मुंबई : कोरोनावायरस के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 13वां सीजन टाल दिया गया है. इस समय पूरे भारत में लॉकडाउन लागू है. ऐसे में फ्रेंचाइजी अपनी अगली बैठक के बारे में फैसला लेने से पहले 14 अप्रैल को जारी होने वाली सरकार की एडवाइजरी का इंतजार कर रही हैं.
एक फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा है कि जब भविष्य को लेकर अनिश्चित्ता हो तो बैठक करने का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने साथ ही कहा है कि एक बार जब लॉकडाउन खत्म हो जाए और सरकार नई एडवाइजरी जारी करे, तब स्थिति साफ होगी.
अधिकारी ने कहा कि हमने आखिरी बैठक बीसीसीआई मुख्यालय पर की थी और इसके बाद अगली बैठक रद हो गई. इसलिए कोरोनावायरस को लेकर सरकार की नीति का पता लगाना जरूरी है. 21 दिन का लॉकडाउन एक बार खत्म हो जाए तो हमें इस पर स्थिति साफ हो जाएगी और हमें पता चल जाएगा कि कोविड-19 से लड़ाई के लिए आगे क्या करना है. एक बार जब यह स्थिति साफ हो जाए तो हम बैठक करेंगे और आगे की राह के बारे में बात करेंगे. मालिक तभी मिल सकते हैं जब एक बार नई एडवाइजरी जारी हो जाएगी.
ऐसी भी चर्चा है कि आईपीएल बिना विदेशी खिलाड़ियों के हो सकता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बंद हैं. लेकिन एक फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा कि एक फ्रेंचाइजी को लगता है कि आईपीएल बिना विदेशी खिलाड़ियों के हो सकता है लेकिन बाकी फ्रेंचाइजी विदेशी खिलाड़ी चाहती हैं.
अधिकारी ने कहा कि आपको क्यों लगता है कि अक्टूबर-नवंबर की समय सीमा पर देखा जाना चाहिए? वो इसलिए क्योंकि हम पूरा आईपीएल चाहते हैं जिसमें विदेशी खिलाड़ी भी हों. अगर मान लीजिए कि अंतरराष्ट्रीय सीमाएं अभी से छह महीने के लिए बंद हो जाती हैं तो भी तब तक खुल जाएंगी. हां, हर फ्रेंचाइजी अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि यहआखिरी विकल्प होगा क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो आईपीएल की भव्यता खत्म हो जाएगी.