नई दिल्ली: वर्ल्ड टीबी डे के मौके पर फूजीफिल्म इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की ओर से एक जागरुकता कार्यक्रम रखा गया. टुगेदर एंड टीवी कार्यक्रम में एक ऐसी मशीन के बारे में बताया गया जो शुरुआती दौर में टीबी की बीमारी का पता लगा सकती है.
नई तकनीकों के विकास में अग्रणी फूजीफिल्म इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और कौशांबी स्थित यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की साझेदारी में इमेजिंग और टीबी को खत्म करने के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम टुगेदर एंड टीवी का आयोजन किया.
देर से पता चलने पर बढ़ता है बीमारी का खतरा
कार्यक्रम में शामिल डॉक्टरों ने बताया कि भारत की एक बड़ी आबादी बहुत लंबे समय से अन्य उपेक्षित तपेदिक से पीड़ित है बीमारी का देर से पता चलने से बीमारी सेंकड स्टेज तक बढ़ जाती है जिसके बाद खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है.
भारत दुनिया में इन मामले की अंडररिर्पोटिंग और बीमारी के सही समय पर पहचान ना कर पाने के लिए प्रमुख योगदान करने वाले देशों में एक है. जबकि दुनिया भर में टीबी की बीमारी धीरे-धीरे कम हो रही है.
2025 तक हो सकेगा पूरी तरह बीमारी पर काबू
भारत में भी बीमारी को नियंत्रित करने और इसके दुष्परिणामों को कम करने में तेजी से काम किया जा रहा है और उपचार के लिए निरंतर कोशिशें की जा रही है. उमीद है 2025 तक देश से इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण योगदान ये तकनीक दे सकती है.
फुजिफिल्म इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट चंद्रशेखर सिब्बल ने बताया कि फुजिफिल्म इंडिया भारत में ऐसी एक्स रे मशीन लेकर आई है जो शुरुआती दौर में टीबी की बीमारी का पता लगा सकती है. दिल्ली-एनसीआर में कौशांबी स्थित यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इस एक्स रे मशीन को लगाया गया है. इससे शुरुआती स्टेज पर ही टीबी की बीमारी का पता लगाया जा सकता है और बीमारी का इलाज समय रहते किया जा सकेगा.