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बढ़ती महंगाई ने अक्षय तृतीया पर तोड़ी सोना कारोबारियों की उम्मीदें, 30 प्रतिशत कम हुई बिक्री

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Published : May 4, 2022, 12:40 PM IST

अक्षय तृतीया पर एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार कूचा महाजनी जो चांदनी चौक में स्तिथ है के अंदर आज ग्राहकों की काफी चहल-पहल देखने को मिली, लेकिन महंगाई के चलते सोने की उतनी बिक्री नहीं हुई जितनी सोना कारोबारियों को उम्मीद थी.

akshay tritya
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नई दिल्ली: अक्षय तृतीया के अवसर पर एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार कूंचा महाजनी जो चांदनी चौक में स्तिथ है के अंदर आज ग्राहकों की काफी चहल-पहल देखने को मिली, लेकिन महंगाई के चलते सोने की उतनी बिक्री नहीं हुई, जितनी सोना कारोबारियों को उम्मीद थी. सोना कारोबारियों की मानें तो इस बार अक्षय तृतीया पर करीब 30 प्रतिशत बिक्री कम हुई है. अक्षय तृतीया पर इस बार सोने की खरीद का ट्रेंड बदला है और लोग सोने के सिक्कों की बजाय ज्वेलरी में ज्यादा निवेश कर रहे हैं. बाजार पर रूस और यूक्रेन के युद्ध का नकारात्मक प्रभाव तो पड़ा ही साथ ही बढ़ती महंगाई ने ग्राहकों ही नहीं बल्कि व्यापारियों पर बुरा असर डाला है.

दिल्ली का दिल कहे जाने वाले चांदनी चौक में स्थित कूचा महाजनी, जिसे विश्व का सबसे बड़ा सराफा बाजार कहा जाता है के अंदर आज अक्षय तृतीया के अवसर पर सोने की खरीदारी को लेकर ग्राहकों की चहल-पहल तो दिखी लेकिन उम्मीद के मुताबिक ग्राहकों ने खरीदारी नहीं की, जितनी सोना कारोबारियों को उम्मीद थी. एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार कूचा महाजनी के प्रधान योगेश सिंघल ने बातचीत के दौरान कहा कि "इस साल शुद्ध सोने की बिक्री ट्रेंड में है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा हॉलमार्क किया गया सोना ही बेचा जा रहा है. कुचा महाजनी में इस बार अक्षय तृतीया के अवसर पर लोग ज्वेलरी के ऊपर ज्यादा इन्वेस्ट कर रहे हैं जो कि नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है. . बीते कुछ सालों की बात की जाए तो अक्षय तृतीया के दिन लोग सोने के सिक्कों में इन्वेस्ट करना ज्यादा पसंद करते थे. लेकिन इस बार वह ट्रेंड बदलता हुआ नजर आ रहा है. जिसके पीछे एक वजह 24 कैरेट सोने की कीमत 53 हजार होना भी है. जिसके चलते भी लोग इस बार ज्वेलरी में इन्वेस्ट कर रहे हैं जो कि थोड़ा सस्ता है." योगेश सिंघल ने आगे बातचीत में कहा कि फिलहाल अभी सर्राफा बाजार में सोने के दाम बढ़ने का चांस है. यह गिरने का समय नहीं है. बाजार में वर्तमान में मंदी चल रही है. लेकिन उसके बावजूद व्यापारी कुछ तो पॉजिटिव ढूंढ रहे हैं. इस साल बाजार में मीना ज्वेलरी और टेंपल ज्वेलरी का काफी क्रेज देखा जा रहा है. साथ ही इस बार लाइट वेट केटेगरी में भी बड़ी संख्या में ज्वेलरी की वैरायटी और आर्टिकल्स मौजूद हैं और सराफा कारोबारियों द्वारा अलग-अलग प्रकार के डिजाइन लाए गए हैं.

30 प्रतिशत कम हुई सोने की बिक्री

वहीं कुचा महाजनी में सोने का कारोबार करने वाले व्यापारी प्रेम प्रकाश ने बताया कि "इस बार अक्षय तृतीया के अवसर पर यूक्रेन और रूस के बीच में हो रहे युद्ध की वजह से महंगाई देश में बढ़ रही है. पेट्रोल-डीजल, सीएनजी, रॉ मटेरियल समेत तमाम चीजों के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिसका असर एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार में देखने को मिल रहा है और सोने की कीमतों के दाम में भी काफी तेजी है. जिसकी वजह से सोने की खरीदारी उम्मीद के मुताबिक कम हुई. जिससे व्यापारियों को निराशा हाथ लगी है." उन्होंने कहा कि " कोरोना के चलते पिछले दो साल से बाजार में मंदी का दौर था. जो इस साल कोरोना के मामलों में कमी आने के बावजूद बदस्तूर जारी है. इस बार भी अक्षय तृतीया पर जितनी उम्मीद थी उतनी संख्या में ग्राहकों ने बाजार का रुख नहीं किया है. अक्षय तृतीया पर सोने की बिक्री की बात की जाए तो सामान्य हालातों में जितनी बिक्री की उम्मीद होती है. उसके मुकाबले इस बार लगभग 30 प्रतिशत कम बिक्री हुई है."

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बढ़ती महंगाई ने अक्षय तृतीया पर तोड़ी सोना कारोबारियों की उम्मीदें

वहीं इस मौके पर ग्राहकों का कहना है कि अक्षय तृतिया के दिन सोने की खरीदारी करना भारतीय रीति रिवाज और परंपरा के अनुसार शुभ माना जाता है. इसलिए वह सोना खरीदने आए हैं. सोना कभी भी सस्ता नहीं रहा लेकिन जितना पॉकेट में आता है. उतना लोग इस तरह के शुभ अवसर पर खरीदते ही हैं. वहीं एक महिला ग्राहक ने बताया कि "आज के दिन सोने की खरीदारी करना शुभ माना जाता है, इसलिए मैं सोना खरीदने आई हूं. मैंने अपने लिए सोने के कड़े पसंद किए हैं और मैं वह खरीद रही हूं. सोने का क्रेज होने के पीछे एक बड़ी वजह उसका महंगा होना भी है. क्योंकि यह जरूरत के समय लोगों के काम भी आता है."

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अक्षय तृतिया पर सोने की खरीदारी

अक्षय तृतीया के अवसर पर देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कैट के द्वारा प्रेस रिलीज जारी करके यह जानकारी दी गई है कि आज अक्षय तृतीया के अवसर पर पूरे देश भर में करीब 15 हजार करोड़ का सोने-चांदी के आभूषणों का व्यापार हुआ है. बीते दो सालों में कोरोना संकट के बाद अक्षय तृतिया पर पहली बार था जब देश के विभिन्न बड़े सर्राफा बाजारों में सोने की खरीदारी को लेकर ग्राहकों की थोड़ी चहल-पहल दिखाई दी है. अक्षय तृतीया के अवसर पर देश भर के ज्वेलर्स ने इस साल विभिन्न प्रकार के आर्टिकल्स और वैरायटी बाजार में उतारे थे. भारतीय परंपरा के अनुसार अक्षय तृतिया के दिन सोना और चांदी की खरीदारी के लिए भारत में शुभ माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है. भारतीय बाजारों में सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम ₹53 हजार है, तो वहीं चांदी की कीमत प्रति किलो ₹66 हजार 600 के आसपास रही. सोना कारोबारियों की मानें तो फिलहाल अभी सोने के दाम कम होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. सोने के दाम बढ़ने के पीछे एक बड़ा कारण रूस और यूक्रेन के युद्ध के साथ लगातार बढ़ रही महंगाई भी है. जो बेलगाम हो रही है. जिसकी वजह से देशभर के बाजार मंदी की चपेट में है और ग्राहक बहुत कम संख्या में बाजारों का रुख कर रहे हैं. हालांकि अक्षय तृतिया के अवसर पर लोगों ने बाजारों के रुख तो किया, लेकिन सोने-चांदी की बिक्री उम्मीद से काफी कम हुई है.

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नई दिल्ली: अक्षय तृतीया के अवसर पर एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार कूंचा महाजनी जो चांदनी चौक में स्तिथ है के अंदर आज ग्राहकों की काफी चहल-पहल देखने को मिली, लेकिन महंगाई के चलते सोने की उतनी बिक्री नहीं हुई, जितनी सोना कारोबारियों को उम्मीद थी. सोना कारोबारियों की मानें तो इस बार अक्षय तृतीया पर करीब 30 प्रतिशत बिक्री कम हुई है. अक्षय तृतीया पर इस बार सोने की खरीद का ट्रेंड बदला है और लोग सोने के सिक्कों की बजाय ज्वेलरी में ज्यादा निवेश कर रहे हैं. बाजार पर रूस और यूक्रेन के युद्ध का नकारात्मक प्रभाव तो पड़ा ही साथ ही बढ़ती महंगाई ने ग्राहकों ही नहीं बल्कि व्यापारियों पर बुरा असर डाला है.

दिल्ली का दिल कहे जाने वाले चांदनी चौक में स्थित कूचा महाजनी, जिसे विश्व का सबसे बड़ा सराफा बाजार कहा जाता है के अंदर आज अक्षय तृतीया के अवसर पर सोने की खरीदारी को लेकर ग्राहकों की चहल-पहल तो दिखी लेकिन उम्मीद के मुताबिक ग्राहकों ने खरीदारी नहीं की, जितनी सोना कारोबारियों को उम्मीद थी. एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार कूचा महाजनी के प्रधान योगेश सिंघल ने बातचीत के दौरान कहा कि "इस साल शुद्ध सोने की बिक्री ट्रेंड में है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा हॉलमार्क किया गया सोना ही बेचा जा रहा है. कुचा महाजनी में इस बार अक्षय तृतीया के अवसर पर लोग ज्वेलरी के ऊपर ज्यादा इन्वेस्ट कर रहे हैं जो कि नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है. . बीते कुछ सालों की बात की जाए तो अक्षय तृतीया के दिन लोग सोने के सिक्कों में इन्वेस्ट करना ज्यादा पसंद करते थे. लेकिन इस बार वह ट्रेंड बदलता हुआ नजर आ रहा है. जिसके पीछे एक वजह 24 कैरेट सोने की कीमत 53 हजार होना भी है. जिसके चलते भी लोग इस बार ज्वेलरी में इन्वेस्ट कर रहे हैं जो कि थोड़ा सस्ता है." योगेश सिंघल ने आगे बातचीत में कहा कि फिलहाल अभी सर्राफा बाजार में सोने के दाम बढ़ने का चांस है. यह गिरने का समय नहीं है. बाजार में वर्तमान में मंदी चल रही है. लेकिन उसके बावजूद व्यापारी कुछ तो पॉजिटिव ढूंढ रहे हैं. इस साल बाजार में मीना ज्वेलरी और टेंपल ज्वेलरी का काफी क्रेज देखा जा रहा है. साथ ही इस बार लाइट वेट केटेगरी में भी बड़ी संख्या में ज्वेलरी की वैरायटी और आर्टिकल्स मौजूद हैं और सराफा कारोबारियों द्वारा अलग-अलग प्रकार के डिजाइन लाए गए हैं.

30 प्रतिशत कम हुई सोने की बिक्री

वहीं कुचा महाजनी में सोने का कारोबार करने वाले व्यापारी प्रेम प्रकाश ने बताया कि "इस बार अक्षय तृतीया के अवसर पर यूक्रेन और रूस के बीच में हो रहे युद्ध की वजह से महंगाई देश में बढ़ रही है. पेट्रोल-डीजल, सीएनजी, रॉ मटेरियल समेत तमाम चीजों के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिसका असर एशिया के सबसे बड़े सराफा बाजार में देखने को मिल रहा है और सोने की कीमतों के दाम में भी काफी तेजी है. जिसकी वजह से सोने की खरीदारी उम्मीद के मुताबिक कम हुई. जिससे व्यापारियों को निराशा हाथ लगी है." उन्होंने कहा कि " कोरोना के चलते पिछले दो साल से बाजार में मंदी का दौर था. जो इस साल कोरोना के मामलों में कमी आने के बावजूद बदस्तूर जारी है. इस बार भी अक्षय तृतीया पर जितनी उम्मीद थी उतनी संख्या में ग्राहकों ने बाजार का रुख नहीं किया है. अक्षय तृतीया पर सोने की बिक्री की बात की जाए तो सामान्य हालातों में जितनी बिक्री की उम्मीद होती है. उसके मुकाबले इस बार लगभग 30 प्रतिशत कम बिक्री हुई है."

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बढ़ती महंगाई ने अक्षय तृतीया पर तोड़ी सोना कारोबारियों की उम्मीदें

वहीं इस मौके पर ग्राहकों का कहना है कि अक्षय तृतिया के दिन सोने की खरीदारी करना भारतीय रीति रिवाज और परंपरा के अनुसार शुभ माना जाता है. इसलिए वह सोना खरीदने आए हैं. सोना कभी भी सस्ता नहीं रहा लेकिन जितना पॉकेट में आता है. उतना लोग इस तरह के शुभ अवसर पर खरीदते ही हैं. वहीं एक महिला ग्राहक ने बताया कि "आज के दिन सोने की खरीदारी करना शुभ माना जाता है, इसलिए मैं सोना खरीदने आई हूं. मैंने अपने लिए सोने के कड़े पसंद किए हैं और मैं वह खरीद रही हूं. सोने का क्रेज होने के पीछे एक बड़ी वजह उसका महंगा होना भी है. क्योंकि यह जरूरत के समय लोगों के काम भी आता है."

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अक्षय तृतिया पर सोने की खरीदारी

अक्षय तृतीया के अवसर पर देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक कैट के द्वारा प्रेस रिलीज जारी करके यह जानकारी दी गई है कि आज अक्षय तृतीया के अवसर पर पूरे देश भर में करीब 15 हजार करोड़ का सोने-चांदी के आभूषणों का व्यापार हुआ है. बीते दो सालों में कोरोना संकट के बाद अक्षय तृतिया पर पहली बार था जब देश के विभिन्न बड़े सर्राफा बाजारों में सोने की खरीदारी को लेकर ग्राहकों की थोड़ी चहल-पहल दिखाई दी है. अक्षय तृतीया के अवसर पर देश भर के ज्वेलर्स ने इस साल विभिन्न प्रकार के आर्टिकल्स और वैरायटी बाजार में उतारे थे. भारतीय परंपरा के अनुसार अक्षय तृतिया के दिन सोना और चांदी की खरीदारी के लिए भारत में शुभ माना जाता है और ऐसा कहा जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है. भारतीय बाजारों में सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम ₹53 हजार है, तो वहीं चांदी की कीमत प्रति किलो ₹66 हजार 600 के आसपास रही. सोना कारोबारियों की मानें तो फिलहाल अभी सोने के दाम कम होते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. सोने के दाम बढ़ने के पीछे एक बड़ा कारण रूस और यूक्रेन के युद्ध के साथ लगातार बढ़ रही महंगाई भी है. जो बेलगाम हो रही है. जिसकी वजह से देशभर के बाजार मंदी की चपेट में है और ग्राहक बहुत कम संख्या में बाजारों का रुख कर रहे हैं. हालांकि अक्षय तृतिया के अवसर पर लोगों ने बाजारों के रुख तो किया, लेकिन सोने-चांदी की बिक्री उम्मीद से काफी कम हुई है.

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