नई दिल्ली: उत्तरी-पश्चिमी जिले की नरेला और बवाना दो विधानसभाओं को जोड़ने वाला रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य ढाई साल बीत जाने के बाद भी अधर में लटका हुआ है. ब्रिज के निर्माण कार्य को लेकर भाजपा पार्टी के सांसद हंसराज हंस, रोहिणी जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक नीलदमन खत्री व पार्टी के पदाधिकारियों ने दिल्ली सरकार के खिलाफ धरना भी दिया और आरोप भी लगाया कि दिल्ली सरकार डीडीए विभाग के काम में अड़ंगा डाल रही है.
ब्रिज के निर्माण कार्य पर दोनों पार्टियों की ओर से राजनीति करने के आरोप भी लगते रहे हैं. इन सब के बावजूद अभी भी पुल का निर्माण कार्य सालों बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हुआ है. ईटीवी भारत की टीम ने नरेला इलाके में रेलवे ओवर ब्रिज के सालों से चल रहे निर्माण कार्य को लेकर वहां पर तैनात सुरक्षा गार्ड से बात की, तो उन्होंने बताया ब्रिज का निर्माण कार्य करीब 5-6 महीनों में पूरा होने की संभावना है. कई बार अधिकारियों ने दौरा किया है और लगभग 70-80 प्रतिशत काम भी पूरा हो चुका है.
450 करोड़ की लागत से बनेगा पुल
साल 2018 में भाजपा के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी, पूर्व सांसद डॉ. उदित राज व नरेला के पूर्व विधायक और रोहिणी जिलाध्यक्ष रेलवे ओवर ब्रिज के शिलान्यास के समय मौजूद थे. उस समय इसकी लागत करीब 450 करोड़ रुपये और समय सीमा करीब 15 महीने तय की गई थी. जो अप्रैल 2019 में पूरा होना था, लेकिन राजनीतिक परेशानियों और काम में आई बाधाओं के कारण रेलवे और ब्रिज के निर्माण कार्य में करीब ढाई साल का समय लग गया. जिसके बाद अभी भी यह काम अधर में लटका हुआ है. पुल के निर्माण कार्य को लेकर भाजपा के नेता और पदाधिकारी कई बार दिल्ली सरकार के खिलाफ धरने प्रदर्शन भी कर चुके हैं और आरोपी लगाते रहे हैं कि दिल्ली सरकार रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य में अड़ंगा लगा रही है.
70 से 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है काम
रेलवे और ब्रिज की सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी गार्ड नंदन सिंह ने बताया कि अब पुल का निर्माण कार्य लगभग 70-80 प्रतिशत पूरा हो चुका है. पेड़ों की वजह से रुके हुए काम को जोड़ना बाकी है और फिनिशिंग का काम भी बाकी है. अधिकारियों की बातचीत के अनुसार, पुल का निर्माण कार्य लगभग 6 महीने में पूरा हो जाएगा. इसके बनने से नरेला ही नहीं आसपास के इलाके को भी फायदा मिलेगा. दर्जनों गांव और सैकड़ों कॉलोनियों के अलावा इंडस्ट्रियल एरिया में काम के लिए आने वाले लोग भी इस पुल का लाभ उठा सकेंगे.
जाम की समस्या से निपटेंगे
नरेला में जाम की समस्या किसी से छिपी नहीं है और रेलवे फाटक पर भी घंटों तक जाम लगता है, जिसमें लोग बुरी तरह फंस कर परेशान होते हैं. नरेला की अनाज मंडी में दिल्ली ही नहीं आसपास के राज्यों से भी लोग अपना सामान बेचने के लिए आते हैं. जिससे नरेला मंडी वाली रोड पर भयंकर जाम की समस्या पैदा हो जाती है. इससे निपटने के लिए पुल का निर्माण कार्य पर विचार किया गया, जो अभी भी राजनीति की वजह से अधर में लटका हुआ है.
जरूरत है दोनों ही सरकार लोगों को हो रही परेशानियों को देखते हुए जल्द से जल्द रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण कार्य में आ रही बाधाओं को दूर करते हुए बाकी का बचा हुआ काम भी जल्द पूरा कराएं, ताकि लोग जल्द से जल्द पुल का लाभ उठा सकें.