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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: आरोप तय करने के मामले पर 25 मार्च को फैसला

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में साकेत कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने पर सुनवाई की. कोर्ट अब 25 मार्च को फैसला सुनाएगा.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: आरोप तय करने के मामले पर 25 मार्च को फैसला
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Published : Mar 18, 2019, 5:43 PM IST

नई दिल्ली: साकेत कोर्ट में आज मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले पर अब 25 मार्च को फैसला सुनाया जाएगा.

पिछले 27 फरवरी को सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में दो स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त कर दिए गए हैं. सीबीआई ने इस मामले में अमित जिंदल और आर एन सिन्हा को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त किया है.

पिछले 23 फरवरी को इस मामले में सात आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था. सातों आरोपियों को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ की कोर्ट में पेश किया गया था.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: आरोप तय करने के मामले पर 25 मार्च को फैसला

23 फरवरी को जिन आरोपियों को साकेत कोर्ट में पेश किया गया उनमें शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वो इस मामले की सुनवाई छह महीने में पूरी करेगी.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस मामले को साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की छह महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुजफ्फरपुर ट्रायल कोर्ट से इस केस के सभी दस्तावेज साकेत कोर्ट में पहुंच गए हैं.

नई दिल्ली: साकेत कोर्ट में आज मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. मामले पर अब 25 मार्च को फैसला सुनाया जाएगा.

पिछले 27 फरवरी को सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले में दो स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त कर दिए गए हैं. सीबीआई ने इस मामले में अमित जिंदल और आर एन सिन्हा को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त किया है.

पिछले 23 फरवरी को इस मामले में सात आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था. सातों आरोपियों को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ की कोर्ट में पेश किया गया था.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: आरोप तय करने के मामले पर 25 मार्च को फैसला

23 फरवरी को जिन आरोपियों को साकेत कोर्ट में पेश किया गया उनमें शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वो इस मामले की सुनवाई छह महीने में पूरी करेगी.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस मामले को साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की छह महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुजफ्फरपुर ट्रायल कोर्ट से इस केस के सभी दस्तावेज साकेत कोर्ट में पहुंच गए हैं.

Intro:दक्षिणी दिल्ली । दिल्ली की साकेत कोर्ट में आज मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने आरोप तय करने के मामले पर 25 मार्च को फैसला सुनाने का आदेश दिया।


Body:पिछले 27 फरवरी को सीबीआई ने कोर्ट के बताया था कि इस मामले में दो स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त कर दिए गए हैं। सीबीआई ने इस मामले में अमित जिंदल और आर एन सिन्हा को स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर नियुक्त किया है।

पिछले 25 फरवरी को कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो दो दिनों के अंदर स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर नियुक्त करे। पिछले 23 फरवरी को इस मामले के सात आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया था। सातों आरोपियों को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ की कोर्ट में पेश किया गया था। 23 फरवरी को जिन आरोपियों को साकेत कोर्ट में पेश किया गया उनमें शाइस्ता प्रवीण ऊर्फ मधु, मोहम्मद साहिल ऊर्फ विक्की, मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का चाचा रामानुज, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वर्मा, शेल्टर होम के मैनेजर रामाशंकर सिंह , अश्विनी कुमार और कृष्णा कुमार राम शामिल हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वो इस मामले की सुनवाई छह महीने में पूरी करेगी।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को इस मामले को साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की छह महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुजफ्फरपुर ट्रायल कोर्ट से इस केस के सभी दस्तावेज साकेत कोर्ट में पहुंच गए हैं।



Conclusion:सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 12 फरवरी को इस मामले में सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव को अवमानना का दोषी करार दिया था। नागेश्वर राव पर आरोप था कि उन्होंने इस मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का तबादला बिना कोर्ट की अनुमति के कर दिया था ।
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