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कोरोना का असर: बुलाकी शाह दरगाह पर मन्नत मांगने वाले श्रद्धालु हुए कम

दिल्ली के ब्रह्मपुरी मेन रोड पर मौजूद बाबा सैयद बुलाकी शाह की पुरानी मजार इन दिनों खाली नजर आता है. कोरोना वायरस की वजह से यहां श्रद्धालुओं की संख्या में भी जबरदस्त कमी आई है.

number of devotees down at baba syed bulaki shah mazaar due to coronavirus
बुलाकी शाह दरगाह
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Published : Jun 26, 2020, 9:54 PM IST

नई दिल्लीः राजधानी में कोरोना का खौफ आस्था पर हावी होता नजर आ रहा है. अनलॉक के दौरान भले ही धार्मिक स्थल खुल गए हों, लेकिन आस्था का प्रतीक बने बाबा सैयद बुलाकी शाह के मजार पर श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है. श्रद्धालुओं की कमी की वजह से मजार के बाहर फूल और चादर बेचने वालों का काम भी पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. आम दिनों में इस मजार पर मन्नत मांगने वालों की भीड़ लगी रहती थी. लेकिन कोरोना महामारी के डर की वजह से यहां बेहद कम लोग ही पहुंच रहे हैं.

अनलॉक में भी नहीं पहुंच रहे श्रद्धालु

सोशल डिस्टेंसिंग का होता है पालन

अनलॉक के बाद दूसरे धार्मिक स्थलों की तरह ही सैयद बुलाकी शाह की दरगाह को भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. दरगाह में सरकार के सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पूरी तरह से पालन होता है. दरगाह पर आने वाले फासले पर रहते हैं. वहीं सेनेटाइजशन की भी व्यवस्था की गई है.

खाली बैठे रहते हैं फूल और चादर वाले

बुलाकी शाह दरगाह के बाहर मौजूद फूल और चादर वालों के पास आम दिनों में इतना काम होता है कि उन्हें किसी से बात करने की भी फुरसत नहीं होती, लेकिन लगातार चले लॉकडाउन की वजह से दरगाह पूरी तरह से बंद रही. अनलॉक में खुलने के बाद भी बीमारी के डर से श्रद्धालु यहां नहीं पहुंच रहे हैं.

नहीं हो रही कव्वाली

बुलाकी शाह की दरगाह पर आम दिनों के अलावा गुरुवार का दिन भी बहुत खास रहता है. दरगाह पर भीड़ को देखते हुए मजार पर कव्वाली भी होती है, लेकिन सरकारी दिशा निर्देश और बीमारी के डर से यहां बहुत कम लोग ही पहुंच रहे हैं. जिसकी वजह से अब कव्वाली भी यहां नहीं हो रही है.

नई दिल्लीः राजधानी में कोरोना का खौफ आस्था पर हावी होता नजर आ रहा है. अनलॉक के दौरान भले ही धार्मिक स्थल खुल गए हों, लेकिन आस्था का प्रतीक बने बाबा सैयद बुलाकी शाह के मजार पर श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है. श्रद्धालुओं की कमी की वजह से मजार के बाहर फूल और चादर बेचने वालों का काम भी पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. आम दिनों में इस मजार पर मन्नत मांगने वालों की भीड़ लगी रहती थी. लेकिन कोरोना महामारी के डर की वजह से यहां बेहद कम लोग ही पहुंच रहे हैं.

अनलॉक में भी नहीं पहुंच रहे श्रद्धालु

सोशल डिस्टेंसिंग का होता है पालन

अनलॉक के बाद दूसरे धार्मिक स्थलों की तरह ही सैयद बुलाकी शाह की दरगाह को भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. दरगाह में सरकार के सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पूरी तरह से पालन होता है. दरगाह पर आने वाले फासले पर रहते हैं. वहीं सेनेटाइजशन की भी व्यवस्था की गई है.

खाली बैठे रहते हैं फूल और चादर वाले

बुलाकी शाह दरगाह के बाहर मौजूद फूल और चादर वालों के पास आम दिनों में इतना काम होता है कि उन्हें किसी से बात करने की भी फुरसत नहीं होती, लेकिन लगातार चले लॉकडाउन की वजह से दरगाह पूरी तरह से बंद रही. अनलॉक में खुलने के बाद भी बीमारी के डर से श्रद्धालु यहां नहीं पहुंच रहे हैं.

नहीं हो रही कव्वाली

बुलाकी शाह की दरगाह पर आम दिनों के अलावा गुरुवार का दिन भी बहुत खास रहता है. दरगाह पर भीड़ को देखते हुए मजार पर कव्वाली भी होती है, लेकिन सरकारी दिशा निर्देश और बीमारी के डर से यहां बहुत कम लोग ही पहुंच रहे हैं. जिसकी वजह से अब कव्वाली भी यहां नहीं हो रही है.

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