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लापरवाही का शिकार हुई टिकट वेंडिंग मशीनें! मेंटेनेंस के इंतजार में फांक रहीं धूल

दिल्ली मंडल के स्टेशनों पर टिकट वेंडिंग मशीनें काम नहीं कर रही हैं. फिलहाल अधिकारियों का कहना है कि मशीनों के लिए बहुत जल्दी लेटर ऑफ एग्रीमेंट हो जाएगा और वो ठीक कर दी जाएंगी.

बंद पड़ी हैं टिकट वेंडिंग मशीनें
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Published : Apr 9, 2019, 2:19 AM IST

नई दिल्ली: यात्री सुविधा में बढ़ोतरी के मद्देनजर जिन टिकट वेंडिंग मशीनों को पिछले दिनों यात्रियों की सहूलियत के लिए लगाया गया था, आज वही मशीनें सरदर्द बनी हुईं हैं. आलम ये है कि मेंटेनेंस नहीं होने के चलते दिल्ली मंडल के स्टेशनों पर ये मशीनें काम ही नहीं कर रही हैं. जो मशीनें थोड़ा बहुत चल भी रही हैं उनपर यात्रियों की इतनी लंबी-लंबी लाइनें लग रहीं हैं कि उससे बेहतर लोग काउंटर टिकट को मान रहे हैं.

लगातार मिल रही थी शिकायतें

दरअसल रेल यात्रियों को लंबी-लंबी कतारों से बचाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर टिकट वेंडिंग मशीनें लगाई जाती हैं. दिल्ली मंडल के स्टेशनों पर भी इसी क्रम में ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीनें (एटीवीएम) और कैश, कॉइन एंड स्मार्ट कार्ड ऑपरेटेड टिकट वेंडिंग मशीन (को-टीवीएम) मौजूद हैं. इन्हें ऑपरेट करने के लिए बाकायदा फैसिलिटेटर भी रखे गए हैं. हालांकि यात्रियों की लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि अधिकतर मशीनें काम नहीं कर रहीं. जब ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के प्रमुख स्टेशनों पर इस बात को जांचा कि इन शिकायतों में कितनी सच्चाई है और वाकई ये हैरान करने वाला था.

'लेटर ऑफ एग्रीमेंट का है इंतजार'
नई दिल्ली स्टेशन राजधानी दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एटीवीएम और को-टीवीएम की कुल संख्या 11 है. हैरानी की बात है कि स्टेशन पर अधिकतर को-टीवीएम खराब पड़ी हैं. जो थोड़ा बहुत ठीक चल भी रही हैं तो उनके पास खड़े फैसिलिटेटर उनसे जद्दोजहद ही करते दिखाई पड़ते हैं. एटीवीएम यहां ठीक हैं लेकिन स्मार्ट कार्ड बेस्ड होने के चलते यात्री इनका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे.

पुरानी दिल्ली और निजामुद्दीन
पुरानी दिल्ली के हालात और भी खराब हैं. यहां की कुल 11 मशीनों में चांदनी चौक एंट्री साइड 2 मशीनों को छोड़कर बाकी सब खराब ही दिखाई पड़ी. कहने को यहां 11 फैसिलिटेटर हैं, लेकिन मौके पर मौजूद 2 फैसिलिटेटर यात्रियों से लड़ते नजर आए. सवाल पूछे जाने पर कि बाकी मशीनें क्यों नहीं चल रही हैं, उन्होंने दो टूक कहा- हमें नहीं पता जाके अधिकारियों से पूछो. निजामुद्दीन के हालत भी लगभग सामान्य थे, जहां कुल 6 मशीनें हैं. सराय काले खां साइड की एक भी मशीन नहीं चल रही. मशीन कबसे खराब पड़ी है इसका अंदाजा इसके ऊपर की धूल देखकर ही लगाया जा सकता है.

लेटर ऑफ एग्रीमेंट का इंतजार
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार से जब इन खराब पड़ी मशीनों के विषय में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि इनका मेंटेनेंस चीफ कमर्शियल मैनेजर (पैसेंजर मार्केटिंग) के अधीन होता है. कुमार कहते हैं कि स्टेशनों पर लगी हुई एटीवीएम तो ठीक तरीके से काम कर रही हैं और वो वारंटी में भी है. हालांकि कोटीवीएममें कुछ दिक्कतें है और उन्हें इसकी शिकायत मिल चुकी है. वो कहते हैं कि को-टीवीएम के लिए बहुत जल्दी लेटर ऑफ एग्रीमेंट हो जाएगा और वो ठीक कर दी जाएंगी.

नई दिल्ली: यात्री सुविधा में बढ़ोतरी के मद्देनजर जिन टिकट वेंडिंग मशीनों को पिछले दिनों यात्रियों की सहूलियत के लिए लगाया गया था, आज वही मशीनें सरदर्द बनी हुईं हैं. आलम ये है कि मेंटेनेंस नहीं होने के चलते दिल्ली मंडल के स्टेशनों पर ये मशीनें काम ही नहीं कर रही हैं. जो मशीनें थोड़ा बहुत चल भी रही हैं उनपर यात्रियों की इतनी लंबी-लंबी लाइनें लग रहीं हैं कि उससे बेहतर लोग काउंटर टिकट को मान रहे हैं.

लगातार मिल रही थी शिकायतें

दरअसल रेल यात्रियों को लंबी-लंबी कतारों से बचाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर टिकट वेंडिंग मशीनें लगाई जाती हैं. दिल्ली मंडल के स्टेशनों पर भी इसी क्रम में ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीनें (एटीवीएम) और कैश, कॉइन एंड स्मार्ट कार्ड ऑपरेटेड टिकट वेंडिंग मशीन (को-टीवीएम) मौजूद हैं. इन्हें ऑपरेट करने के लिए बाकायदा फैसिलिटेटर भी रखे गए हैं. हालांकि यात्रियों की लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि अधिकतर मशीनें काम नहीं कर रहीं. जब ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के प्रमुख स्टेशनों पर इस बात को जांचा कि इन शिकायतों में कितनी सच्चाई है और वाकई ये हैरान करने वाला था.

'लेटर ऑफ एग्रीमेंट का है इंतजार'
नई दिल्ली स्टेशन राजधानी दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एटीवीएम और को-टीवीएम की कुल संख्या 11 है. हैरानी की बात है कि स्टेशन पर अधिकतर को-टीवीएम खराब पड़ी हैं. जो थोड़ा बहुत ठीक चल भी रही हैं तो उनके पास खड़े फैसिलिटेटर उनसे जद्दोजहद ही करते दिखाई पड़ते हैं. एटीवीएम यहां ठीक हैं लेकिन स्मार्ट कार्ड बेस्ड होने के चलते यात्री इनका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे.

पुरानी दिल्ली और निजामुद्दीन
पुरानी दिल्ली के हालात और भी खराब हैं. यहां की कुल 11 मशीनों में चांदनी चौक एंट्री साइड 2 मशीनों को छोड़कर बाकी सब खराब ही दिखाई पड़ी. कहने को यहां 11 फैसिलिटेटर हैं, लेकिन मौके पर मौजूद 2 फैसिलिटेटर यात्रियों से लड़ते नजर आए. सवाल पूछे जाने पर कि बाकी मशीनें क्यों नहीं चल रही हैं, उन्होंने दो टूक कहा- हमें नहीं पता जाके अधिकारियों से पूछो. निजामुद्दीन के हालत भी लगभग सामान्य थे, जहां कुल 6 मशीनें हैं. सराय काले खां साइड की एक भी मशीन नहीं चल रही. मशीन कबसे खराब पड़ी है इसका अंदाजा इसके ऊपर की धूल देखकर ही लगाया जा सकता है.

लेटर ऑफ एग्रीमेंट का इंतजार
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार से जब इन खराब पड़ी मशीनों के विषय में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि इनका मेंटेनेंस चीफ कमर्शियल मैनेजर (पैसेंजर मार्केटिंग) के अधीन होता है. कुमार कहते हैं कि स्टेशनों पर लगी हुई एटीवीएम तो ठीक तरीके से काम कर रही हैं और वो वारंटी में भी है. हालांकि कोटीवीएममें कुछ दिक्कतें है और उन्हें इसकी शिकायत मिल चुकी है. वो कहते हैं कि को-टीवीएम के लिए बहुत जल्दी लेटर ऑफ एग्रीमेंट हो जाएगा और वो ठीक कर दी जाएंगी.

Intro:नई दिल्ली:
यात्री सुविधा में बढ़ोतरी के मद्देनजर जिन टिकट वेंडिंग मशीनों को पिछले दिनों यात्रियों की सहूलियत के लिए लगाया गया था आज वही मशीनें सबसे बड़ा सरदर्द बनी हुईं हैं. आलम ये है कि मेंटेनेंस नहीं होने के चलते दिल्ली मंडल के स्टेशनों पर यह मशीनें काम ही नहीं कर रही है. जो थोड़ा बहुत चल भी रही हैं तो उनपर यात्रियों की इतनी लंबी-लंबी लाइनें लग रहीं हैं कि उससे बेहतर लोग काउंटर टिकट को मान रहे हैं. गौर करने वाली बात है कि रेल अधिकारियों को इसके विषय में जानकारी होने के बावजूद अब तक इन्हें ठीक कराने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है.


Body:दरअसल रेल यात्रियों को लंबी लंबी कतारों से बचाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर टिकट वेंडिंग मशीनें लगाई जाती हैं. दिल्ली मंडल के स्टेशनों पर भी इसी क्रम में ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीनें (एटीएम) और कैश, कॉइन एंड स्मार्ट कार्ड ऑपरेटेड टिकट वेंडिंग मशीन (को-टीवीएम) मौजूद हैं. इन्हें ऑपरेट करने के लिए बाकायदा फैसिलिटेटर भी रखे गए हैं. हालांकि यात्रियों की लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि अधिकतर मशीनें काम नहीं कर रहीं. सोमवार को ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के प्रमुख स्टेशनों पर इस बात को जांचा कि इन शिकायतों में कितनी सच्चाई है और वाकई ये हैरान करने वाला था.

*नई दिल्ली स्टेशन के हालात*
राजधानी दिल्ली के सबसे महत्वपूर्ण नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एटीवीएम और को-टीवीएम मशीनों की कुल संख्या 11 है. हैरानी की बात है कि स्टेशन पर अधिकतर को-टीवीएम मशीनें खराब पड़ी हैं. जो थोड़ा बहुत ठीक चल भी रही हैं तो उनके पास खड़े फैसिलिटेटर उनसे जद्दोजहद ही करते दिखाई पड़ते हैं. एटीवीएम मशीनें यहां ठीक हैं लेकिन स्मार्ट कार्ड बेस्ड होने के चलते यात्री इनका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे.

**पुरानी दिल्ली और निजामुद्दीन भी ऐसे ही*
पुरानी दिल्ली के हालात और भी खराब हैं. यहां की कुल 11 मशीनों में चांदनी चौक एंट्री साइड 2 मशीनों को छोड़कर बाकी सब खराब ही दिखाई पड़ी. कहने को यहां 11 फैसिलिटेटर हैं लेकिन मौके पर मौजूद 2 भी यात्रियों से लड़ते नजर आए. सवाल पूछे जाने पर की बाकी मशीनिं क्यों नहीं चल रही हैं, उन्होंने दो टूक कहा- हमें नहीं पता जाके अधिकारियों से पूछो... निजामुद्दीन के हालत भी लगभग सामान्य थे जहां कुल 6 मशीनें हैं लेकिन सराय काले खां साइड की एक भी मशीन नहीं चल रही. मशीन कबसे खराब पड़ी हैं इसका अंदाजा इसके ऊपर की धूल देखकर ही लगाया जा सकता है.

**पता होने के बावजूद नहीं हुईं ठीक!**
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार से जब इन खराब पड़ी मशीनों के विषय में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि इनका मेंटेनेंस चीफ कमर्शियल मैनेजर ( पैसेंजर मार्केटिंग) के अधीन होता है. कुमार कहते हैं कि स्टेशनों पर लगी हुई एटीवीएम मशीनें तो ठीक तरीके से काम कर रही हैं और वो वारंटी में भी है. हालांकि कोटीवीएम मशीनों में कुछ दिक्कतें है और उन्हें इसकी शिकायत मिल चुकी है. वो कहते हैं कि को-टीवीएम मशीनों के लिए बहुत जल्दी लेटर ऑफ एग्रीमेंट हो जाएगा और वो ठीक कर दी जाएंगी.

*जन संपर्क अधिकारी की सफाई*
खास बात है कि यहां अधिकारियों को पहले से मशीनों के खराब होने की जानकारी थी. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सफाई देते हुए मीडिया के रोल को तो बखूबी बता गए लेकिन रेल अधिकारियों की जिम्मेदारी कहाँ से शुरू होती है ये सवाल, सवाल ही रह गया. देखना होगा कि खराब पड़ी मशीनों पर अब कब तक संज्ञान लिया जाता है.


Conclusion:
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