नई दिल्ली: डीयू में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के स्नातक पाठ्यक्रम के लिए दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गयी है. वहीं डीयू प्रशासन ने दिल्ली की छात्राओं को दाखिले में भी सहूलियत दी है. जिसके तहत यदि किसी कारणवश छात्रा का डीयू के रेगुलर कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाता है तब भी छात्राओं के पास डीयू में पढ़ने का अवसर रहेगा.
फॉर्म ऑटोमेटिकली पंजीकृत हो जाता
इसके लिए डीयू की तरफ से नॉन-कॉलेजिएट वूमेंस एजुकेशन बोर्ड (एनसीवेब) की सुविधा दी जा रही है. जिसके लिए छात्राओं को अलग से आवेदन नहीं करना पड़ेगा बल्कि डीयू में आवेदन करते ही उनका एनसीवेब में भी स्वतः ही पंजीकरण हो जाएगा.
महिला सशक्तिकरण को सार्थक करने के लिए डीयू की तरफ से शुरू की गई एनसीवेब की सुविधा को लेकर पीजीडीएवी कॉलेज के एनसीवेब टीचर इंचार्ज प्रोफेसर मनोज कुमार कैन ने बताया कि जो भी दिल्ली छात्रा डीयू में आवेदन करती हैं, उनका फॉर्म ऑटोमेटिकली एनसीवेब में भी पंजीकृत हो जाता है.
एनसीवेब में दो कोर्स कराए जाते
प्रोफेसर मनोज ने बताया कि एनसीवेब की सुविधा केवल दिल्ली में स्थायी रूप से रह रही लड़कियों के लिए है. उन्होंने कहा कि एनसीवेब में दो कोर्स कराए जाते हैं- बीए प्रोग्राम और बीकॉम. उन्होंने बताया कि गत वर्ष तक बीए प्रोग्राम में 284 सीटें थी और बीकॉम के लिए 184 सीटें थी. लेकिन ईडब्ल्यूएस कोटा लागू होने के बाद बीए प्रोग्राम में प्रत्येक सेंटर पर 312 सीटें और बीकॉम में प्रत्येक सेंटर पर 202 सीटें हो गई हैं.
एनसीवेब के लिए निकलती है कट ऑफ
उन्होंने कहा कि एनसीवेब रेगुलर कॉलेज की तरह है, बस यह रोजाना क्लास नहीं होती है बल्कि बीए प्रोग्राम के लिए छात्रों को 50 क्लास दी जाती है जबकि बीकॉम के लिए 42 क्लास अनिवार्य रखी गयी है. उन्होंने कहा कि एनसीवेब से पढ़ने वाली छात्राओं को वो हर सहूलियत मिलती है जो रेगुलर छात्रों को दी जाती है.
बता दें कि 12वीं क्लास पास करने के बाद यदि दिल्ली में रहने वाली किसी छात्रा को डीयू के रेगुलर कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाता तो उसे एनसीवेब में आसानी से दाखिला मिल सकता है. केवल उनके पास दिल्ली का कोई प्रमाण पत्र होना चाहिए. मालूम हो कि एनसीवेब में भी एडमिशन लेने के लिए कट ऑफ निकलती है, जोकि चौथी कट ऑफ के बाद निकलने की बात कही जा रही है.