नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनावों में दिल्ली के ऑटो-टैक्सी चालकों ने आम आदमी पार्टी का बहिष्कार करने की कसम खाई है. न सिर्फ बहिष्कार, चुनावों में पार्टी को हराने के भी प्रयास किए जाएंगे.
ऑटो-टैक्सी चालकों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार ने उनके साथ धोखा किया है और अब इसकी कीमत पार्टी को चुनावों में 20 लाख से ज्यादा वोट गंवाकर चुकानी होगी.
मंगलवार को दिल्ली के 12 ऑटो-टैक्सी यूनियनों ने जॉइंट एक्शन टीम बनाकर दिल्ली सचिवालय पर जोरदार प्रदर्शन किया. यहां ऑटो-टैक्सी के अलावा ग्रामीण सेवा और फटफट सेवा चालकों ने भी केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
दिल्ली ऑटो-रिक्शा संघ के महासचिव राजेन्द्र सोनी ने कहा कि साल 2014 में अरविंद केजरीवाल सरकार ने सत्ता में आने के लिए ऑटो-टैक्सी चालकों का इस्तेमाल किया और सरकार बनते ही उन्हें बिल्कुल नकार दिया. उन्होंने कहा कि बीते कई महीनों से दिल्ली के ऑटो चालक अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे थे लेकिन अब केजरीवाल सरकार के सामने कोई मांग नहीं रखी जाएगी.
राजेन्द्र सोनी ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में तो आम आदमी पार्टी का बहिष्कार किया ही जाएगा. साथ ही विधानसभा चुनावों में भी केजरीवाल की पार्टी को समर्थन नहीं दिया जाएगा. ऐसे में दिल्ली के 5 लाख चालकों के अलावा उनके परिवारों के समर्थन से दिल्ली के लगभग 20 लाख वोट 'आप' के विरोध में डालेंगे.
ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्टर्स कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा कहते हैं कि ऐप बेस्ड कैब कंपनियों के चलते दिल्ली के टैक्सी चालक बहुत परेशान हैं. न तो केजरीवाल सरकार मांगों पर कोई सुनवाई करती है और न ही कैब बेस्ड कंपनियों से पैदा हो रही परेशानियों का समाधान करती है. ऐसे में पार्टी का बहिष्कार करने ही एकमात्र विकल्प है.
प्रतिबिंब ग्रामीण सेवा के उपाध्यक्ष रामचंद्र उर्फ चंदू चौरसिया कहते हैं कि केजरीवाल सरकार ने ग्रामीण सेवा चालकों के साथ भी धोखा ही किया है. जहां एक तरफ इनके किराए पिछले 10 सालों से बढ़े नहीं गए हैं वहीं दूसरी तरफ कई ऐसी शर्तें रख दी गईं हैं जो चालकों की जेब पर बोझ और भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा दे रही हैं. चंदू कहते हैं कि केजरीवाल सरकार से लगातार मांग के बाद भी आजतक मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की गई है और ऐसे में चुनावों में कोई भी 'आप' को वोट नहीं देगा.