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ग्राउंड रिपोर्ट: जीटीबी की मोर्चरी में अपनों के आखिरी दीदार को तरसते परिजन

कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने राजधानी में हाहाकार मचाकर रख दिया है. रही-सही कसर अस्पतालों में बेड्स, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी ने पूरी कर दी है. हालात यह है कि जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में लोग अपनों के आखिरी दीदार को भी तरस गए हैं. पेश ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

wait for dead bodies at gtb hospital
जीटीबी मोर्चरी कोरोना मरीज शव
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Published : Apr 25, 2021, 11:10 AM IST

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में कोरोना से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. राज्य में कोरोना ने ऐसा कहर ढहाया कि रोज नए रिकॉर्ड कायम हो रहे हैं और मरने वालों की संख्या में भी तेजी आई है. हालात इतने खराब हैं कि अब शवों को लेने के लिए मोर्चरी के बाहर भी घाटों इतंजार करना पड़ रहा है. स्थिति इतनी विकराल है कि घंटों इंतजार के बाद भी परिजनों को शव देखना नसीब नहीं होता है.

देखें ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

कई लोगों को यह भी नहीं पता लग पा रहा कि मोर्चरी में उनके अपने का शव मौजूद भी है, या नहीं. इसी बीच लगातार मौत होने के कारण उत्तर पूर्वी दिल्ली स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल की व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई है. हालत यह है कि यहां की मोर्चरी पर शवों को लेने वालों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है और लोग अपनों के आखिरी दीदार को भी तरह रहे हैं. मोर्चरी से शव मिलने में लोगों को कई-कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः-गंगाराम अस्पताल में खत्म होने की कगार पर ऑक्सीजन, दांव पर 100 मरीजों की जान

जानकारी मिलने में भी हो रही दिक्कत

तीन दिन पहले अपने रिश्तेदार को अस्पताल में भर्ती कराकर गए एक शख्स ने बताया कि जब वह, मरीज के बारे में जानकारी लेने पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उनकी मौत हो गई है और घंटों गुजरने के बाद भी उन्हें भाई के शव का कुछ नहीं पता लगा. उन्हें दोपहर बाद पर चला कि शव मोर्चरी में रखा है. तब से वह शव मिलने के इंतजार में ही भटक रहे थे. यहां एक दो नहीं, बल्कि कई ऐसे परिजन भटकते मिले, जो शव लेने आए थे.

एंबुलेंस वाले एक नहीं दो से तीन शव ले जाते दिखे

अस्पताल के बाहर रो रोकर बेहाल परिजन खुद को मजबूत करके अपनों के शव लेने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी करते दिखाई दिये. वहीं बहुत से लोग मोर्चरी के बाहर खड़े होकर शव मिलने का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच सबसे ज्यादा पीड़ादायक स्थिति यह भी दिखी कि एक एंबुलेंस में दो से तीन शव ले जाते दिखाई दिये.

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में कोरोना से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. राज्य में कोरोना ने ऐसा कहर ढहाया कि रोज नए रिकॉर्ड कायम हो रहे हैं और मरने वालों की संख्या में भी तेजी आई है. हालात इतने खराब हैं कि अब शवों को लेने के लिए मोर्चरी के बाहर भी घाटों इतंजार करना पड़ रहा है. स्थिति इतनी विकराल है कि घंटों इंतजार के बाद भी परिजनों को शव देखना नसीब नहीं होता है.

देखें ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट...

कई लोगों को यह भी नहीं पता लग पा रहा कि मोर्चरी में उनके अपने का शव मौजूद भी है, या नहीं. इसी बीच लगातार मौत होने के कारण उत्तर पूर्वी दिल्ली स्थित गुरु तेग बहादुर अस्पताल की व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमरा गई है. हालत यह है कि यहां की मोर्चरी पर शवों को लेने वालों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है और लोग अपनों के आखिरी दीदार को भी तरह रहे हैं. मोर्चरी से शव मिलने में लोगों को कई-कई घंटे इंतजार करना पड़ रहा है.

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जानकारी मिलने में भी हो रही दिक्कत

तीन दिन पहले अपने रिश्तेदार को अस्पताल में भर्ती कराकर गए एक शख्स ने बताया कि जब वह, मरीज के बारे में जानकारी लेने पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उनकी मौत हो गई है और घंटों गुजरने के बाद भी उन्हें भाई के शव का कुछ नहीं पता लगा. उन्हें दोपहर बाद पर चला कि शव मोर्चरी में रखा है. तब से वह शव मिलने के इंतजार में ही भटक रहे थे. यहां एक दो नहीं, बल्कि कई ऐसे परिजन भटकते मिले, जो शव लेने आए थे.

एंबुलेंस वाले एक नहीं दो से तीन शव ले जाते दिखे

अस्पताल के बाहर रो रोकर बेहाल परिजन खुद को मजबूत करके अपनों के शव लेने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी करते दिखाई दिये. वहीं बहुत से लोग मोर्चरी के बाहर खड़े होकर शव मिलने का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच सबसे ज्यादा पीड़ादायक स्थिति यह भी दिखी कि एक एंबुलेंस में दो से तीन शव ले जाते दिखाई दिये.

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