ETV Bharat / sports

रणजी ट्रॉफी फाइनल जीतने पर बोले चंद्रकांत पंडित, 23 साल पहले जो नहीं हुआ, उसे 2022 में करने में सफल रहे - मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित

मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित भावुक नजर आए और इस क्षण के लिए भगवान को धन्यवाद दिया कि जो वह कप्तान के रूप में 1998/99 में नहीं कर पाये, वह 2022 में कर दिखाया. उस समय, 1998/99 में कर्नाटक ने रणजी ट्रॉफी उठाने के लिए एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मध्य प्रदेश को 96 रनों से हरा दिया था. तब पंडित मध्य प्रदेश के कप्तान के रूप में ट्रॉफी जीतने से चूक गए थे.

cricket  Ranji Trophy Final  A blessing that what was left 23 years  achieved in 2022  says Chandrakant Pandit  coach  रजत पाटीदार  मध्य प्रदेश  मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित  कोच भावुक नजर आए
Ranji Trophy Final
author img

By

Published : Jun 26, 2022, 7:46 PM IST

बेंगलुरु: रजत पाटीदार ने विजयी रन बनाकर मध्य प्रदेश को पहली बार रणजी ट्राफी का खिताब दिलाया, जिसके बाद उनके मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित की चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी. वह मध्य प्रदेश के खिलाड़ी पाटीदार को गले लगाने के लिए मैदान में आए. कोच भावुक नजर आए और इस क्षण के लिए भगवान को धन्यवाद दिया कि जो वह कप्तान के रूप में 1998/99 में नहीं कर पाये, वह 2022 में कर दिखाया.

उस समय, 1998/99 में कर्नाटक ने रणजी ट्रॉफी उठाने के लिए एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मध्य प्रदेश को 96 रनों से हरा दिया था. तब पंडित मध्य प्रदेश के कप्तान के रूप में ट्रॉफी जीतने से चूक गए थे.

23 साल बाद रविवार को, पंडित के लिए वास्तव में वह क्षण फिर से आया, जब उनकी कोचिंग के तहत मध्य प्रदेश ने पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतने के लिए मुंबई को छह विकेट से हराया, जिसके बाद पंडित के चेहरे पर हंसी थी और खिलाड़ियों ने अपने कंधों पर उठा लिया था.

यह भी पढ़ें: घरेलू क्रिकेट का नया चैंपियन: मध्य प्रदेश पहली बार जीता रणजी ट्रॉफी का खिताब

मैच के बाद पंडित ने कहा, यह एक शानदार जीत है कि मैं 23 साल पहले, जो नहीं कर पाया था, उसे 2022 में उसी मैदान पर करने में कामयाब रहा. मैं थोड़ा भावुक हूं और यह ट्रॉफी जीतना शानदार था. पिता ऐसा नहीं कर सके, लेकिन बेटे (कप्तान आदित्य श्रीवास्तव) ने 23 साल बाद एमपी के लिए ऐसा किया. यह मेरे लिए भावुक क्षण है, क्योंकि मैं उसी मैदान पर कप्तान के रूप में चूक गया था.

मध्य प्रदेश को कोचिंग देने का प्रस्ताव कैसे आया इस बारे में पूछे जाने पर, भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज ने बताया, यह कोई विशेष कारण नहीं है, लेकिन मैं एक चुनौतीपूर्ण नौकरी की तलाश में था, जहां टीमें अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी, वहां मैंने युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का काम लिया. मैं एमपी के लिए छह साल खेला था, इसलिए मुझे एमपी का कोच बनने में बिल्कुल संकोच नहीं हुआ.

पंडित ने मध्य प्रदेश के कप्तान और अब रणजी ट्रॉफी विजेता कप्तान आदित्य श्रीवास्तव की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, आदित्य एक शानदार कप्तान हैं, हम जिन योजनाओं और रणनीतियों पर चर्चा करते हैं, वह उन्हें मैदान पर लागू करने से डरते नहीं थे. कप्तान टीम को 50 प्रतिशत जीत दिलाते हैं और उन्होंने शानदार काम किया, भले ही वह ज्यादा रन नहीं बना सकें.

खिलाड़ियों के कंधों पर उठाये जाने के बाद, पंडित ने मध्य प्रदेश की पूरी टीम को एक पंक्ति में खड़ा कर दिया और उन सभी ने दर्शकों का शुक्रिया अदा करने से पहले कैमरे के सामने झुककर प्रणाम किया.

बेंगलुरु: रजत पाटीदार ने विजयी रन बनाकर मध्य प्रदेश को पहली बार रणजी ट्राफी का खिताब दिलाया, जिसके बाद उनके मुख्य कोच चंद्रकांत पंडित की चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी. वह मध्य प्रदेश के खिलाड़ी पाटीदार को गले लगाने के लिए मैदान में आए. कोच भावुक नजर आए और इस क्षण के लिए भगवान को धन्यवाद दिया कि जो वह कप्तान के रूप में 1998/99 में नहीं कर पाये, वह 2022 में कर दिखाया.

उस समय, 1998/99 में कर्नाटक ने रणजी ट्रॉफी उठाने के लिए एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मध्य प्रदेश को 96 रनों से हरा दिया था. तब पंडित मध्य प्रदेश के कप्तान के रूप में ट्रॉफी जीतने से चूक गए थे.

23 साल बाद रविवार को, पंडित के लिए वास्तव में वह क्षण फिर से आया, जब उनकी कोचिंग के तहत मध्य प्रदेश ने पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतने के लिए मुंबई को छह विकेट से हराया, जिसके बाद पंडित के चेहरे पर हंसी थी और खिलाड़ियों ने अपने कंधों पर उठा लिया था.

यह भी पढ़ें: घरेलू क्रिकेट का नया चैंपियन: मध्य प्रदेश पहली बार जीता रणजी ट्रॉफी का खिताब

मैच के बाद पंडित ने कहा, यह एक शानदार जीत है कि मैं 23 साल पहले, जो नहीं कर पाया था, उसे 2022 में उसी मैदान पर करने में कामयाब रहा. मैं थोड़ा भावुक हूं और यह ट्रॉफी जीतना शानदार था. पिता ऐसा नहीं कर सके, लेकिन बेटे (कप्तान आदित्य श्रीवास्तव) ने 23 साल बाद एमपी के लिए ऐसा किया. यह मेरे लिए भावुक क्षण है, क्योंकि मैं उसी मैदान पर कप्तान के रूप में चूक गया था.

मध्य प्रदेश को कोचिंग देने का प्रस्ताव कैसे आया इस बारे में पूछे जाने पर, भारत के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज ने बताया, यह कोई विशेष कारण नहीं है, लेकिन मैं एक चुनौतीपूर्ण नौकरी की तलाश में था, जहां टीमें अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी, वहां मैंने युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का काम लिया. मैं एमपी के लिए छह साल खेला था, इसलिए मुझे एमपी का कोच बनने में बिल्कुल संकोच नहीं हुआ.

पंडित ने मध्य प्रदेश के कप्तान और अब रणजी ट्रॉफी विजेता कप्तान आदित्य श्रीवास्तव की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, आदित्य एक शानदार कप्तान हैं, हम जिन योजनाओं और रणनीतियों पर चर्चा करते हैं, वह उन्हें मैदान पर लागू करने से डरते नहीं थे. कप्तान टीम को 50 प्रतिशत जीत दिलाते हैं और उन्होंने शानदार काम किया, भले ही वह ज्यादा रन नहीं बना सकें.

खिलाड़ियों के कंधों पर उठाये जाने के बाद, पंडित ने मध्य प्रदेश की पूरी टीम को एक पंक्ति में खड़ा कर दिया और उन सभी ने दर्शकों का शुक्रिया अदा करने से पहले कैमरे के सामने झुककर प्रणाम किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.