नई दिल्ली: उत्तरी दिल्ली नगर निगम के राजन बाबू टीबी अस्पताल से कोरोना को लेकर एक बड़ी लापरवाही की जानकारी सामने आई है. इससे अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही भर्ती किए गए मरीजों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है.
एक हफ्ते बाद भी टेस्ट नहीं
मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल के वार्ड में 15 मई को एक 70 वर्षीय मरीज को भर्ती किया गया था. मरीज में शुरुआत से ही कोरोना जैसे लक्षण थे. 20 मई को मरीज की तबीयत बिगाड़ने पर इसे आरएमएल अस्पताल भेजा गया. जहां से डॉक्टरों ने इसे सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. सफदरजंग अस्पताल में मरीज की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई. इसके बाद उस वार्ड में काम करने वाली 3 नर्सों की तबीयत भी खराब होने लगी. एक को तेज बुखार आया, तो दो गले में परेशानी की शिकायत कर रही हैं. लेकिन इस एक हफ्ते गुजर जाने के बाद भी इन तीन नर्सों का भी टेस्ट नहीं हो पाया है.
यूनियन की मांग पर किया क्वारंटाइन
बताया जा रहा है कि इन तीन नर्सों के तबीयत खराब होने के बाद भी न तो इनका टेस्ट ही कराया गया और न ही इनको क्वारंटाइन किया गया. इसे लेकर दिल्ली नर्सेस यूनियन को बीच में आना पड़ा. यूनियन ने कमिश्नर को घटना की जानकारी देते हुए कोरोना के नियम फॉलो करने की मांग की. तब जाकर इन तीनों नर्सों को अस्पताल ने एक हफ्ते के लिए क्वारंटाइन में भेजा. ऐसे में अगर इन तीन नर्सों में से कोई संक्रमित निकल जाती तो अस्पताल में संक्रमण का दायरा काफी बढ़ने का खतरा बढ़ जाता. इस पर अस्पताल से प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.