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आम आदमी पार्टी के नेताओं के संरक्षण में हो रहा व्यापक पैमाने पर अवैध निर्माण: वीरेंद्र सचदेवा - Delhi BJP President Virendra Sachdeva

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी के नेताओं पर उनके संरक्षण में दिल्ली में अवैध निर्माण कराने का आरोप लगाया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 6, 2023, 3:49 PM IST

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा

नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं, विधायकों एवं पार्षदों के संरक्षण में व्यापक पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहा है. यदि निगम का कोई अधिकारी उस पर कार्रवाई करने की बात करता है तो आम आदमी पार्टी के विधायक और पार्षद उस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर मामले को गुमराह करने की कोशिश करते हैं. जैसा कि हम पटेल नगर के एक निगम पार्षद को यह करते हुए पूर्व में देख चुके हैं.

पत्रकार वार्ता में दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह एवं निगम पार्षद शिखा राय भी उपस्थित थीं. दोनों नेताओं ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी सत्ता में आई है, दिल्ली में अवैध निर्माण ही नहीं, अवैध कब्जे भी बढ़ रहे हैं. और जब भी नगर निगम इस पर कोई कार्रवाई करता है तो आम आदमी पार्टी के नेता सड़क पर उतरते हैं.

ये भी पढ़ें: नजफगढ़ नाले की सफाई को लेकर बीजेपी का आप सरकार पर हमला, बताया गैर जिम्मेदार

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज मैं ग्रीन पार्क नगर निगम वार्ड के अंतर्गत आने वाले हौजखास गांव के मकान नं - 2 का मामला रख रहा हूं. मामले में दिल्ली की महापौर डॉ. शैली ओबराय की भूमिका की जांच की आवश्यकता है. यह एक 800 गज का प्लाट है, जिसके 120 गज के हिस्से में जून, 2023 तक आम आदमी पार्टी के एक सांसद के परिवार का एक व्यापारिक प्रतिष्ठान चलता रहा है. जून, 2023 में इस 120 गज के हिस्से में अवैध निर्माण शुरू हुआ और चूंकि यह संपत्ति संरक्षित मोन्यूमेंट हौजखास के 115 मीटर के दायरे में आती है, जो कि रेगुलेटेड एरिया है. इसलिए यहां किसी भी प्रकार का निर्माण वर्जित है.

जून, 2023 में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने दिल्ली नगर निगम को पहला पत्र 6 जून, 2023 को खिलकर इस निर्माण को रोकने का निर्देश दिया. एएसआई के पत्र के बाद दिल्ली नगर निगम के दक्षिणी क्षेत्र के भवन विभाग ने निर्माण को रोकने के अनेकों प्रयास किये किंतु जब वे ऐसा नहीं कर पाए तो 27 जुलाई एवं 8 अगस्त को दो बार काम रोकने का नोटिस दिये गए.

नगर निगम जितनी बार काम रुकवाने की कोशिश करता था या नोटिस देता था उतनी बार क्षेत्रीय विधायक सोमनाथ भारती एवं निगम पार्षद सरिता फोगाट अधिकारियों पर काम न रोकने का दबाव बनाते थे. तबादले व भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की चेतावनी देते थे. एक संबंधित अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि उसको कहा गया कि यदि इसमें हस्ताक्षेप करोगे तो अगला फोन मुख्यमंत्री आवास से आएगा और तब भी नहीं मानोगे तो पंजाब पुलिस से फर्जी केस में फंसा दिए जाओगे.

इस बीच अगस्त, 2023 में खुद दिल्ली सरकार के तहसीलदार, हल्का पटवारी ने एएसआई और दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के साथ जाकर इस सम्पत्ति का निरीक्षण किया और इसे अवैध पाया. जब नगर निगम ने पुलिस की मदद से अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू किया तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं पार्षद सरिता फोगाट ने भी नगर निगम के विरूद्ध नारेबाजी की. इस मामले में यह जांच आवश्यक है. कि इस मकान नं.-2, हौजखास गांव के 120 गज के टुकड़े का असल मालिक कौन है ?

कहा कि हौजखास गांव के अवैध निर्माण पर कार्रवाई होते ही जिस तहर महापौर डॉ. शैली ओबराय ने क्षेत्रीय अधिकारी के तबादले के लिये निगम आयुक्त को पत्र लिखा है उससे स्पष्ट है कि यह एक वीआईपी अवैध निर्माण का मामला है. हम मांग करते हैं कि इस अवैध निर्माण को पूरी तरह से तोड़ा जाए एवं इस भवन को सील कर पहले इसके स्वामित्व की जांच हो.

ये भी पढ़ें: दिल्ली BJP का दावा- सरकारी स्कूलों में नहीं होती है पढ़ाई, करीब एक लाख छात्रों ने छोड़ा स्कूल



दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा

नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं, विधायकों एवं पार्षदों के संरक्षण में व्यापक पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहा है. यदि निगम का कोई अधिकारी उस पर कार्रवाई करने की बात करता है तो आम आदमी पार्टी के विधायक और पार्षद उस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर मामले को गुमराह करने की कोशिश करते हैं. जैसा कि हम पटेल नगर के एक निगम पार्षद को यह करते हुए पूर्व में देख चुके हैं.

पत्रकार वार्ता में दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह एवं निगम पार्षद शिखा राय भी उपस्थित थीं. दोनों नेताओं ने कहा कि जब से आम आदमी पार्टी सत्ता में आई है, दिल्ली में अवैध निर्माण ही नहीं, अवैध कब्जे भी बढ़ रहे हैं. और जब भी नगर निगम इस पर कोई कार्रवाई करता है तो आम आदमी पार्टी के नेता सड़क पर उतरते हैं.

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दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज मैं ग्रीन पार्क नगर निगम वार्ड के अंतर्गत आने वाले हौजखास गांव के मकान नं - 2 का मामला रख रहा हूं. मामले में दिल्ली की महापौर डॉ. शैली ओबराय की भूमिका की जांच की आवश्यकता है. यह एक 800 गज का प्लाट है, जिसके 120 गज के हिस्से में जून, 2023 तक आम आदमी पार्टी के एक सांसद के परिवार का एक व्यापारिक प्रतिष्ठान चलता रहा है. जून, 2023 में इस 120 गज के हिस्से में अवैध निर्माण शुरू हुआ और चूंकि यह संपत्ति संरक्षित मोन्यूमेंट हौजखास के 115 मीटर के दायरे में आती है, जो कि रेगुलेटेड एरिया है. इसलिए यहां किसी भी प्रकार का निर्माण वर्जित है.

जून, 2023 में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने दिल्ली नगर निगम को पहला पत्र 6 जून, 2023 को खिलकर इस निर्माण को रोकने का निर्देश दिया. एएसआई के पत्र के बाद दिल्ली नगर निगम के दक्षिणी क्षेत्र के भवन विभाग ने निर्माण को रोकने के अनेकों प्रयास किये किंतु जब वे ऐसा नहीं कर पाए तो 27 जुलाई एवं 8 अगस्त को दो बार काम रोकने का नोटिस दिये गए.

नगर निगम जितनी बार काम रुकवाने की कोशिश करता था या नोटिस देता था उतनी बार क्षेत्रीय विधायक सोमनाथ भारती एवं निगम पार्षद सरिता फोगाट अधिकारियों पर काम न रोकने का दबाव बनाते थे. तबादले व भ्रष्टाचार के आरोप लगाने की चेतावनी देते थे. एक संबंधित अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि उसको कहा गया कि यदि इसमें हस्ताक्षेप करोगे तो अगला फोन मुख्यमंत्री आवास से आएगा और तब भी नहीं मानोगे तो पंजाब पुलिस से फर्जी केस में फंसा दिए जाओगे.

इस बीच अगस्त, 2023 में खुद दिल्ली सरकार के तहसीलदार, हल्का पटवारी ने एएसआई और दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों के साथ जाकर इस सम्पत्ति का निरीक्षण किया और इसे अवैध पाया. जब नगर निगम ने पुलिस की मदद से अवैध निर्माण को तोड़ना शुरू किया तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं पार्षद सरिता फोगाट ने भी नगर निगम के विरूद्ध नारेबाजी की. इस मामले में यह जांच आवश्यक है. कि इस मकान नं.-2, हौजखास गांव के 120 गज के टुकड़े का असल मालिक कौन है ?

कहा कि हौजखास गांव के अवैध निर्माण पर कार्रवाई होते ही जिस तहर महापौर डॉ. शैली ओबराय ने क्षेत्रीय अधिकारी के तबादले के लिये निगम आयुक्त को पत्र लिखा है उससे स्पष्ट है कि यह एक वीआईपी अवैध निर्माण का मामला है. हम मांग करते हैं कि इस अवैध निर्माण को पूरी तरह से तोड़ा जाए एवं इस भवन को सील कर पहले इसके स्वामित्व की जांच हो.

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