नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की शुक्रवार को होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई है. अब यह बैठक मंगलवार सुबह 11 बजे होगी. महज कुछ घंटे पहले इसे स्थगित करने के कारणों को नहीं बताया गया है. इसे भाजपा पार्षदों ने सत्ता पक्ष को आधे आड़े हाथ लिया है. भाजपा पार्षद संदीप कपूर ने कहा कि सत्ता पक्ष अपने एजेंडे को लेकर कन्फ्यूजन में है. वह खुद तय नहीं कर पा रहे हैं कि एजेंडा में क्या आना चाहिए, जिसकी वजह से उन्हें बैठक को टालना पड़ा.
उन्होंने कहा कि स्थाई समिति का गठन नहीं किया गया है. वहीं स्थाई समिति में लाए जाने वाले फाइनेंशियल प्रस्ताव को सदन में लाने का प्रयास किया जा रहा है, जो नियम के विरुद्ध है. निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार नियमों का पालन नहीं कर रही है. बैठक से 72 घंटे पहले पार्षदों तक एजेंडे कि कॉपी पहुंचाना अनिवार्य है, लेकिन विपक्षी पार्षदों को महज एक दिन पहले एजेंडे की कॉपी भेजी गई. कुछ कॉपी तो प्रस्तावित बैठक के कुछ घंटे पहले पार्षदों के घर पहुंची.
भाजपा पार्षद ने आगे कहा कि इससे तय है कि सत्ता पक्ष अपना एजेंडा तय नहीं कर पा रहा है, जिसकी वजह से बैठक को स्थगित करनी पड़ी. बता दें कि इससे पहले गुरुवार को मेयर शैली ओबेरॉय ने बैठक को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा था कि इस बैठक में पांच हजार सफाई कर्मचारियों को नियमित करने, डीबीसी (दिल्ली ब्रिडिंग चेकर) कर्मचारियों को प्रमोशन देने सहित कई महत्वपूर्ण एजेंडा लाए जाएंगे. अब इस बैठक की स्थगित होने के बाद आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने चुप्पी साध ली है.
वहीं दिल्ली भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने भी बैठक के स्थगित होने पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मेयर शैली ओबरॉय ने बिना ऐजेंडा लाए निगम की असंवैधानिक बैठक बुलाई थी, जिसका भाजपा ने विरोध किया था. इसके बाद उन्होंने पांच हजार कर्मियों को नियमित करने और डीबीसी कर्मचारियों को प्रमोशन देने आदि की बात कही. लेकिन ये घोषणाएं बिना संवैधानिक निगम एक्ट व्यवस्थाओं को समझे की गईं. बिना संवैधानिक तैयारी के यह घोषणाएं अभी लागू नहीं की जा सकती थी. बैठक स्थगित करने की घोषणा कर महापौर एवं नेता सदन पार्षदों, कर्मचारियों, मीडिया एवं जनता से मुंह छुपा रहे हैं.
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