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13 जून तक ईडी की हिरासत में रहेंगे सत्येंद्र जैन, कोर्ट से बाहर निकलते ही बिगड़ी तबीयत

ईडी की हिरासत में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन को आज राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को पांच दिनों के लिए और ईडी की हिरासत में भेज दिया गया.

सत्येंद्र जैन
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Published : Jun 9, 2022, 8:48 AM IST

Updated : Jun 9, 2022, 5:31 PM IST

नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन को 13 जून तक की ईडी की हिरासत में भेज दिया है. सत्येंद्र जैन को ईडी की हिरासत में भेजने के कोर्ट के आदेश के बाद जब सत्येंद्र जैन कोर्ट रुम से बाहर निकले तो उनकी तबीयत खराब हो गई. सत्येन्द्र जैन को सांस लेने में तकलीफ होने लगी उसके बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया. सत्येन्द्र जैन की ओर से पेश वकील ने कहा कि सत्येंद्र जैन को कई बीमारियां हैं. उन्हें कोरोना हुआ था. उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन को डिस्पेप्सिया की बीमारी है और ईडी के जांच के तरीके से परेशान हैं.


सुनवाई के दौरान ईडी ने सत्येंद्र जैन की पांच दिनों की हिरासत की मांग की. ईडी ने कहा कि सत्येंद्र जैन पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ईडी ने कहा कि अभी इस मामले में दूसरे लाभार्थियों का पता लगाया जाना बाकी है. सत्येंद्र जैन की हिरासत की ईडी की मांग का विरोध करते हुए सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वकील ने कहा कि नौ दिनों की पूछताछ में भी ईडी हिरासत मांग रही है, जिसका मतलब है कि उसने पूछताछ के लिए दिए गए समय का उपयोग नहीं किया. ईडी जबरन गुनाह कबूल करवाना चाहती है.

ईडी की हिरासत में सत्येंद्र जैन

आम आदमी पार्टी लीगल सेल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा कि कोर्ट से जब वह बाहर निकल रहे थे उस दौरान भी उनकी तबीयत खराब दिखी रही थी. उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन को जो भी मेडिकल केयर की जरूरत है. ईडी अधिकारी अपने साथ लेकर गए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि ईडी कस्टडी में अगर सही मेडिकल केयर नहीं मिला तो इस संबंध में जो भी कानूनी कार्रवाई होगी वह की जाएगी. आम आदमी पार्टी लीगल सेल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा वह कोविड-19 के शिकार हुए थे उसके बाद स्लीप एपनिया की समस्या थी. आज उन्होंने बताया कि ट्राइकार्डिया की भी दिक्कत है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्हें पहले से कई सारी परेशानियां थी ईडी की कार्रवाई से वह और परेशान हो गए थे.

उन्होंने कहा कि हम उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए शाम को 5:30 बजे मुलाकात करेंगे. इस दौरान परिवार के सदस्य भी मौजूद रहेंगे. इस मौके पर उनकी तबीयत जैसी होगी वैसे कदम उठाए जाएंगे. सत्येन्द्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. जैन की पेशी के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया. ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंची. ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे. ये फर्जी कंपनियां थी. इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था. पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया. प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई.


वहीं, कोर्ट ने तुषार मेहता से पूछा था कि क्या आप 2015-17 के लेनदेन की बात कर रहे हैं. तब मेहता ने कहा था कि हां. मेहता ने कहा था कि ईडी ने उन्हें जांच के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया. मेहता ने कहा था कि हमें ये पता लगाना है कि पैसा किसी और का लगा था कि नहीं, इस पैसे से किसको लाभ हुआ इसका पता लगाना है. उन्होंने कहा था कि ये मामला केवल 4.81 करोड़ का ही नहीं है.

सत्येन्द्र जैन की ओर से वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा था कि सत्येन्द्र जैन जांच में लगातार सहयोग कर रहे हैं. हरिहरन ने कहा था कि ईडी जो दलीलें दे रहा है वो 2017 में दाखिल चार्जशीट का दोहराव मात्र है. उस केस में एक इंच आगे नहीं बढ़ा गया है. 5-6 बार सत्येन्द्र जैन को बुलाया गया और वे जांच में शामिल हुए. हरिहरन ने कहा था कि सह-आरोपी कुछ भी कर सकता है उसके लिए आरोपी जिम्मेदार नहीं है. सीबीआई जांच में भी आय के स्रोत का पता नहीं लगाया गया.

इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपी का पैसा हवाला के जरिये गया. सत्येन्द्र जैन के घर पर दो बार छापा डाला गया. उनका बैंक खाता सीज किया गया. हरिहरन ने कहा था कि सत्येन्द्र जैन ने मंत्री बनने के बाद सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था. ईडी के पास जांच करने के लिए सब कुछ है.

इसे भी पढ़ें:सत्येंद्र जैन के करीबियों के यहां मिला करोड़ों का कैश, पौने दो किलो सोना भी बरामद

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नई दिल्ली: राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन को 13 जून तक की ईडी की हिरासत में भेज दिया है. सत्येंद्र जैन को ईडी की हिरासत में भेजने के कोर्ट के आदेश के बाद जब सत्येंद्र जैन कोर्ट रुम से बाहर निकले तो उनकी तबीयत खराब हो गई. सत्येन्द्र जैन को सांस लेने में तकलीफ होने लगी उसके बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया. सत्येन्द्र जैन की ओर से पेश वकील ने कहा कि सत्येंद्र जैन को कई बीमारियां हैं. उन्हें कोरोना हुआ था. उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन को डिस्पेप्सिया की बीमारी है और ईडी के जांच के तरीके से परेशान हैं.


सुनवाई के दौरान ईडी ने सत्येंद्र जैन की पांच दिनों की हिरासत की मांग की. ईडी ने कहा कि सत्येंद्र जैन पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ईडी ने कहा कि अभी इस मामले में दूसरे लाभार्थियों का पता लगाया जाना बाकी है. सत्येंद्र जैन की हिरासत की ईडी की मांग का विरोध करते हुए सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वकील ने कहा कि नौ दिनों की पूछताछ में भी ईडी हिरासत मांग रही है, जिसका मतलब है कि उसने पूछताछ के लिए दिए गए समय का उपयोग नहीं किया. ईडी जबरन गुनाह कबूल करवाना चाहती है.

ईडी की हिरासत में सत्येंद्र जैन

आम आदमी पार्टी लीगल सेल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा कि कोर्ट से जब वह बाहर निकल रहे थे उस दौरान भी उनकी तबीयत खराब दिखी रही थी. उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन को जो भी मेडिकल केयर की जरूरत है. ईडी अधिकारी अपने साथ लेकर गए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि ईडी कस्टडी में अगर सही मेडिकल केयर नहीं मिला तो इस संबंध में जो भी कानूनी कार्रवाई होगी वह की जाएगी. आम आदमी पार्टी लीगल सेल के वकील ऋषिकेश कुमार ने कहा वह कोविड-19 के शिकार हुए थे उसके बाद स्लीप एपनिया की समस्या थी. आज उन्होंने बताया कि ट्राइकार्डिया की भी दिक्कत है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि उन्हें पहले से कई सारी परेशानियां थी ईडी की कार्रवाई से वह और परेशान हो गए थे.

उन्होंने कहा कि हम उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए शाम को 5:30 बजे मुलाकात करेंगे. इस दौरान परिवार के सदस्य भी मौजूद रहेंगे. इस मौके पर उनकी तबीयत जैसी होगी वैसे कदम उठाए जाएंगे. सत्येन्द्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. जैन की पेशी के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया. ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंची. ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे. ये फर्जी कंपनियां थी. इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था. पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया. प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई.


वहीं, कोर्ट ने तुषार मेहता से पूछा था कि क्या आप 2015-17 के लेनदेन की बात कर रहे हैं. तब मेहता ने कहा था कि हां. मेहता ने कहा था कि ईडी ने उन्हें जांच के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया. मेहता ने कहा था कि हमें ये पता लगाना है कि पैसा किसी और का लगा था कि नहीं, इस पैसे से किसको लाभ हुआ इसका पता लगाना है. उन्होंने कहा था कि ये मामला केवल 4.81 करोड़ का ही नहीं है.

सत्येन्द्र जैन की ओर से वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने कहा था कि सत्येन्द्र जैन जांच में लगातार सहयोग कर रहे हैं. हरिहरन ने कहा था कि ईडी जो दलीलें दे रहा है वो 2017 में दाखिल चार्जशीट का दोहराव मात्र है. उस केस में एक इंच आगे नहीं बढ़ा गया है. 5-6 बार सत्येन्द्र जैन को बुलाया गया और वे जांच में शामिल हुए. हरिहरन ने कहा था कि सह-आरोपी कुछ भी कर सकता है उसके लिए आरोपी जिम्मेदार नहीं है. सीबीआई जांच में भी आय के स्रोत का पता नहीं लगाया गया.

इस बात का कोई सबूत नहीं है कि आरोपी का पैसा हवाला के जरिये गया. सत्येन्द्र जैन के घर पर दो बार छापा डाला गया. उनका बैंक खाता सीज किया गया. हरिहरन ने कहा था कि सत्येन्द्र जैन ने मंत्री बनने के बाद सभी कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था. ईडी के पास जांच करने के लिए सब कुछ है.

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Last Updated : Jun 9, 2022, 5:31 PM IST
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