नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठा रहा है. अब MCD ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन को बेहतर करने के लिए प्रति जोन 20 लाख रुपए की धनराशि आवंटित की है. एमसीडी के सभी 12 जोनों को यह धनराशि दी जाएगी ताकि जोन धूल शमन उपाय करके अगले तीन दिनों में वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके.
इस राशि का उपयोग धूल प्रदूषण को कम करने के लिए मशीनरी और मानव संसाधन को मजबूत करने के लिए किया जाएगा. फंड का उपयोग जोन स्तर पर मानव संसाधन बढ़ाने और वाटर स्प्रिंकलरों का अधिकतम उपयोग करने के लिए किया जाएगा. साथ ही पानी का छिड़काव करने वाले वाहनों के ड्राइवरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इस फंड का उपयोग करके सभी जोन अपने-अपने क्षेत्र में पूरी दक्षता के साथ एंटी-स्मॉग गन का संचालन सुनिश्चित करेंगे.
मशीनरी और स्टाफ की तैनाती पर भी ध्यान केंद्रित करेगीः प्रदूषण पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत एमसीडी रेलवे ट्रैक के किनारे कचरा उठाने के लिए मशीनरी और स्टाफ की तैनाती पर भी ध्यान केंद्रित करेगी. एमसीडी एंटी-स्मॉग गन, वॉटर स्प्रिंकलर में इस्तेमाल के लिए डस्ट सप्रेसेंट्स खरीदेगी और इसके समुचित प्रयोग को सुनिश्चित किया जाएगा. एमसीडी ने निर्माण और विध्वंस कचरा यानी मलबा स्थलों को विनियमित करने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है.
निगम वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्धः दिल्ली नगर निगम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (एमओईएफ) द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों को सख्ती लागू कर रही है. एमसीडी इस उद्देश्य के लिए प्रयासरत है कि दिल्ली की आबो-हवा बेहतर हो. इस हेतु निगम वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है.