नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो रेल सर्विसेज (डीएमआरसी) और इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईआईटी-दिल्ली) के बीच गुरुवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ. यह ज्ञापन सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी (सीएसएम) के माध्यम से किया गया. मेट्रो में यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस पहल के बाद दो सबसे मुख्य पहलू हैं, जिससे लोगों को फायदा मिलेगा. ज्ञापन के दौरान डायनामिक विज्ञापन डिस्प्ले का शुभारंभ किया गया.
ओपन ट्रांजिट डेटा (ओटीडी): ओपन ट्रांजिट डेटा के इस्तेमाल का मतलब सार्वजनिक रूप से सुलभ परिवहन सूचनाएं जैसे यात्रा शेड्यूल और मार्ग आदि से है. इसकी ओपननेस डेवलपर्स और शोधकर्ताओं को ऐसे ऐप्स और सेवाएं तैयार करने में सक्षम बनाता है जिससे परिवहन दक्षता बढ़ती है. दोनों कंपनियों ने अपने सहयोग से अपने ट्रांजिट डेटा जैसे स्टेशन विवरण, किराया और शेड्यूल को दिल्ली के ओटीडी प्लेटफॉर्म (https://otd.delhi.gov.in/) पर जनरल ट्रांजिट फीड स्पेसिफिकेशन (जीटीएफएस) को शुरू कर दिया है.
इससे मिलाकर ट्रांजिट अनुभव में सुधार होगा और यात्रियों के बीच सूचना का प्रसार होगा. इससे मेट्रो के भीतर अधिक सहज और बेहतर यात्रा अनुभव तैयार करने में मदद मिलेगी. ट्रांजिट डेटा प्राप्त करके, एप्लिकेशन और सेवाएं विकसित की जा सकती हैं जो यात्रियों को मोबाइल ऐप, वेबसाइट या ट्रांजिट स्टॉप और स्टेशनों पर डिजिटल डिस्प्ले के माध्यम से विभिन्न तरीकों से जानकारियां उपलब्ध कराती हैं.
डायनामिक विज्ञापन स्क्रीनः इस पहल से द्वारका स्टेशन (ब्लू और ग्रे लाइन का इंटरचेंज) की गैलरी पर डायनामिक विज्ञापन स्क्रीन लगाई गई है. मार्केटिंग एजेंसियां इस उद्देश्य हेतु विकसित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपना पंजीकरण करा सकती हैं. वेबसाइट पर विभिन्न समयावधियों के लिए विज्ञापन दरों के साथ स्पेस उपलब्ध हैं. मार्केटिंग कंपनियां विज्ञापन के लिए ऑनलाइन टाइम स्लॉट खरीद सकती हैं, ऑनलाइन भुगतान कर सकती हैं और विज्ञापन सामग्री (वीडियो/स्टेटिक) अपलोड कर सकती है.
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डीएमआरसी के निदेशक डॉ. अमित कुमार जैन, डॉ. पुष्पेंद्र सिंह, डीन, आईआईआईटी- दिल्ली और डॉ. प्रवेश बियानी, मुख्य, सीएसएम, आईआईआईटी- दिल्ली द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया. मिली जानकारी के मुताबिक डीएमआरसी और आईआईआईटी दिल्ली के बीच इस संयुक्त पहल बैठक में इस योजन को लेकर कुछ मुख्य बातें हैं. किसी भी मेट्रो प्रणाली में शुरू की गई यह पहली परियोजना है.
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