नई दिल्ली: यात्री सुविधा में बढ़ोतरी के मद्देनजर जिन टिकट वेंडिंग मशीनों को पिछले दिनों यात्रियों की सहूलियत के लिए लगाया गया था, आज वही मशीनें सरदर्द बनी हुईं हैं. आलम ये है कि मेंटेनेंस नहीं होने के चलते दिल्ली मंडल के स्टेशनों पर ये मशीनें काम ही नहीं कर रही हैं. जो मशीनें थोड़ा बहुत चल भी रही हैं उनपर यात्रियों की इतनी लंबी-लंबी लाइनें लग रहीं हैं कि उससे बेहतर लोग काउंटर टिकट को मान रहे हैं.
लगातार मिल रही थी शिकायतें
दरअसल रेल यात्रियों को लंबी-लंबी कतारों से बचाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर टिकट वेंडिंग मशीनें लगाई जाती हैं. दिल्ली मंडल के स्टेशनों पर भी इसी क्रम में ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीनें (एटीवीएम) और कैश, कॉइन एंड स्मार्ट कार्ड ऑपरेटेड टिकट वेंडिंग मशीन (को-टीवीएम) मौजूद हैं. इन्हें ऑपरेट करने के लिए बाकायदा फैसिलिटेटर भी रखे गए हैं. हालांकि यात्रियों की लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि अधिकतर मशीनें काम नहीं कर रहीं. जब ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के प्रमुख स्टेशनों पर इस बात को जांचा कि इन शिकायतों में कितनी सच्चाई है और वाकई ये हैरान करने वाला था.
पुरानी दिल्ली और निजामुद्दीन
पुरानी दिल्ली के हालात और भी खराब हैं. यहां की कुल 11 मशीनों में चांदनी चौक एंट्री साइड 2 मशीनों को छोड़कर बाकी सब खराब ही दिखाई पड़ी. कहने को यहां 11 फैसिलिटेटर हैं, लेकिन मौके पर मौजूद 2 फैसिलिटेटर यात्रियों से लड़ते नजर आए. सवाल पूछे जाने पर कि बाकी मशीनें क्यों नहीं चल रही हैं, उन्होंने दो टूक कहा- हमें नहीं पता जाके अधिकारियों से पूछो. निजामुद्दीन के हालत भी लगभग सामान्य थे, जहां कुल 6 मशीनें हैं. सराय काले खां साइड की एक भी मशीन नहीं चल रही. मशीन कबसे खराब पड़ी है इसका अंदाजा इसके ऊपर की धूल देखकर ही लगाया जा सकता है.
लेटर ऑफ एग्रीमेंट का इंतजार
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार से जब इन खराब पड़ी मशीनों के विषय में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि इनका मेंटेनेंस चीफ कमर्शियल मैनेजर (पैसेंजर मार्केटिंग) के अधीन होता है. कुमार कहते हैं कि स्टेशनों पर लगी हुई एटीवीएम तो ठीक तरीके से काम कर रही हैं और वो वारंटी में भी है. हालांकि कोटीवीएममें कुछ दिक्कतें है और उन्हें इसकी शिकायत मिल चुकी है. वो कहते हैं कि को-टीवीएम के लिए बहुत जल्दी लेटर ऑफ एग्रीमेंट हो जाएगा और वो ठीक कर दी जाएंगी.