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बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए बीएसईएस ने बनाया विंटर एक्शन प्लान - टाटा पावर डीडीएल

बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए बीएसईएस ने विंटर एक्शन प्लान बनाया है. सर्दियों में दिल्ली में बिजली की डिमांड 4700 मेगावॉट हो सकती है. बीएसईएस ने आंकड़ों के आधार पर जानकारी दी है कि इस साल बिजली की मांग 228 मेगावॉट तक बढ़ सकती है.

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Published : Dec 9, 2019, 7:55 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली वालों की बिजली की मांग एक बार फिर पीक पर रहने वाली है. यानी इस बार बिजली की खपत करीब 4700 मेगावॉट तक पहुंच सकती है, जो पिछले साल की तुलना में 228 मेगावॉट अधिक होगी. मंगलवार को बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस ने ये जानकारी अत्याधुनिक तकनीक से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर दी.

बढ़ेगी बिजली की मांग
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस बार दिल्ली के बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की पीक मांग 2019 मेगावॉट, बीवाईपीएल क्षेत्र में 1163 मेगावॉट और टाटा पावर डीडीएल क्षेत्र में 1518 मेगावॉट के आंकड़े को छू सकती है.

हालांकि, पिछले साल ठंड के महीनों में राजधानी में बिजली की पीक डिमांड 4472 मेगावॉट पहुंची थी जो बीआरपीएल क्षेत्र में 1926 मेगावॉट थी और बीवाईपीएल इलाके में 1091 मेगावॉट थी.

बिजली आपूर्ति के पर्याप्त इंतजाम किए गए
बीएसईएस के मुताबिक ठंड के महीनों में बिजली की सुचारू आपूर्ति के लिए बिजली के पर्याप्त इंतजाम कर लिए गए हैं. लॉन्ग टर्म आधार पर बिजली खरीद समझौतों के तहत, बीएसईएस को पीक डिमांड के हिसाब से पर्याप्त बिजली मिलेगी. पावर बैंकिंग मॉड्यूल के तहत भी दिसंबर से फरवरी महिने के दौरान अतिरिक्त बिजली मिलेगी. इसके बावजूद, अगर किसी कारणवश अचानक बिजली की मांग बढ़ती है तो पावर एक्सचेंज से शॉर्ट-टर्म आधार पर बिजली की खरीद की जाएगी.

बिजली की मांग का पहले ही होगा अंदाजा
वहीं लोड फोरकास्टिंग सिस्टम की मदद से अब तीन स्तरों पर बिजली की डिमांड का करीब-करीब सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा. इससे पता चल सकेगा कि कल बिजली की मांग क्या रहने वाली है. ये भी जाना जा सकता है कि परसों बिजली की क्या डिमांड होगी. इसके अलावा, ये कैलकुलेशन भी की जा सकती है कि अगले एक साल में बिजली की मांग में कितना उछाल आने की संभावना है.


वेदर फोरकास्टिंग तकनीक है मददगार
दिल्ली में बिजली की डिमांड के उतार-चढ़ाव में मौसम की बड़ी भूमिका होती है. इसलिए बिजली की मांग का अनुमान लगाते वक्त वेदर फोरकास्टिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे ये पता चलता है कि कल का मौसम कैसा रहेगा, बारिश होगी, तापमान गिरेगा या बढ़ेगा, हवा की गति कैसी रहेगी, आदि. बिजली की मांग का सटीक अनुमान लगाने के लिए बीएसईएस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की भी मदद ले रही है जिनसे उपभोक्ताओं को बिजली की सुचारू आपूर्ति करने में मदद मिलेगी.

गर्मियों की तैयारियां भी शुरू
बीएसईएस ने सर्दियों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के अलावा, अभी से ही गर्मियों की तैयारियां भी शुरू कर दी है. इसके लिए पावर बैंकिंग मॉड्यूल का उपयोग किया जा रहा है. बीएसईएस सर्दियों में कुछ ठंडे प्रदेशों को बिजली देगी और बदले में, वे ठंडे प्रदेश गर्मियों में बीएसईएस को बिजली वापस करेंगे, जिसका फायदा उपभोक्ताओं को गर्मियों में मिलेगा.

नई दिल्ली: दिल्ली वालों की बिजली की मांग एक बार फिर पीक पर रहने वाली है. यानी इस बार बिजली की खपत करीब 4700 मेगावॉट तक पहुंच सकती है, जो पिछले साल की तुलना में 228 मेगावॉट अधिक होगी. मंगलवार को बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस ने ये जानकारी अत्याधुनिक तकनीक से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर दी.

बढ़ेगी बिजली की मांग
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस बार दिल्ली के बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की पीक मांग 2019 मेगावॉट, बीवाईपीएल क्षेत्र में 1163 मेगावॉट और टाटा पावर डीडीएल क्षेत्र में 1518 मेगावॉट के आंकड़े को छू सकती है.

हालांकि, पिछले साल ठंड के महीनों में राजधानी में बिजली की पीक डिमांड 4472 मेगावॉट पहुंची थी जो बीआरपीएल क्षेत्र में 1926 मेगावॉट थी और बीवाईपीएल इलाके में 1091 मेगावॉट थी.

बिजली आपूर्ति के पर्याप्त इंतजाम किए गए
बीएसईएस के मुताबिक ठंड के महीनों में बिजली की सुचारू आपूर्ति के लिए बिजली के पर्याप्त इंतजाम कर लिए गए हैं. लॉन्ग टर्म आधार पर बिजली खरीद समझौतों के तहत, बीएसईएस को पीक डिमांड के हिसाब से पर्याप्त बिजली मिलेगी. पावर बैंकिंग मॉड्यूल के तहत भी दिसंबर से फरवरी महिने के दौरान अतिरिक्त बिजली मिलेगी. इसके बावजूद, अगर किसी कारणवश अचानक बिजली की मांग बढ़ती है तो पावर एक्सचेंज से शॉर्ट-टर्म आधार पर बिजली की खरीद की जाएगी.

बिजली की मांग का पहले ही होगा अंदाजा
वहीं लोड फोरकास्टिंग सिस्टम की मदद से अब तीन स्तरों पर बिजली की डिमांड का करीब-करीब सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा. इससे पता चल सकेगा कि कल बिजली की मांग क्या रहने वाली है. ये भी जाना जा सकता है कि परसों बिजली की क्या डिमांड होगी. इसके अलावा, ये कैलकुलेशन भी की जा सकती है कि अगले एक साल में बिजली की मांग में कितना उछाल आने की संभावना है.


वेदर फोरकास्टिंग तकनीक है मददगार
दिल्ली में बिजली की डिमांड के उतार-चढ़ाव में मौसम की बड़ी भूमिका होती है. इसलिए बिजली की मांग का अनुमान लगाते वक्त वेदर फोरकास्टिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे ये पता चलता है कि कल का मौसम कैसा रहेगा, बारिश होगी, तापमान गिरेगा या बढ़ेगा, हवा की गति कैसी रहेगी, आदि. बिजली की मांग का सटीक अनुमान लगाने के लिए बीएसईएस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की भी मदद ले रही है जिनसे उपभोक्ताओं को बिजली की सुचारू आपूर्ति करने में मदद मिलेगी.

गर्मियों की तैयारियां भी शुरू
बीएसईएस ने सर्दियों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के अलावा, अभी से ही गर्मियों की तैयारियां भी शुरू कर दी है. इसके लिए पावर बैंकिंग मॉड्यूल का उपयोग किया जा रहा है. बीएसईएस सर्दियों में कुछ ठंडे प्रदेशों को बिजली देगी और बदले में, वे ठंडे प्रदेश गर्मियों में बीएसईएस को बिजली वापस करेंगे, जिसका फायदा उपभोक्ताओं को गर्मियों में मिलेगा.

Intro:गर्मी तो गर्मी, सर्दी में भी दिल्ली वालों की बिजली की मांग एक बार फिर पीक पर रहने वाली है यानी इस बार बिजली की खपत करीब 4700 मेगावॉट तक पहुंच सकती है जो पिछले साल की तुलना में 228 मेगावॉट अधिक होगी। यह जानकारी बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस ने अत्याधुनिक तकनीक से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर मंगलवार को दी।Body:बिजली की निर्बाध आपूर्ति के लिए बीएसईएस ने बनाया विंटर ऐक्शन प्लान
-सर्दियों में 4700 मेगावाॅट हो सकती है दिल्ली में बिजली की डिमांड
-इस साल 228 मेगावॉट तक बढ़ सकती है बिजली की मांग

नई दिल्लीः

गर्मी तो गर्मी, सर्दी में भी दिल्ली वालों की बिजली की मांग एक बार फिर पीक पर रहने वाली है यानी इस बार बिजली की खपत करीब 4700 मेगावॉट तक पहुंच सकती है जो पिछले साल की तुलना में 228 मेगावॉट अधिक होगी। यह जानकारी बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस ने अत्याधुनिक तकनीक से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर मंगलवार को दी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस बार दिल्ली के बीआरपीएल क्षेत्र में बिजली की पीक मांग 2019 मेगावाॅट, बीवाईपीएल क्षेत्र में 1163 मेगावाॅट और टाटा पावर डीडीएल क्षेत्र में 1518 मेगावॉट के आंकड़े को छू सकती है।

हालांकि, पिछले साल ठंड के महीनों में राजधानी में बिजली की पीक डिमांड 4472 मेगावाॅट पहुंची थी जो बीआरपीएल क्षेत्र में 1926 मेगावाॅट थी और बीवाईपील इलाके में 1091 मेगावाॅट थी।

बीएसईएस के मुताबिक ठंड के महीनों में बिजली की सुचारू आपूर्ति के लिए, बिजली के पर्याप्त इंतजाम कर लिए गए हैं। लाॅन्ग टर्म आधार पर बिजली खरीद समझौतों के तहत, बीएसईएस को पीक डिमांड के हिसाब से पर्याप्त बिजली मिलेगी। पावर बैंकिंग माॅड्यूल के तहत भी दिसंबर से फरवरी माह के दौरान अतिरिक्त बिजली मिलेगी। इसके बावजूद, अगर किसी कारणवश अचानक बिजली की मांग अचानक बढ़ती है तो पावर एक्सचेंज से शाॅर्ट-टर्म आधार पर बिजली की खरीद की जाएगी।

वहीं, लोड फोरकास्टिंग सिस्टम की मदद से अब तीन स्तरों पर बिजली की डिमांड का करीब-करीब सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा। इससे पता चल सकेगा कि कल बिजली की मांग क्या रहने वाली है। यह भी जाना जा सकता है कि परसों बिजली की क्या डिमांड होगी। इसके अलावा, ये कैलकुलेशन भी की जा सकती है कि अगले एक साल में बिजली की मांग में कितना उछाल आने की संभावना है।

वेदर फोरकास्टिंग तकनीक के जरिये लगाया जा रहा है बिजली की मांग का अनुमान

दिल्ली में बिजली की डिमांड के उतार-चढ़ाव में मौसम की बड़ी भूमिका होती है, इसलिए बिजली की मांग का अनुमान लगाते वक्त वेदर फोरकास्टिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह पता चलता है कि कल का मौसम कैसा रहेगा, बारिश होगी, तापमान गिरेगा या बढ़ेगा, हवा की गति कैसी रहेगी, आदि। बिजली की मांग का सटीक अनुमान लगाने के लिए बीएसईएस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की भी मदद ले रही है जिनसे उपभोक्ताओं को बिजली की सुचारू आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।


बिजली की आपूर्ति बरकरार करने के लिए पावर बैंकिंग मॉड्यूल का इस्तेमाल

बीएसईएस ने सर्दियों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के अलावा, अभी से ही गर्मियों की तैयारियां भी शुरू कर दी है। इसके लिए पावर बैंकिंग माॅड्यूल का उपयोग किया जा रहा है। बीएसईएस सर्दियों में कुछ ठंडे प्रदेशों को बिजली देगी और बदले में, वे ठंडे प्रदेश गर्मियों में बीएसईएस को बिजली वापस करेंगे, जिसका फायदा उपभोक्ताओं को गर्मियों में मिलेगा।Conclusion:बिजली की आपूर्ति बरकरार करने के लिए पावर बैंकिंग मॉड्यूल का इस्तेमाल

बीएसईएस ने सर्दियों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के अलावा, अभी से ही गर्मियों की तैयारियां भी शुरू कर दी है। इसके लिए पावर बैंकिंग माॅड्यूल का उपयोग किया जा रहा है। बीएसईएस सर्दियों में कुछ ठंडे प्रदेशों को बिजली देगी और बदले में, वे ठंडे प्रदेश गर्मियों में बीएसईएस को बिजली वापस करेंगे, जिसका फायदा उपभोक्ताओं को गर्मियों में मिलेगा।
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