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जल्द हरी-भरी दिखेगी ओखला लैंडफिल साइट, प्रयास हो रहे सफल

ओखला लैंडफिल साइट के कायाकल्प के काम में 58 कर्मचारी लगे हुए हैं. साउथ एमसीडी ने बीते 10 महीने में साइट की ऊंचाई 58 मीटर से घटाकर 38 मीटर ही है.

ओखला लैंडफिल साइट पर हरियाली etv bharat
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Published : Jul 17, 2019, 4:38 AM IST

नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली की सलाह पर 23 साल पुरानी ओखला लैंडफिल साइट का कायाकल्प करने के प्रयास सफल होते नजर आ रहे हैं. साउथ एमसीडी ने बीते 10 महीने में साइट की ऊंचाई 58 मीटर से घटाकर 38 मीटर ही है.

साथ ही इसके एक हिस्से को पूरी तरह हरा-भरा कर दिया है. दावा है कि सतह बनाने और ढलाव को स्थिर और समतल बनाने का काम 70 प्रतिशत पूरा कर दिया गया है.

greenery on okhla landfill site in delhi
ओखला लैंडफिल साइट पर हरियाली

लगाई गई है घास
मंगलवार को साउथ एमसीडी के अपर आयुक्त रमेश वर्मा ने बताया कि यहां की सबसे ऊंची जगह को इतना मजबूत बनाया गया है कि हैलीकॉपटर भी उतर सकता है. उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन के कचरे को आधार बनाकर सबसे ऊंची सतह को तैयार किया गया है.

ढलाव को तैयार करते हुए उसके ऊपर मिट्टी का कवर दिया गया है. उस पर घास लगाई गई है और वहां ड्रम में पौधे लगाकर एक आकर्षण दिया गया है. वर्मा ने बताया कि उस जगह को ईको पार्क बनाने की योजना है.

greenery on okhla landfill site in delhi
तेजी से हो रहा है काम

पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव
इसी क्रम में ओखला वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से साइट तक एक पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव है, जिससे यहां पानी मिल सके. उन्होंने कहा कि यहां पर कूड़े कचरे से जहरीले पानी के कणों के रिसाव की समस्या से निपटने के लिए एक प्लांट भी लगाया गया है.
आधे से ज्यादा इलाके को स्थिर बना दिया गया है जबकि बाकी पर भी काम तेजी से चल रहा है.

तेजी से चल रहा है काम
बता दें कि ओखला लैंडफिल साइट के कायाकल्प के काम में 58 कर्मचारी लगे हुए हैं, जो 2 पालियों में काम करते हैं. इस साइट को बंद कर यहां वेस्ट मैनेजमेंट के 100% टारगेट के लिए काम किया जा रहा है.
यहां लैंड फिल साइट के पास मिली 47 एकड़ जमीन पर 2000 मीट्रिक टन कचरे के इस्तेमाल से 25 मेगावाट ऊर्जा संयंत्र लगाने और एक इंजीनियर लैंडफिल साइट बनाने का काम करने का फैसला किया गया था जो कि तेजी से चल रहा है.

नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली की सलाह पर 23 साल पुरानी ओखला लैंडफिल साइट का कायाकल्प करने के प्रयास सफल होते नजर आ रहे हैं. साउथ एमसीडी ने बीते 10 महीने में साइट की ऊंचाई 58 मीटर से घटाकर 38 मीटर ही है.

साथ ही इसके एक हिस्से को पूरी तरह हरा-भरा कर दिया है. दावा है कि सतह बनाने और ढलाव को स्थिर और समतल बनाने का काम 70 प्रतिशत पूरा कर दिया गया है.

greenery on okhla landfill site in delhi
ओखला लैंडफिल साइट पर हरियाली

लगाई गई है घास
मंगलवार को साउथ एमसीडी के अपर आयुक्त रमेश वर्मा ने बताया कि यहां की सबसे ऊंची जगह को इतना मजबूत बनाया गया है कि हैलीकॉपटर भी उतर सकता है. उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन के कचरे को आधार बनाकर सबसे ऊंची सतह को तैयार किया गया है.

ढलाव को तैयार करते हुए उसके ऊपर मिट्टी का कवर दिया गया है. उस पर घास लगाई गई है और वहां ड्रम में पौधे लगाकर एक आकर्षण दिया गया है. वर्मा ने बताया कि उस जगह को ईको पार्क बनाने की योजना है.

greenery on okhla landfill site in delhi
तेजी से हो रहा है काम

पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव
इसी क्रम में ओखला वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से साइट तक एक पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव है, जिससे यहां पानी मिल सके. उन्होंने कहा कि यहां पर कूड़े कचरे से जहरीले पानी के कणों के रिसाव की समस्या से निपटने के लिए एक प्लांट भी लगाया गया है.
आधे से ज्यादा इलाके को स्थिर बना दिया गया है जबकि बाकी पर भी काम तेजी से चल रहा है.

तेजी से चल रहा है काम
बता दें कि ओखला लैंडफिल साइट के कायाकल्प के काम में 58 कर्मचारी लगे हुए हैं, जो 2 पालियों में काम करते हैं. इस साइट को बंद कर यहां वेस्ट मैनेजमेंट के 100% टारगेट के लिए काम किया जा रहा है.
यहां लैंड फिल साइट के पास मिली 47 एकड़ जमीन पर 2000 मीट्रिक टन कचरे के इस्तेमाल से 25 मेगावाट ऊर्जा संयंत्र लगाने और एक इंजीनियर लैंडफिल साइट बनाने का काम करने का फैसला किया गया था जो कि तेजी से चल रहा है.

Intro:नई दिल्ली:
आईआईटी दिल्ली की सलाह पर 23 साल पुरानी ओखला लैंडफिल साइट का कायाकल्प करने के प्रयास सफल होते नजर आ रहे हैं. साउथ एमसीडी ने बीते 10 महीने में साइट की ऊंचाई 58 मीटर से घटाकर 38 मीटर तो किया ही है, साथ ही इसके एक हिस्से को पूरी तरह हरा-भरा कर दिया है. दावा है कि सतह बनाने और ढलाव को स्थिर और समतल बनाने का काम 70 प्रतिशत पूरा कर दिया गया है.Body:मंगलवार को साउथ एमसीडी के अपर आयुक्त रमेश वर्मा ने बताया कि यहां की सबसे ऊंची जगह को इतना मजबूत बनाया गया है कि हैलीकाॅपटर भी उतर सकता है. उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन के कचरे को आधार बनाकर सबसे ऊंची सतह को तैयार किया गया है. ढलाव को तैयार करते हुए उसके ऊपर मिट्टी का कवर दिया गया है और उस पर घास लगाई गई और वहां ड्रम में पौधे लगाकर एक आकर्षण दिया गया है.

वर्मा ने बताया कि उस जगह को ईको पार्क बनाने की योजना है. इसी क्रम में ओखला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से साइट तक एक पाइप लाइन बिछाने का प्रस्ताव है जिससे यहां पानी मिल सके. उन्होंने कहा कि यहां पर कूड़े कचरे से जहरीले पानी के कणों के रिसाव की समस्या से निपटने के लिए एक प्लांट भी लगाया गया है. आधे से ज्यादा इलाके को स्थिर बना दिया गया है जबकिं बाकी पर भी काम तेजी से चल रहा है.Conclusion:बता दें कि ओखला लैंडफिल साइट के कायाकल्प के काम में 58 कर्मचारी लगे हुए हैं जो 2 पालियों में काम करते हैं. इस साइट को बंद कर यहां वेस्ट मैनेजमेंट के 100% टारगेट के लिए लैंड फिल साइट के पास मिली 47 एकड़ जमीन पर 2000 मीट्रीक टन कचरे के इस्तेमाल से 25 मेगावाट ऊर्जा संयंत्र लगाने और एक इंजीनियरड लैंड फिल साइट बनाने का काम करने का फैसला किया गया था जो कि तेजी से चल रहा है.
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