नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट आज नेशनल हेराल्ड मामले पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोपियों की ओर से दस्तावेजों और गवाहों को समन जारी करने की मांग पर दाखिल जवाब का प्रत्युतर दाखिल किया था.
मोतीलाल वोरा के निधन की सूचना दी
पिछले 12 जनवरी को आरोपियों की ओर से पेश वकील तरन्नुम चीमा ने इस मामले के एक आरोपी मोतीलाल वोरा के निधन संबंधी सर्टिफिकेट को कोर्ट की रिकार्ड पर रखने के लिए अर्जी दाखिल की थी. उसके बाद कोर्ट ने संबंधित एसएचओ से इस सर्टिफिकेट का वेरिफिकेशन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. 23 दिसंबर 2020 को सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से विभिन्न दस्तावेजों और गवाहों को समन जारी करने की मांग करने वाली सुब्रमण्यम स्वामी की अर्जी का जवाब दाखिल किया गया था. सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से बताया गया था कि इस मामले के एक आरोपी मोतीलाल वोरा का 21 दिसंबर को निधन हो गया है.
गवाहों को समन जारी करने की मांग
5 दिसंबर 2020 को सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका दायर कर इस मामले में विभिन्न दस्तावेजों और गवाहों को समन जारी करने की मांग की थी. स्वामी ने याचिका दायर कर मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री के सेक्रेटरी जनरल संजीव एस कलगावनार, लैंड एंड डेवलपमेंट अफसर रजनीश कुमार झा, इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर साकेत सिंह और कांग्रेस के एक नेता को समन जारी किया जाएं.
सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ दायर की है याचिका
बता दें कि 30 अगस्त 2019 को सुब्रमण्यम स्वामी का क्रास-एग्जामिनेशन किया गया था. सुब्रह्ण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ अपनी याचिका में स्वामी ने लिखा है कि साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है.
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स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी. इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. जबकि गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है. जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं, वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं. यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए.