नई दिल्लीः व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) द्वारा लगातार चीनी सामान के बहिष्कार और चीन से व्यापार ना करने की मुहिम चलाई जा रही है. इस बीच सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर चीन से भारत की व्यापारिक निर्भरता कम करने की अपील की है.
उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते चीन में प्रोडक्शन कम हो गई है, ऐसे में भारत को अब चीन की जगह कच्चे माल के लिए दूसरे देशों के विकल्प के तौर पर देखना चाहिए. चीन से भारत के बड़े स्तर पर हो रहे व्यापार को कम करने का यह सही समय है. (Appeal to reduce trade dependence from China)
दिल्ली के सबसे बड़े व्यापारी संगठनों में से एक सीटीआई के चेयरमैन बृजेश द्वारा 28 दिसंबर के दिन प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपील की गई है कि चीन से हो रही बड़ी संख्या में व्यापार को कम कर देश की निर्भरता को उस पर से कम करने का समय आ गया है. गौरतलब है कि सीटीआई व्यापारी संगठन द्वारा पिछले कुछ हफ्तों से चीन से व्यापार ना करने को लेकर विशेष मुहिम चलाई जा रही है. बीते दिनों सीटीआई द्वारा करोल बाग में चीनी सामान की होली जलाकर चीन में बने सामान का बहिष्कार भी किया गया था. दरअसल, अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सेना द्वारा किए गए दुस्साहस के बाद से लगातार सीटीआई व्यापारी संगठन द्वारा चीन के व्यापार के बहिष्कार की मुहिम को चलाया जा रहा है.
बृजेश गोयल ने पत्र में प्रधानमंत्री से कहा कि पड़ोसी देश चीन में कोरोना के केस काफी बढ़ गए हैं. जानकारी के मुताबिक चीन में अस्पतालों के अंदर मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिसके साथ कई तस्वीरें भी वायरल हुई हैं, जिसमें मरीजों को बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं. इस कारण ना सिर्फ बड़ी संख्या में प्रोडक्शन और मैन्युफैक्चरिंग बंद हो गई है बल्कि व्यापार का भी काफी नुकसान हुआ है. हालातों को देखते हुए चीन में नए साल से पहले ही छुट्टियों का ऐलान कर दिया गया. साथ ही अगले कुछ दिनों में वहां लॉकडाउन लगने की भी स्थिति है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में चीन से भारत में कैमिकल, फार्मा, मेडिकल, मशीनरी रॉ मैटेरिटेल और इलेक्ट्रिकल, ऑटोमोबाइल पार्ट्स आदि सामान ज्यादा आता है. चीन में प्रोडक्शन कम हो गया है, साथ ही ट्रांसपोर्टेशन में दिक्कत आ रही है. इन परिस्थितियों को देखते हुए भारत सरकार को दूसरे देशों से व्यापार कर माल की आपूर्ति करने की आवश्यकता है, जिससे चीन पर भारत के निर्भरता कम होगी. साथ ही व्यापारियों को भी आर्थिक मंदी की वजह से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. अब समय आ गया है कि भारत सरकार चाइनीज माल के विकल्प पर फोकस करे और देश में ही प्रोडक्शन बढ़ाना होगा. यदि कोई माल अपने यहां नहीं बनता है, तो चीन को छोड़कर दूसरे देशों से आयात करना होगा.
बृजेश गोयल ने आगे पत्र में जिक्र करते हुए कहा कि सीमा पर चीन के सैनिक भारतीय सेना के साथ जबरन उलझते हैं. मारपीट की नौबत आती है. चीन को सबक सिखाना होगा, चीनी निर्भरता कम होगी और देश में माल बनेगा, तो हिन्दुस्तान आर्थिक तौर पर भी मजबूत होगा. इन सब बातों को देखते हुए केंद्र सरकार चीन से बड़ी संख्या में हो रहे व्यापार को कम पर अपनी निर्भरता कम करें.