नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय से रुके रहने के बाद भारतीय मुक्केबाजों का राष्ट्रीय शिविर शुरू हो गया है. मुक्केबाज अब अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए कड़ी ट्रेनिंग कर रहे हैं.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, संपर्क ट्रेनिंग की अनुमति नहीं है, इसलिए मुक्केबाज सामान्य अभ्यास के लिए रुके हुए हैं. यही बात कोचों को परेशान करने लगी है और यही मुक्केबाजों के बीच ऊब पैदा कर सकता है.
ऐसे में कोचों ने सभी पुरुष और महिला मुक्केबाजों के लिए एक 'टीम बॉन्डिंग' दिन आयोजित करने का फैसला किया.
एक मुक्केबाज के अनुसार, पांच समूह बनाए गए थे और मुक्केबाजों और कोचों के बीच विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया था.
उन्होंने कहा, "पिछले शनिवार को हमने फुटबॉल मैच खेला, एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लिया और इस तरह की अन्य गतिविधियां हुईं, ताकि हम अपने नियमित प्रशिक्षण से ऊब न जाएं."
उन्होंने कहा, "ये एक अच्छा दिन था. बहुत ही मनोरंजक रहा. हम सभी ने इसका भरपूर आनंद लिया. ये वास्तव में हमें दिमाग और शरीर को एक्टिव रखने में मदद करता है और एक ही समय में शांत रहता है. इसे नियमित रूप से किया जाना चाहिए."
इस बीच, भारतीय महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन भी शिविर से जुड़ चुकी हैं. लवलीना असम में लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण घर में फंसी हुई थीं.
लवलीना ने कहा, "हां, मैं कुछ दिन पहले ही शिविर से जुड़ी हूं. कोविड-19 प्रोटोकॉल के कारण अपनी ट्रेनिंग शुरू करने में मुझे कुछ समय इंतजार करना पड़ेगा."
लवलीना को इस साल प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. वह अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी हैं.
उन्होंने कहा, "ये एक बहुत बड़ा सम्मान है और मुझे ओलंपिक सहित आने वाले वर्षो में और भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा. ये सम्मान देने के लिए मैं खेल मंत्रालय और समिति (खेल पुरस्कार) को धन्यवाद देना चाहती हूं."