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सुनंदा पुष्कर मौत: सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर शशि थरूर से जवाब तलब - patyala house court

सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है और याचिका दायर कर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग भी की है.

सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर शशि थरूर से जवाब तलब
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Published : Mar 29, 2019, 3:16 PM IST

नई दिल्ली: सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग की है.स्वामी की इस अर्जी का शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने विरोध किया. उन्होंने सुब्रमण्यम स्वामी की इस अर्जी का जवाब देने के लिए समय देने की मांग की जिसके बाद एडिशनल सेशंस जज अरुण भारद्वाज ने 26 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

तीसरे पक्ष से दस्तावेज शेयर करने पर रोक
पिछले 15 मार्च को सेशंस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो ट्रायल कोर्ट के उस अंतरिम आदेश पर अपना जवाब दाखिल करें जिसमें इस मामले के दस्तावेज को तीसरे पक्ष से साझा करने पर रोक लगाई गई है. स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.

स्वामी की याचिका पर शशि थरूर से जवाब तलब

7 मार्च को शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा कि जो चार्जशीट दाखिल किए गए हैं उनमें कई गड़बड़ियां हैं. 21 फरवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वो दस दिनों के भीतर शशि थरूर के खिलाफ दायर चार्जशीट पर अपनी दलीलें रखें. सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा था कि पुलिस ने सभी दस्तावेज हमें नहीं सौंपा है.

स्वामी ने खुद को पक्षकार बनाने की मांग
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में खुद को पक्षकार बनाने की मांग की थी. पिछले 14 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिर दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह शशि थरूर को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएं.

विजिलेंस रिपोर्ट देखने के बाद आरोप तय
आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल, 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी. दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. 1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी. स्वामी ने यह मांग की थी कि इस मामले में साक्ष्यों को नष्ट करने पर दिल्ली पुलिस की विजिलेंस रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की जाए. स्वामी का कहना था कि विजिलेंस रिपोर्ट देखने के बाद ही उचित आरोप तय करने में कोर्ट को मदद मिलेगी.

कांग्रेस नेता शशि थरूर आरोपी
आपको बता दें कि 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप पत्र में सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है. शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा498 ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है.

नई दिल्ली: सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर पब्लिक प्रॉसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग की है.स्वामी की इस अर्जी का शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने विरोध किया. उन्होंने सुब्रमण्यम स्वामी की इस अर्जी का जवाब देने के लिए समय देने की मांग की जिसके बाद एडिशनल सेशंस जज अरुण भारद्वाज ने 26 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

तीसरे पक्ष से दस्तावेज शेयर करने पर रोक
पिछले 15 मार्च को सेशंस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो ट्रायल कोर्ट के उस अंतरिम आदेश पर अपना जवाब दाखिल करें जिसमें इस मामले के दस्तावेज को तीसरे पक्ष से साझा करने पर रोक लगाई गई है. स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था.

स्वामी की याचिका पर शशि थरूर से जवाब तलब

7 मार्च को शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा कि जो चार्जशीट दाखिल किए गए हैं उनमें कई गड़बड़ियां हैं. 21 फरवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वो दस दिनों के भीतर शशि थरूर के खिलाफ दायर चार्जशीट पर अपनी दलीलें रखें. सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा था कि पुलिस ने सभी दस्तावेज हमें नहीं सौंपा है.

स्वामी ने खुद को पक्षकार बनाने की मांग
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में खुद को पक्षकार बनाने की मांग की थी. पिछले 14 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिर दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह शशि थरूर को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएं.

विजिलेंस रिपोर्ट देखने के बाद आरोप तय
आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल, 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी. दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. 1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी. स्वामी ने यह मांग की थी कि इस मामले में साक्ष्यों को नष्ट करने पर दिल्ली पुलिस की विजिलेंस रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की जाए. स्वामी का कहना था कि विजिलेंस रिपोर्ट देखने के बाद ही उचित आरोप तय करने में कोर्ट को मदद मिलेगी.

कांग्रेस नेता शशि थरूर आरोपी
आपको बता दें कि 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप पत्र में सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है. शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा498 ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है.

Intro:नई दिल्ली। सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने सबूतों से छेड़छाड़ की है। उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर पब्लिक प्रोसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग की है। स्वामी की इस अर्जी का शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने विरोध किया। उन्होंने सुब्रमण्यम स्वामी की इस अर्जी का जवाब देने के लिए समय देने की मांग की जिसके बाद एडिशनल सेशंस जज अरुण भारद्वाज ने 26 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।


Body:पिछले 15 मार्च को सेशंस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो ट्रायल कोर्ट के उस अंतरिम आदेश पर अपना जवाब दाखिल करें जिसमें इस मामले के दस्तावेज को तीसरे पक्ष से साझा करने पर रोक लगाई गई है। स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अतुल श्रीवास्तव को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

पिछले 7 मार्च को शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा कि जो चार्जशीट दाखिल किए गए हैं उनमें कई गड़बड़ियां हैं। पिछले 21 फरवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वो दस दिनों के भीतर शशि थरूर के खिलाफ दायर चार्जशीट पर अपनी दलीलें रखें। सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा था कि पुलिस ने सभी दस्तावेज हमें नहीं सौंपा है।

पिछले 4 फरवरी को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने खुद को अभियोजन को मदद करने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने इस मामले की विजिलेंस रिपोर्ट सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था ताकि भविष्य में जरुरत पड़ने पर काम आ सके। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की कोर्ट ने 4 फरवरी को इस मामले को ट्रायल के लिए सेशंस कोर्ट में भेज दिया था जिसके बाद आज सेशंस कोर्ट में सुनवाई हुई।

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले खुद को पक्षकार बनाने की मांग की थी। पिछले 14 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिर दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वह शशि थरूर को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएं।

स्वामी ने यह मांग की थी कि इस मामले में साक्ष्यों को नष्ट करने पर दिल्ली पुलिस की विजिलेंस रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश की जाए। स्वामी का कहना था कि विजिलेंस रिपोर्ट देखने के बाद ही उचित आरोप तय करने में कोर्ट को मदद मिलेगी।

14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र में सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है। शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा498 ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है।


Conclusion:आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल , 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी। दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी। 1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
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