नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में बढ़ती ठंड के साथ हर साल प्रवासी पक्षियों का आना शुरू होता है. दिल्ली के जगतपुर गांव स्थित यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क 300 एकड़ में फैला हुआ है और पार्क में बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी देखे जा सकते हैं. इस बार यमुना किनारे विदेशी पक्षियों की संख्या कम है. चाइना, यूरोप, अफगानिस्तान, सेंट्रल एशिया, साइबेरिया ओर मंगोलिया आदि देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी इस बार पूरी संख्या में दिल्ली नहीं पहुंचे हैं. दिल्ली की यमुना नदी में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही तरह के पक्षी हर साल प्रवास करते हैं. यमुना का किनारा इनके प्रवास का प्रमुख केंद्र है.
जगतपुर गांव स्थित बायोडायवर्सिटी पार्क के इंचार्ज डॉ. फैयाज अहमद खुदसर ने बताया कि आम आमतौर पर सर्दियों के मौसम में अक्टूबर से मार्च तक प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में भारत में प्रवास करते हैं. यमुना नदी और उसके आसपास का इलाका इनके प्रवास का मुख्य केंद्र है, लेकिन इस बार प्रवासी पक्षियों की संख्या भारत में कम है. उम्मीद है कि 15 जनवरी के बाद तक बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी भारत में प्रवास करने के लिए आएंगे. आमतौर पर 30 से ज्यादा प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां सेंट्रल एशिया, चाइना, मंगोलिया, साइबेरिया, यूरोप और अफगानिस्तान आदि देशों से यहां पर आते हैं.
उन्होंने कहा कि मुख्य बात यह है कि इस दौरान कोई भी प्रवासी पक्षी भारत में प्रजनन नहीं करता, क्योंकि इन्हें यहां पर अनुकूल वातावरण नहीं मिलता है. भारत में प्रवास करने के पीछे प्रवासी पक्षियों की वजह यह है कि जब ठंडे देशों में पूरी तरह से बर्फ जमने लगती है, तो सभी प्रवासी पक्षी भारत की ओर अपना रुख करते हैं. हजारों मील उड़ान भरने के बाद जिन-जिन इलाकों में उन्हें अनुकूलित वातावरण मिलता है, सभी वहां पर रहते हैं. उन्हें पर्याप्त मात्रा में भोजन मिलता है. इस बार भारत मे प्रवासी पक्षियों की संख्या कम है.
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पर्यावरणविद ने बताया कि जिन देशों से पक्षी प्रवास करने के लिये भारत का रुख करते हैं, उन देशों के वातावरण में कुछ तब्दीली हुई है, जिस कारण प्रवासी पक्षियों ने भारत की तरफ कम रुख किया है. राजस्थान के कई इलाकों में भी अनुकूलित वातावरण मिलने की वजह से दिल्ली में प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी आई है, लेकिन उम्मीद है कि 15 जनवरी तक प्रवासी पक्षी बड़ी संख्या में भारत का रुख करेंगे. आमतौर पर 30 से ज्यादा प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां भारत में आती हैं.
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