मुंबई : लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी रिलीज हुई. बॉलीवुड एक्टर विवेक ओबेरॉय इस फिल्म में पीएम मोदी का किरदार निभा रहे हैं. फिल्म के ट्रेलर और कई पोस्टर्स सामने आ चुके हैं. लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी की जीत के बाद अब ये देखना है कि विवेक ओबेरॉय की फिल्म दर्शकों का दिल जीतती है या नहीं.
अगर आप भी फिल्म देखने जाने की सोच रहे हैं तो पहले इसके रिव्यू पर नजर डाल लें. फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी को मशहूर डायरेक्टर ओमंग कुमार ने डायरेक्ट किया है. ये उनकी पहली बायोपिक नहीं है, वे इससे पहले मैरी कॉम और सरबजीत जैसी उम्दा फिल्में दे चुके हैं. लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी में वे अपना जादू नहीं चला पाए.
एक्टिंग से लेकर कैरेक्टर्स, सीन्स, राइटिंग और डायरेक्शन में कई खामियां देखने को मिली. पीएम मोदी की जिंदगी कई उतार-चढ़ावों से भरी रही हैं. वहीं दूसरी तरफ उनकी जिंदगी में कई विवाद भी रहे. फिल्म दोनों का संतुलन नहीं रख पाई.
एक्टिंग...
एक्टिंग की अगर बात करें तो विवेक ओबेरॉय ने ठीक-ठाक एक्टिंग की है, लेकिन पूरी फिल्म में ये बहुत इंप्रेसिव नहीं रही. फिल्म के सेकंड हाफ में पीएम मोदी की रैली और उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले के सफर पर फोकस किया गया.
इस दौरान दिखाए गए पीएम मोदी के भाषण में विवेक ने अपनी भाषा को बखूबी पकड़ा और उन्हीं के अंदाज में स्पीच दी. इसके लिए विवेक को एक्स्ट्रा मार्क्स दिए जा सकते हैं. वहीं उनका लुक भी पीएम मोदी से मिलता-जुलता दिखाने की भरसक कोशिश की गई.
स्क्रिप्ट और डायरेक्शन..
एक्टर्स ने जहां फिल्म के साथ न्याय करने की पूरी कोशिश की, वहीं इसकी राइटिंग और स्क्रिप्ट फिल्म की कमजोरी रही. फिल्म में निरंतरता नहीं दिखी. फिल्म में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की मजबूत पार्टनरशिप की बात कही गई, लेकिन इसे इतना अटेशन नहीं दिया गया.
मूवी में सपोर्टिंग कास्ट को ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं दिया गया और पूरा फोकस पीएम मोदी पर ही रखा गया. फिल्म में कुछ सीन्स जबरदस्ती घुसाए हुए लगे, जिन्हें आसानी से एडिटिंग में हटाया जा सकता था. अगर आप पीएम मोदी के फैन हैं तो आपको ये फिल्म पसंद आएगी, लेकिन अगर आप अच्छे कंटेंट की तलाश में ये फिल्म देखने जा रहे हैं तो आपको निराशा हो सकती है.
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