नई दिल्लीः राजधानी में कोरोना का खौफ आस्था पर हावी होता नजर आ रहा है. अनलॉक के दौरान भले ही धार्मिक स्थल खुल गए हों, लेकिन आस्था का प्रतीक बने बाबा सैयद बुलाकी शाह के मजार पर श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है. श्रद्धालुओं की कमी की वजह से मजार के बाहर फूल और चादर बेचने वालों का काम भी पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. आम दिनों में इस मजार पर मन्नत मांगने वालों की भीड़ लगी रहती थी. लेकिन कोरोना महामारी के डर की वजह से यहां बेहद कम लोग ही पहुंच रहे हैं.
सोशल डिस्टेंसिंग का होता है पालन
अनलॉक के बाद दूसरे धार्मिक स्थलों की तरह ही सैयद बुलाकी शाह की दरगाह को भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. दरगाह में सरकार के सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पूरी तरह से पालन होता है. दरगाह पर आने वाले फासले पर रहते हैं. वहीं सेनेटाइजशन की भी व्यवस्था की गई है.
खाली बैठे रहते हैं फूल और चादर वाले
बुलाकी शाह दरगाह के बाहर मौजूद फूल और चादर वालों के पास आम दिनों में इतना काम होता है कि उन्हें किसी से बात करने की भी फुरसत नहीं होती, लेकिन लगातार चले लॉकडाउन की वजह से दरगाह पूरी तरह से बंद रही. अनलॉक में खुलने के बाद भी बीमारी के डर से श्रद्धालु यहां नहीं पहुंच रहे हैं.
नहीं हो रही कव्वाली
बुलाकी शाह की दरगाह पर आम दिनों के अलावा गुरुवार का दिन भी बहुत खास रहता है. दरगाह पर भीड़ को देखते हुए मजार पर कव्वाली भी होती है, लेकिन सरकारी दिशा निर्देश और बीमारी के डर से यहां बहुत कम लोग ही पहुंच रहे हैं. जिसकी वजह से अब कव्वाली भी यहां नहीं हो रही है.