नई दिल्ली: सुबह 9 बजे से 12 बजे तक अपनी सेवाएं देने के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने ओपीडी सेवाएं और इवनिंग क्लीनिक बंद कर दिए हैं. इनका कहना है कि हड़ताल खत्म होगी या जारी रहेगी ये सब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अगले कदम पर निर्भर करेगा.
डॉक्टर्स की सांकेतिक हड़ताल
एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि डॉक्टर अपनी जान को दांव पर लगाकर मरीजों के लिए काम नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि देशभर के डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं, एम्स के डॉक्टरों ने मरीजों के हित में काम करते हुए सिर्फ सांकेतिक हड़ताल की है.
हालांकि अब ये ममता बनर्जी के ऊपर है कि वह दोपहर 3:00 बजे होने वाली मीटिंग में क्या निर्णय लेती हैं. यहां साफ किया गया है कि अगर निर्णय डॉक्टरों के हित को ध्यान में रखकर लिया जाएगा तभी एम्स में भी सेवाएं सुचारू रूप से चल पाएंगी.
ईटीवी भारत से बातचीत में एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. अरुण ने कहा कि उनका एसोसिएशन हमेशा मरीजों के हित में काम करने के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह बंगाल में 23 साल के डॉक्टर को पीटा गया, उसके बाद से ही डॉक्टरों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे.
डॉक्टर के साथ मारपीट के बाद हिंसा
बता दें कि पश्चिम बंगाल में डॉक्टर के प्रति हुई हिंसा के विरोध में देशभर के डॉक्टर पिछले कई दिनों से हड़ताल कर रहे हैं. इसी क्रम में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर्स भी इसमें शामिल थे. सुबह 12 बजे तक सेवाएं देने के बाद अब डॉक्टरों ने ममता बनर्जी के अगले कदम के बाद ही हड़ताल पर फैसला लेने की बात कही है.