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सचिन शुरुआती दिनों से ही बेहद प्रतिभाशाली थे : डैनी मॉरिसन

डैनी मॉरिसन ने कहा, "केन रदरफोर्ड ने भारत के खिलाफ अध्यक्ष एकादश में से एक की कप्तानी की और सचिन उस दौरे पर खेले थे. मुझे याद है कि रदरफोर्ड ने टीम बैठक में चर्चा करते हुए था, इस खिलाड़ी के पास बहुत समय है और वो बहुत ही प्रतिभाशाली दिखते है."

danny morrison
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Published : Jul 31, 2020, 5:23 PM IST

ऑकलैंड: न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज डैनी मॉरिसन ने कहा है कि दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर अपने शुरुआती दिनों से ही बेहद प्रतिभाशाली दिखते थे.

मॉरिसन ने कहा, "केन रदरफोर्ड ने भारत के खिलाफ अध्यक्ष एकादश में से एक की कप्तानी की और सचिन उस दौरे पर खेले थे. मुझे याद है कि रदरफोर्ड ने टीम बैठक में चर्चा करते हुए था, इस खिलाड़ी के पास बहुत समय है और वो बहुत ही प्रतिभाशाली दिखते है. मुझे लगता है कि एक तरह से यह हास्यास्पद था क्योंकि वह उस लड़के की तरह थे जो स्कूल के पहले वर्ष में होते हैं. वह 17 वर्ष के थे."

sachin tendulkar
सचिन तेंदुलकर

मशहूर कमेंटेटर ने कहा, "मेरा मतलब है कि यह डराने वाला था, क्योंकि हम सभी के लिए, यह पहला टेस्ट मैच, पहली सीरीज थी. मुझे लगता है कि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेला था. वास्तव में यह उनकी पहली पूर्ण सीरीज थी और वह भी हेडली के खिलाफ थी, जोकि अपने करियर के ढलान पर थे, लेकिन एक बेहतरीन गेंदबाज थे."

तेंदुलकर ने उस मैच में 88 रनों की पारी खेली थी और वह सबसे कम उम्र में टेस्ट शतक बनाने वाले बल्लेबाज बनने के कगार पर थे और साथ ही मुश्ताक मोहम्मद के रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब थे, जिन्होंने 17 साल और 78 दिन की उम्र में 1961 में भारत के खिलाफ 101 रन बनाया था.

मॉरिसन ने कहा, "जब मैं उन्हें देखता हूं और याद करता हूं, तो हां, मुझे उनके एक या दो शॉट याद हैं. मुझे याद है कि उन्होंने नेपियर में 88 रन बनाए थे और वह ज्यादा जल्दी में थे! मुझे लगता है कि उन्होंने इस एक ओवर में मुझे तीन चौके मारे थे और आप देख सकते हैं कि वह चलते रहना चाहते थे. वह मिड ऑफ पर मुझे शॉट मारने के प्रयास में जॉन राइट के हाथों आउट हुए थे."

ऑकलैंड: न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज डैनी मॉरिसन ने कहा है कि दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर अपने शुरुआती दिनों से ही बेहद प्रतिभाशाली दिखते थे.

मॉरिसन ने कहा, "केन रदरफोर्ड ने भारत के खिलाफ अध्यक्ष एकादश में से एक की कप्तानी की और सचिन उस दौरे पर खेले थे. मुझे याद है कि रदरफोर्ड ने टीम बैठक में चर्चा करते हुए था, इस खिलाड़ी के पास बहुत समय है और वो बहुत ही प्रतिभाशाली दिखते है. मुझे लगता है कि एक तरह से यह हास्यास्पद था क्योंकि वह उस लड़के की तरह थे जो स्कूल के पहले वर्ष में होते हैं. वह 17 वर्ष के थे."

sachin tendulkar
सचिन तेंदुलकर

मशहूर कमेंटेटर ने कहा, "मेरा मतलब है कि यह डराने वाला था, क्योंकि हम सभी के लिए, यह पहला टेस्ट मैच, पहली सीरीज थी. मुझे लगता है कि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेला था. वास्तव में यह उनकी पहली पूर्ण सीरीज थी और वह भी हेडली के खिलाफ थी, जोकि अपने करियर के ढलान पर थे, लेकिन एक बेहतरीन गेंदबाज थे."

तेंदुलकर ने उस मैच में 88 रनों की पारी खेली थी और वह सबसे कम उम्र में टेस्ट शतक बनाने वाले बल्लेबाज बनने के कगार पर थे और साथ ही मुश्ताक मोहम्मद के रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब थे, जिन्होंने 17 साल और 78 दिन की उम्र में 1961 में भारत के खिलाफ 101 रन बनाया था.

मॉरिसन ने कहा, "जब मैं उन्हें देखता हूं और याद करता हूं, तो हां, मुझे उनके एक या दो शॉट याद हैं. मुझे याद है कि उन्होंने नेपियर में 88 रन बनाए थे और वह ज्यादा जल्दी में थे! मुझे लगता है कि उन्होंने इस एक ओवर में मुझे तीन चौके मारे थे और आप देख सकते हैं कि वह चलते रहना चाहते थे. वह मिड ऑफ पर मुझे शॉट मारने के प्रयास में जॉन राइट के हाथों आउट हुए थे."

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