नई दिल्ली: हर साल 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है, जो ऐसा वैश्विक अवसर होता है, जिसमें वरिष्ठ नागरिकों के अमूल्य योगदान को मान्यता दी जाती है. इसी के तहत दक्षिणी दिल्ली में भी रविवार शाम एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें ग्रेटर कैलाश थाना इलाके के रहने वाले सभी बड़े बुजुर्गों को आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का आयोजन कैलाश थाने के एसएचओ अजीत कुमार और ग्रेटर कैलाश रेजिडेंस संगठन हेल्प केयर वेलफेयर सोसाइटी के नेतृत्व में किया गया था. यहां पहुंचे बड़े बुजुर्गों में उत्साह देखा गया.
बुजुर्गों की सेवा व संस्कार करना सिखाएं
हेल्प केयर सोसाइटी से जुड़ी रेनू बताती है कि संगठन के तरफ से हर साल इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश की जाती है. हेल्प केयर सोसाइटी से जुड़े राजिव काकरी ने बताया कि 1990 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वृद्धजनों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनके सम्मान को बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस की घोषणा की इसके बाद से हर साल 1 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जाता है.
वहीं, ग्रेटर कैलाश थाने के एसएचओ अजीत कुमार ने कहा, "अपने घर के बच्चों को जीवन में बुजुर्गों के महत्व को समझाएं और बुजुर्गों की सेवा व संस्कार करना सिखाएं, क्योंकि बुजुर्गों के प्यार, संस्कार, स्पर्श और आशीर्वाद से वंचित रहकर कभी किसी का जीवन नहीं संवर सकता."
बच्चों को सिखाएं बुजुर्गों की सेवा करना
- अपने बच्चों को उनके दादा-दादी के सम्पर्क में रखें और उन्हें बड़ों की सेवा आज्ञा पालन करना सिखाएं.
- बचपन के संस्कार जिंदगी भर रहते हैं, कच्चे घड़े को जिस ढंग से ढालोगे ढल जाएगा. तो अपने बच्चों का परिचय हमेशा अच्छे मूल्यों से करवाएं.
- बच्चों को सिखाएं कि वह रोजाना माता-पिता और घर के बड़ों के पास कुछ समय बैठकर उनसे उनका हाल भी सुनें.
- जितना हो सके अपने बच्चों को उनके दादा-दादी और नाना-नानी के सम्पर्क में रखें. उन्हें बड़ों की सेवा, विनय, आज्ञा पालन और संस्कार की सीख मिलेगी.
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