नई दिल्ली: एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने प्रकाश जारवाल, सलीम और धर्म प्रकाश को दोषी करार दिया. कोर्ट इस मामले में सजा की अवधि पर 13 मार्च को दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगा. मामला 30 अगस्त 2013 की एमबी रोड पर वायु सेनाबाद के निकट का है. जहां उग्र भीड़ ने कुछ पुलिसवालों पर हमला किया गया था और सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाया था. प्रकाश जारवाल, सलीम और धर्म प्रकाश पर आरोप है कि इन लोगों ने पुलिस वालों पर हमला करने के लिए उकसाया था.
'पुलिस ने की थी समझाने की कोशिश'
शिकायत के मुताबिक घटना वाले दिन शाम को छह बजे पुलिस को सूचना मिली की तिगरी, एमबी रोड पर करीब सौ लोगों ने रास्ता जाम कर दिया और वाहनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. भीड़ का आरोप था कि हत्या के मामले में पुलिस ने कार्रवाई नहीं की इसलिए वह प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो वहां ढाई-तीन सौ लोगों को लाठी डंडों के साथ देखा, जिसमें से कुछ लोग भीड़ को हिंसा के लिए भड़का रहे थे.
पुलिस उन्हें बार-बार समझाने की कोशिश कर रही थी. इतने में कुछ लोगों ने रोड पर खड़े वाहनों पर पत्थर चलाना शुरु कर दिया. पथराव में डीटीसी की बस का शीशा टूट गया. वहीं भीड़ ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिया और सरकारी मोटरसाइकिल को क्षतिग्रस्त कर दिया. पुलिस ने उन्हें जब समझाने की कोशिश की तो भीड़ और उग्र हो गई और पुलिस वालों पर हमला कर दिया. इसमें कुछ पुलिसकर्मियों को चोटें आईं और उनके कपड़े फटे.
16 गवाहों को पेश किया गया
इस घटना में अभियोजन पक्ष ने 16 गवाहों को पेश किया. कोर्ट में तीनों अभियुक्तों ने अपने को निर्दोष बताया. प्रकाश जारवाल ने बताया कि वो घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. उस समय वे तिगड़ी में अपने दफ्तर में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे. हालांकि कोर्ट ने उनके द्वारा पेश गवाहों को खारिज करते हुए उन्हें दोषी करार दिया.