नई दिल्ली : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे और अंतिम वनडे के बाद अंतर्राष्ट्रीय मैचों की शेड्यूलिंग की आलोचना की थी और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने खिलाड़ियों पर यह फैसला छोड़ दिया था कि अगर उन्हें जरूरत महसूस होती है तो वे मैचों से ब्रेक ले सकते हैं.
कोहली ने रविवार को कहा था, "भविष्य में शेड्यूलिंग पर ध्यान देने की जरूरत है. आप सभी से एक ही समय पर एक समान स्तर की मानसिक मजबूती की अपेक्षा नहीं कर सकते. आपको कभी कभी इसमें थोड़ बदलाव की जरूरत महसूस होगी."
हालांकि, आईएएनएस के पास मौजूद जानकारी के मुताबिक, बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को सभी मैच खेलने के लिए मजबूर नहीं किया था.
बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, "कोविड-19 के समय में आप एक हद तक कार्यक्रम की योजना बना सकते हैं, लेकिन हर स्थिति का पूवार्भास नहीं करेंगे. यह कैसे होने वाला है या यह एक निश्चित अवधि में कैसे समाप्त हो जाएगा? जिस तरह की हमारी बेंच-स्ट्रेंथ है, उसे देखते हुए अगर कोई ब्रेक लेना चाहता है तो आराम दिया जा सकता है."
सूत्र ने पुष्टि कि है कि बोर्ड ने किसी भी खिलाड़ी को सभी मैच खेलने के लिए मजबूर नहीं किया था और उपलब्ध बेंच-स्ट्रेंथ को देखते हुए उन्हें आराम करने का विकल्प दिया था.
कोहली ने हाल ही में कहा था कि खिलाड़ियों के एक बड़े पूल के साथ भारत एक मजबूत स्थिति में है.
कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे के बाद कहा था, "हर मौके के लिए हमारे पास दो-तीन खिलाड़ी उपलब्ध हैं. भारतीय क्रिकेट के लिए एक अच्छा संकेत है. अभी हम सही रास्ते पर हैं और खिलाड़ियों का चयन करने के लिए एक बड़ा पूल है."
दूसरी बात यह है खिलाड़ियों की यह शिकायत अंतर्राष्ट्रीय मैचों के शेड्यूलिंग को लेकर है, न कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैचों को लेकर.
बीसीसीआई अधिकारियों ने कहा कि क्या वे आईपीएल मैचों से बाहर निकलेंगे और क्या उन्होंने इसके बारे में शिकायत की है?
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अधिकारी ने कहा, "बीसीसीआई इस बारे में कुछ नहीं कर सकता. यह पैसों का मामला है. इससे मिलने वाले पैसे बीसीसीआई को घरेलू क्रिकेट को चलाने में मदद करता है."