नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के भूमिगत हिस्से में निर्माणाधीन समानांतर टनलों में यात्रियों की सुरक्षा के लिये क्रॉस पैसेज बनाने का कार्य किया जा रहा है. इन क्रॉस पैसेजे का निर्माण न्यू ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) तकनीक के आधार पर किया जा रहा है.
आरआरटीएस कॉरिडोर के भूमिगत हिस्से में हर रूट पर ट्रेनों के आने-जाने के लिए दो समानान्तर टनल का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही इन टनलों में हर 250 मीटर की दूरी पर एक-एक क्रॉस पैसेज का प्रावधान किया गया है. यानी दोनों टनल के बीच एक ऐसा हिस्सा, जिससे आवश्यकता या आपातकाल में एक टनल से दूसरी टनल के बीच आवागमन किया जा सके. यह क्रॉस पैसेज भूमिगत भाग में ट्रेनों के परिचालन और आपातकाल में यात्रियों की सुरक्षा में सहायक होते हैं. किसी आपातकालीन स्थिति में यदि किन्हीं अप्रत्याशित कारणों से एक टनल में ट्रेन का परिचालन रुक जाता है, तब इन क्रॉस पैसेज के माध्यम से यात्रियों को दूसरी टनल से बाहर निकाला जा सकता है.
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर मेरठ में कुल 6 टनल का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें कुल 9 क्रॉस-पैसेज निर्मित किए जाएंगे. भैंसाली से मेरठ सेंट्रल के बीच निर्माणाधीन लगभग 2 किमी लंबी दोनों समानांतर टनल में कुल 6 क्रॉस पैसेज, भैंसाली से बेगमपुल के बीच लगभग 1 किमी लंबी दोनों समानांतर टनल में कुल 2 क्रॉस पैसेज और गांधी बाग से बेगमपुल के बीच लगभग 700 मी लंबी दोनों समानांतर टनल में 1 क्रॉस-पैसेज का निर्माण किया जाएगा.
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वहीं, दिल्ली में आरआरटीएस कॉरिडोर पर कुल 4 टनल का निर्माण किया जाना है, जिनमें कुल 12 क्रॉस-पैसेज निर्मित किए जाएंगे. न्यू अशोक नगर से आनंद विहार के बीच निर्माणाधीन 3 किमी लंबी दोनों समानांतर टनलों में कुल 8 क्रॉस-पैसेज और आनंद विहार से साहिबाबाद के बीच निर्माणाधीन 2 किमी लंबी दोनों समानांतर टनलों में कुल 4 क्रॉस-पैसेज का निर्माण किया जाएगा.
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