्यार्थियों को हॉस्टल फीस, पानी में बिजली बिल और सर्विस चार्जेस में 50 फीसदी तक राहत दी गई है.
इन्हें मिलेगी छूट
इसके अलावा जिन बीपीएल श्रेणी के विद्यार्थियों को नॉन-नेट फैलोशिप या एमसीएम फेलोशिप मिल रही है उन्हें भी इन सभी शुल्क में 50 फीसद की छूट मिलेगी. साथ ही रात 11 बजे तक हॉस्टल में वापस लौटने और मेस में सही ढंग से कपड़े पहनने के नियम को भी वापस ले लिया गया है. इसके अलावा मेस जमानत की राशि को रोलबैक कर 5500 रुपए ही रखा गया है, जिसे बढ़ाकर 12,000 रुपए करने का प्रस्ताव दिया गया था.
प्रदर्शन के चलते बदला बैठक का स्थान
जेएनयू रजिस्ट्रार प्रोफेसर प्रमोद कुमार ने बताया कि मीटिंग विश्वविद्यालय के सम्मेलन केंद्र में आयोजित होनी थी, लेकिन छात्रों के प्रदर्शन के चलते कार्यकारी परिषद के कुछ सदस्य सम्मेलन केंद्र में ही फंसे रह गए थे. इसीलिए इस बैठक का स्थान बदल दिया गया और कार्यकारी परिषद की ये बैठक जेएनयू परिसर के बाहर आयोजित की गई. विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रदर्शनकारी छात्रों से अपील की है कि वो अपनी क्लास पर ध्यान दें, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो.
छात्र असंतुष्ट
बता दें कि जेएनयू प्रशासन के इस निर्णय से छात्र संतुष्ट नहीं है. छात्रों का कहना है कि जब तक जेएनयू प्रशासन 28 अक्टूबर को जारी किया हुआ हॉस्टल मैनुअल वापस नहीं लेता और जेएनयू कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार खुद आकर छात्रों से बात नहीं करते उनका प्रदर्शन बदस्तूर जारी रहेगा.